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विश्व सीओपीडी दिवस पर ब्रेथ ईज़ी ने निकाली जन-जागरूकता रैली



 26/Nov/18

बच्चे बूढ़े और जवान सभी के फेफड़े हो रहे बेजान डॉ. एस.के पाठक

वाराणसी के अस्‍सी स्थित ब्रेथ ईजी टीबी चेस्ट, एलर्जी केयर सेंटर द्वारा विश्व सीओपीडी दिवस के उपलक्ष में एक जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गयाI  इस जन जागरूकता रैली की शुरुआत डॉ. एसके पाठक (वरिष्ठ टी.बी, श्वांस एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ) व श्रीमती सुनीता पाठक (निदेशिका, ब्रेथ ईज़ी) ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर कियाI ब्रेथ ईजी अस्सी, वाराणसी से शुरू की गयी स्वास्थ्य जन जागरूकता रैली, लंका- दुर्गाकुंड-सोनारपुरा मार्ग से होते हुए अस्सी घाट पर समाप्त हुईI इस रैली में शहर के 150 से भी ज्यादा युवा, सम्मनित नागरिक व ब्रेथ ईजी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सदस्य ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लियाI

रैली के बाद डॉ एसके पाठक के नेतृत्व में एक पेशेंट एजुकेशन प्रोग्राम व चिकित्सा शिविर का आयोजन अस्सी स्थित सुबह-ए-बनारस मंच पे किया गया, जिसका उद्घाटन डॉ. एसके पाठक, डॉ. रत्नेश वर्मा प्रबंधक-सुबह-ए-बनारस, प्रमोद मिश्रा व देवेन्द्र मिश्रा संयोजक-सुबह-ए-बनारस, ने संयुक्त रूप से कियाI

मरीजों को समझाते हुए डॉ. पाठक ने बताया किक्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज सीओपीडी होने पर सांस लेने में मुश्किल आने लगती है। लेकिन यह समस्या कई सालों में धीरे-धीरे विकसित होती है और इसमें आप इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि यह बीमारी आपको कब से है। सीओपीडी से ग्रसित अधिकांश लोग इस समस्या के आम लक्षणों को तब तक जान नहीं पाते हैं, जब तक कि वो 40 से 50 की आयु तक नहीं पहुंचते। डॉ. पाठक ने मरीजों को आगे बताया कि इस बीमारी में ब्रोन्कीअल ट्यूब में सूजन आने के कारण फेफड़ों में बलगम की समस्या शुरू हो जाती है, मरीज को हमेशा खांसी रहती है व सांस लेने में परेशानी होती है या सांस छोटी आती है। इसके लक्षण अस्थमा से मिलने के कारण कई बार लोग सीओपीडी को अस्थमा समझ बैठते हैं। लेकिन आपको बता दें सीओपीडी अस्थमा से कहीं ज्यादा गंभीर परेशानी है। समय से इसकी पहचान कर इलाज न मिलने से ये अपने पैर पसारती जाती है और धीरे-धीरे अन्य अंगों को भी अपनी चपेट में ले लेती है। कई बार ये व्यक्ति के जीवन को भी खतरे में डाल सकती है।

कार्यक्रम में ब्रेथ ईजी मोबाइल कैंप का भी आयोजन किया गया, जिसमे ब्रेथ ईजी वैन वाराणसी के प्रमुख चौराहों पर गयी व वहां के जनता की फेफड़ो की जाँच कंप्यूटर मशीन द्वारा की गयीI इनमे कुल 900 से भी अधिक लोगो के फेफड़ो की क्षमता मापी गयी, जिसमे 450 से भी अधिक लोग श्वांस व एलर्जी रोग से ग्रसित पाए गएI इन मरीजों को ब्रेथ ईजी में नि:शुल्क परामर्श के लिए बुलाया गयाI

रत्नेश वर्मा ने बताया कि ब्रेथ ईजी जन जागरूकता के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाता रहता हैं जिसमे नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर, क्लिनिक, जन जागरूकता रैली, मोबाइल कैंप प्रमुख हैंI डॉ. पाठक के नेतृत्व में हुई इस जन जागरूकता रैली में डॉ. इन्द्रपाल, सुनील उपाध्याय, अभिषेक केशरी, अश्विन पाठक, तेज जायसवाल, आकाश, रोहित, प्रतिमा, जे.पी, अखिलेश, रतन, संजय व ब्रेथ ईज़ी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सदस्य सम्मलित थेI


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