नाबालिक किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने व उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपित को राहत मिल गई। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) त्रिभुवन नाथ की अदालत ने ढेलवरिया, जैतपुरा निवासी आरोपित राजकुमार मौर्य उर्फ रिंकू मौर्य को आरोप सिध्द न होने पर संदेह का लाभ देतें हुए बरी कर दिया। वहीं अदालत ने वादी मुकदमा अपने बयान से मुकरने के आरोप में उसके विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज कर धारा 344 की नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक कुमार दुबे व उनके सहयोगी विनीत सेठ और संतोष कुमार ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार ढेलवरिया, जैतपुरा निवासी वादी ने जैतपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप था कि उसकी नाबालिक पुत्री को 15 अगस्त 2015 को मोहल्ले का ही रहने वाला राजकुमार मौर्या उर्फ रिंकू बहला-फुसलाकर भगा ले गया। काफी खोजबीन के बाद भी उसकी पुत्री का कहीं पता नहीं चला। बाद में पुलिस ने विवेचना के दौरान अभियुक्त को चौकाघाट से गिरफ्तार किया था।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अभिषेक कुमार दुबे ने दलील दी कि पीड़िता ने 164 के बयान में स्पस्ट कहा है कि वह अपने मर्जी से घर छोड़कर दिल्ली चलीं गई थी। वह आरोपित को न जानती है न पहचानती है। ऐसे में आरोपित द्वारा उसे भगा ले जाना न दुष्कर्म करना संभव नहीं है। अदालत ने पत्रावली व साक्ष्यों के अवलोकन के बाद आरोपित को आरोप सिध्द न होने पर दोषमुक्त कर दिया।