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महारानी लक्ष्मीीबाई के जन्म: दिवस पर भारत विकास परिषद ने किया कार्यक्रम का आयोजन



 03/Nov/21

महारानी लक्ष्मीबाई के जन्म दिवस पर आज भारत विकास परिषद की ओर से जेएचवी माल के सामने स्थापित लक्ष्मीबाई की मूर्ति के सामने कार्यक्रम आयोजित किया गया। काशी की वीरांगना बेटी महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिन पर मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी ने चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और भारत विकास परिषद की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम आयोजित करके आज की पीढ़ी की बच्चियों महिलाओं लिए कर्मशीलता, अनुशासन, त्याग और बलिदान की भावना जैसे आदर्श प्रस्तुत करना सराहनीय कार्य है। उन्होंने लक्ष्मीबाई के विठूर के जीवन काल और युद्ध कौशल के प्रशिक्षण आदि का वर्णन किया और कहा कि भारत की संस्कृति ऐसी है कि हम अपना सिर कटा देंगे लेकिन किसी गैर भारतीय के हाथ में अपनी सत्ता नहीं सौंपेंगे। यह दिखाता है कि त्याग और बलिदान की भावना जिसके संस्कारों में होती है जो समाज के लिये बलिदान देता है उसे ही समाज याद रखता है।

भारत विकास परिषद् ने ऐसी भावना को आत्मसात करते हुए यह कार्यक्रम आयोजित किया है। जब किसी के पास इतनी आर्थिक सम्पन्नता इतनी आ जाये कि उसके परिवार का पोषण हो सके तो निश्चित रूप से उसको समाज को भी कुछ देने की चेष्टा करनी चाहिए। आप लोगों में से अधिकतर लोग ऐसी ही प्रेरणा से जुड़े हैं और निजी श्रोत से देश भक्ति के ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए। भारतीय संस्कृति में महिलाओं का जितना सशक्तीकरण है उतना कहीं हो ही नहीं सकता और रानी लक्ष्मीबाई इसका जीता-जागता उदाहरण हैं जिनका जन्म काशी में हुआ। महिलाओं को घर के काम करने के बाद समाज सेवा करना बहुत बड़ा चैलेंज है।ऐसे में जो समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान करने वाली महिलाओं को वीरांगना पुरस्कार की शुरुआत करना एक सराहनीय कदम है। उन्होंने मौके पर उपस्थित ऐसे समाज सेवियों की सराहना की जिन्होंने कोविड काल में नि: स्वार्थ भाव से लोगों की मदद करते हुए लोगों की जीवन सुरक्षा की।


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