हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित चार दिवसीय ‘उत्तर एवं पूर्वोत्तर भारत हिन्दू अधिवेशन’ ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’ के उद्घोष के साथ उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, बिहार, झारखंड, बंगाल, नई दिल्ली, ओडिशा, आसाम, त्रिपुरा, अरूणाचल प्रदेश इत्यादि राज्यों से आए हिन्दू धर्मप्रेमी संगठनों के प्रमुख, अधिवक्ता, पत्रकार इत्यादि 164 मान्यवर इस अधिवेशन में सम्मिलित हुए।
वाराणसी में 21 से 24 नवंबर की कालावधि में आयोजित इस अधिवेशन में हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों ने हिन्दू राष्ट्र जागृति के संबंधित उपक्रम पूरे उत्तर एवं पूर्वोत्तर भारत में चलाने हेतु समान कृति कार्यक्रम निश्चित किए ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे जी ने पराडकर भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में दी। हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर एवं पूर्वोत्तर भारत के मार्गदर्शक पू. नीलेश सिंगबाळ, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस जी तथा इंडिया विथ विसडम के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कमलेशचंद्र त्रिपाठी जी उपस्थित थे।
इस अधिवेशन में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित हुए -
1. भारतीय संसद बहुसंख्यक हिन्दू समाज को न्यायोचित अधिकार दिलाने हेतु देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करे। इस हेतु सर्व हिन्दू संगठन वैध मार्ग से प्रयत्न करेंगें।
2. नेपाल हिन्दू राष्ट्र घोषित हो, इसके लिए ‘उत्तर एवं पूर्वोत्तर भारत हिन्दू अधिवेशन’ का संपूर्ण समर्थन है।
3. करोडो हिन्दुओं के आस्था के केंद्र प्रभु श्रीराम का अयोध्या मे भव्य मंदिर के निर्माण के संदर्भ में तुरंत निर्णय ले।
4. केंद्रशासन हिन्दू समाज की तीव्र भावना ध्यान में रखकर संपूर्ण देश में गोवंशहत्याबंदी तथा धर्म-परिवर्तन पर बंदी करे।
5. पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं श्रीलंका के हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचारों की पूछताछ आंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन, साथ ही भारत शासन द्वारा की जाए और वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं को सुरक्षा प्रदान की जाए।
6. विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं का पुनश्च जम्मू-कश्मीर में पुनर्वसन किया जाए। इसके लिए कश्मीर घाटी में ‘पनून कश्मीर’ इस स्वतंत्र केंद्रशासित प्रदेश की निर्मिति की जाए।
7. परकीय आक्रांताओं द्वारा बदले हुए नगरों के नाम बदलकर प्राचीनतम इतिहास के आधार पर रखने के लिए ‘केंद्रीय नगर नामकरण आयोग’ गठित किया जाए।