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शतरुद्र प्रकाश को भाजपा में जाने से राजनारायण जी के आत्मा को पहुंचीं ठेस : नन्हे खां



 01/Jan/22

वरिष्ठ सपा नेता व एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने समाजवादी पार्टी छोड़ शुक्रवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। उनके भाजपा में जानें से वाराणसी के रहने वाले पूर्व सपा पार्षद एवं लोकतंत्र सेनानी नन्हे खाँ ने क्लाउन टाइम्स से एक अनौपचारिक बातचीत में कहा कि शतरुद्र प्रकाश ने जो किया वह पार्टी के हक में अच्छा नहीं किया। इससे राजनारायण जी के आत्मा को ठेस पहुँची है। जबकि मुलायम सिंह यादव ने उनकों मंत्री बनवाया और जब मंत्री का कार्यकाल समाप्त हो गया तो एमएलसी बनाया। उसके बावजूद भी उन्होंने बहुत अच्छा सबक दिया समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय संरक्षक मुलायम सिंह यादव व राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को। नन्हे खां ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने उनको अपनी पार्टी में सम्मान दिया। उसके बावजूद भी शतरुद्र प्रकाश ने समाजवादी पार्टी के साथ भीतरघात किया। उन्होंने कहा कि शतरुद्र प्रकाश टिकट की लालच में भाजपा में गये हैं। उनकी सोच हैं कि कैंट से टिकट भाजपा से अगर मिल जायेगा तो हम विधायक बन जायेगें और फिर भाजपा सरकार में मंत्री। लेकिन अगर टिकट मिल भी गया तो हम समाजवादी लोग उनका जमकर विरोध करेंगे और जनता को बतायेगे की समाजवादी पार्टी ने और हरदिल अजीज हमारे नेता मुलायम सिंह यादव और अखिल यादव का जो व्यक्ति नहीं हुआ वह किसी और का क्या होगा। नन्हे खां ने यह भी कहा कि हम जनता को बतायेंगे की टिकट की लालच में जो व्यक्ति पार्टी के लोगों को धोखा दे सकता है वो कल भाजपा के भी साथ ऐसा ही करेगा। जो व्यक्ति धर्मनिरपेक्ष और सभी धर्मो का मसीहा उनका नहीं हुआ तो वो आने वाले समय में भी भाजपा के साथ यहीं करेगा जो आज मुलायम सिंह यादव के साथ किया। उन्होंने बताया कि सन् 1975 में आपात काल के दौरान जेल में मेरे साथ शतरुद्र प्रकाश की मुलाकात हुई और साथ ही जनेश्वर मिश्रा, अर्जुन सिंह भदोरिया, बादशाह अली, मोहन प्रकाश, चंचल कुमार, राधेश्याम सिंह, छोटे राधे आदि लोग सेंट्रल जेल में बंद थे। उसी समय शतरुद्र प्रकाश से मेरी मुलाकात पहली बार हुई थी। मैंने सोचा था कि शतरुद्र प्रकाश एक अच्छे समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे। लेकिन अफसोस है कि जो व्यक्ति सदन में और सड़कों पर अच्छा मार्गदर्शन दिया करते थे और विधान परिषद में सरकार की नाकामी को उजागर करते थे वह व्यक्ति आज सरकार का दोस्त हो गया। बड़े अफसोस के साथ कहना पड रहा है कि शतरुद्र प्रकाश मेरे सर्वप्रिय थे। लेकिन भाजपा में जाकर हमलोगों को अपने दुख महसूस हो रहा है।

 


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