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खीस्त जयंती पर्वोत्सव का यही है संदेश सभी के साथ करें करुणामय एवं प्रेमपूर्ण व्यवहार



 23/Dec/21

ईसा मसीह के जन्म का संदेश समस्त जगत के लिए शांति, क्षमा एवं करुणा का है जहां बंधु स्नेह की सीमा शत्रु प्रेम है| उनकी शिक्षा हमारे जीवन से हिंसा, स्वार्थ, घृणा, अत्याचार एवं विभाजनकारी शक्तियों का अंत हो और सभी प्रेम, शांति एवं सद्भाव में जीवन बिता सकें| प्रभु ईसा का जन्म यह घोषित करता है कि ईश्वर ने मानव अवतार लिया है हमारे बीच निवास करने एवं हमारी मानवी परिस्थितियों में हमारा सहचर बनकर कर साथ देने हेतु, सचमुच सृष्टिकर्ता ने दीन स्वभाव धारण कर हमारा साथ देने की कृपा किए हैंखीस्त जयंती पर्वोत्सव सबको आमंत्रित करता है कि हम अपने जरूरतमंद भाई बहनों के साथ करुणामय एवं प्रेमपूर्ण व्यवहार करें| जिससे हम "वसुंधेय कुटुंबकम" सनातन परंपरा को सजीव बना सके। सारा विश्व कोरोना महामारी का बड़े साहस एवं धैर्य से सामना कर रहा है एक बेहतर कल के लिए। यह अवधि ईसाई भाई बहनों के लिए अपने विश्वास के नवीनीकरण के लिए आमंत्रित करता है| यह नवीनता अनंत जीवन का सूचक है जिसे प्रभु ईसा ने देने का वचन दिया है
कि खीस्त जयंती समारोह सभी नगरवासियों में नई आशा का संचार करें और सब के लिए कल्याणकारी हो।
बनारस एवं निकटवर्ती प्रांतों के चर्चों में धार्मिक पूजा-अर्चना अर्पित की जाएगी समस्त व लोगों की भलाई, सुरक्षा एवं स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना किया जायेगा।

ईसाई समुदाय अपने देश, देशवासियों एवं नगरवासियों के मंगलमय जीवन के लिए प्रार्थना वंदना अर्पित करेगा, इस अवसर पर हम सब अपने राष्ट्रीय एवं प्रांतीय शासकों के लिए विशेष प्रार्थना करते हैं, ताकि हम सब एक ऐसे समाज का निर्माण करें जहां न्याय शांति, भातृप्रेम, एकता सदा बनी रहे। ईसाई समुदाय जनकल्याण के कार्यों द्वारा जरूरतमंद भाई बहनों के साथ सहानुभूति व्यक्त करता है| विशेषकर बेघर अनाथ एवं दीन दुखी जनता के साथ है।

महामारी के सुरक्षा नियमों के अंतर्गत संत जॉन (बीएलडब्लू) प्रांगण में आयोजित किया जाएगा। जो नगर के दिव्यांगों के हित के लिए आयोजित किया जाता है| जिससे हम सब उनके साथ नववर्ष एवं खीस्त जयंती की खुशियां बांट सकें। प्रभु ईसा समाज के उपेक्षित एवं जन साधारण लोगों के साथ जीवन बिताएं उन्हीं के सदृश्य हम भी दीन दुखियों के कल्याण के लिए कार्य कर सकें| ईश्वर से करबद्ध प्रार्थना है कि हमारे बीच से हर प्रकार की हिंसा एवं शोषण मिट जाए और हमारे नेता, शासक एवं प्रशासक ज्ञान एवं बुद्धिमानी से अपने समाज का संचालन कर सके| जिससे हर भारतीय स्त्री पुरुष, बालक बालिका, बंधुत्व, समता, न्याय एवं स्वतंत्रता में जीवन बिता सकें।
सभी नगरवासियों को ईश्वर का अनुग्रह, शांति और आशीर्वाद मिले।


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