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सुप्रीम कोर्ट ने खोला अपराधमुक्त प्रदेश का काला चिट्ठा- विकास सिंह



 11/Nov/21

लखीमपुर कांड में कई गयी टिप्पणी से बीजेपी की सच्चाई हुई उजागर

प्रदेश में चरम पर अपराध और इसके प्रति लापरवाह सरकार एवं प्रशासन की विफलता का परिणाम है कि आज प्रदेश में आम जनता हत्या,लूट, छिनैती एवम अन्य आपराधिक गतिविधियों से त्रस्त है। प्रदेश में अपराधियों के बढ़े हुए हौसले का ही परिणाम है कि भाजपा के सरकार में अनेकों जगहों पर अधिवक्ताओं की हत्याएं, लूट इत्यादि की घटनाओं में इजाफा हुआ हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा लखीमपुर खीरी में हुई घटना पर उत्तर प्रदेश सरकार के ऊपर अपराधियों का संरक्षण देने के मामले में कई गयी टिप्पणी से इस बात की पुष्टि भी पूरी तरह से हो गयी। उक्त बातें युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अधिवक्ता विकास सिंह ने कही।

प्रदेश सचिव ने कहा कि भाजपा सरकार में कानून-व्यवस्था की स्थिति व इस सम्बंध में सरकारी दावों की स्थितियों को खंगाला जाए और जमीनी हकीकत को टटोला जाए तो स्थितियां ठीक नही नजर आती। अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश के दावों के साथ आई भाजपा की नीतियों ने प्रदेश को अपराध युक्त बना कर रख दिया हैं। महिलाओं की सुरक्षा पर असंवेदनशील और असफल बीजेपी सरकार में उत्तर प्रदेश दुराचार प्रदेश बन गया है। उन्होंने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की इस साल जनवरी में आई सालाना रिपोर्ट कहती है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है।किडनैपिंग और फ़िरौती मांगने की घटनाएं लंबे समय से सुनने में नहीं आती थीं, लेकिन ये घटनाएं अब आम हो चुकी हैं। ऐसे में अपराध कम हुए हैं, ये कैसे माना जा सकता है?

अधि. विकास सिंह ने कहा कि 'राज्य' में सरकार का यह दायित्व होता है कि वह नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी का निर्वहन करे।कानून, दंड और बेहतर प्रशासनिक कार्यकुशलता से समाज मे अपराधियों पर लगाम लगा कर नागरिकों का सरकार और राज्य के प्रति विश्वास को सुदृढ करे, लेकिन इन सारी कसौटियों पर प्रदेश में भाजपा सरकार की नीतिगत और व्यवहारिक कमियां निकल कर सामने आयी हैं। सरकार अधिवक्ताओं के सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नही उठा रही।प्रदेश में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग कई सालों से की जा रही पर सरकार की चुप्पी निराशाजनक है। इसी तरह अपराध होने के बाद पुलिस की कार्रवाई कितनी तत्परता और सही तरीक़े से होती है, वह मायने रखती है, किंतु पुलिस की लचर कार्यप्रणाली को सुदृढ करने ,महिला अपराध, हत्या, लूट, ठगी और साइबर क्राइम की घटनाओं के रोकथाम के लिए भी ठोस एवम प्रभावी कदम नही उठाया जा रहा है जिससे अपराधियो में क़ानून का भय नही रह गया हैं।


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