पीसीएस परिणाम में सृजन आईएएस एकेडमी, वाराणसी के छात्रों ने लहराया परचम : डॉ. सुनील श्रीवास्तव
पिछले कई वर्षों में वाराणसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग का हब बनता जा रहा है। यहां के छात्रों सहित पूरे पूर्वांचल के छात्र अब बाहर जाने की बजाय यहां की विभिन्न कोचिंग संस्थाओं पर विश्वास करने लगे हैं। इसका कारण है हर वर्ष मिलने वाला परिणाम।
क्लाउन टाइम्स ने लंका स्थित सृजन आईएएस एकेडमी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. सुनील श्रीवास्तव से उनकी संस्था के बारे में की अनौपचारिक बातचीत।
डॉ. सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि सृजन आईएएस एकेडमी, वाराणसी की शुरुआत 2009 में 5 छात्रों से हुई जो अब बढ़कर 150 हो गई है। इसका सीधा श्रेय वे यहां के विशेषज्ञ व अनुभवी फैकल्टी को देते है जिनके प्रयासों द्वारा संस्था साल दर साल अच्छे परिणाम ला रही है। अभी हाल ही में फरवरी माह में घोषित यूपी पीसीएस तथा बिहार पीसीएस परीक्षा परिणामों में बिहार से स्वप्निल व पुरुषोत्तम सफल हुए है तथा यूपी से डॉ. अतुल गुप्ता ने 38 वीं रैंक प्राप्त करके एसडीएम पद प्राप्त किया तथा शुभम तोदी ने डिप्टी एस पी का पद प्राप्त किया।
शुरू में लोगों को वाराणसी में आईएएस कोचिंग ज्वाइन करने के लिए काफी सोचना पड़ता था किंतु अब परिणामों को देखकर लोगों का विश्वास बढ़ गया है।
डॉ सुनील ने आगे बताया कि सृजन आईएएस के एक्सपर्ट फैकल्टी मेम्बर 10 से 15 वर्षों से छात्रों को सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करवा रहे हैं। वे हर छात्र की कमजोरी को दूर करने हेतु उसको व्यक्तिगत रूप से गाइड करते हैं जिससे वो अपनी कमियों को दूर कर के प्री,मेन्स व इंटरव्यू में सफल हो। इसके अलावा परीक्षाओं पर आधारित प्रश्न बैंक व टेस्ट सीरीज की वे तैयारी करवाते हैं।
डॉ. सुनील ने आगे बताया कि सिविल सर्विसेज की परीक्षाओं में सफल होने के लिए जरूरी है कि छात्र अपने पूरे जुनून, धैर्य व पॉजिटिव सोच के साथ अपना सौ प्रतिशत प्रयास करें तो वे निश्चित रूप से सफल होते हैं, क्योंकि ये देश की सबसे बड़ी व कठिन परीक्षा है इसके विपरीत जो छात्र इसे हल्के में लेते हैं वे किसी ने किसी कारण से अपने प्रयासों में सफल नहीं होते हैं।
मेधावी व आर्थिक रुप से कमजोर छात्रों के लिए सृजन आईएएस प्रति वर्ष दिसम्बर-जनवरी तथा जून- जुलाई में दो बार स्कॉलरशिप परीक्षा का आयोजन करता है।