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वित्त मंत्री अरुण जेतली के खेल में व्यापारी जायेंगे जेल में



 16/Jun/17

जेल भेजने का प्रावधान खत्म करो

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के बैनर तले मंडलीय अध्यक्ष विजय कपूर एवं मंडलीय महासचिव मुकेश जायसवाल के नेतृत्व में 1 जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी में व्यापारियों के त्रुटि होने पर जेल भेजने के प्रावधान को खत्म करने की माँग को लेकर व्यापारियों ने मैदागिन चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया। उपरोक्त अवसर पर बोलते हुए मंडलीय अध्यक्ष विजय कपूर एवं मंडलीय महासचिव मुकेश जायसवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ शब्दों में कहा है कि जीएसटी लागू होने पर अगर किसी कारोबारी ने जीएसटी चोरी की तो न सिर्फ उसकी गिरफ्तारी होगी, बल्कि उसकी चल-अचल संपत्ति भी सरकार जब्त कर लेगी। अत: जीएसटी में मुकदमों का प्रावधान होने से व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ेगा और एक बार फिर इंस्पेक्टर राज स्थापित हो जायेगा। व्यापारियों ने काफी संघर्ष करके धारा 3/7 को समाप्त कराया था। जीएसटी की वजह से पूरे देश में भय का माहौल बन गया है। मोदी जी विदेश भ्रमण में और प्रवचनों में लिप्त हैं, जेटली जी रोज व्यापारियों को जेल में डालने और परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं। यह दिखाया जा रहा है कि व्यापारी समाज भ्रष्ट है, ये हम करदाताओं को ही चोर साबित करने में लगे हैं, आतंक और मंदी का माहौल है, भ्रष्ट अफसरों की मौत हो जायेगी, घुसखोरों की पराकाष्ठा हो जायेगी। व्यापारीगण चाहते हैं कि लिखा-पढ़ी कम-से-कम करनी पड़े, कम से कम कागजी कार्यवाही हो, कम से कम समय में सरकारी कार्य निपट जाये। आज सरकार जीएसटी लागू करने जा रही है जिसमें एक माह में तीन-तीन रिटर्न भरने है, गलती की संभावना भी बढ़ जायेगी। श्री कपूर एवं जायसवाल ने कहा है कि जीएसटी लागू होने के पश्चात किसी भी स्टेट को अलग से कोई टैक्स लगाने का अधिकार नहीं होना चाहिए। जीएसटी की दर जो भी लगती है, उसमें 5  वर्ष से पहले संशोधन न हो। दर बढ़ाने का निर्णय पार्लियामेन्ट करें, क्योंकि टैक्स की दर पूरे देश के लिए होगी, किसी अकेले मंत्री को अपने मर्जी से टैक्स बढ़ाने का अधिकार नहीं होना चाहिए। टैक्स अदायगी में देरी होने पर या हिसाब किताब में गड़बड़ी पाये जाने पर व्यापारियों को 5  वर्ष की सजा का प्रावधान रखा गया है, जो कि सरासर गलत है। व्यापारी टैक्स एकत्र करता है, फिर उसका हिसाब रखता है, और सरकार को टैक्स जमा करवाता है फिर भी व्यापारी चोर कहलाता है। जीएसटी के तहत फैक्ट्री से  दुकान तक भी माल भेजना मुश्किल हो जायेगा, माल परिवहन को लेकर प्रस्तावित नियम पर जो खाका जारी किया गया उसके मुताबिक 5० हजार रुपये से अधिक के माल परिवहन के लिए हर रजिस्टर्ड व्यक्ति को कंसाइन्मेंट भेजने से पहले जीएसटी कॉमन पोर्टल पर परिवहन का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इस तरह से पोर्टल से एक ई-बे बिल जारी होगा। माल के परिवहन के समय व्यापारी को अपने साथ ई-बे बिल और डिलिवरी चालान की कापी रखना होगी। बिना ई-बे बिल के परिवहन करने पर कर चोरी का दोषी मानकर कार्यवाही की जायेगी। सीए व कर सलाहकारों के मुताबिक प्रस्तावित नियम के हिसाब से सिर्फ ई-बे बिल जारी करना असल समस्या नहीं है, बल्कि इसके साथ लागू की जा रही समय सीमा की पाबन्दी बड़ी परेशानी की वजह बनती नजर आ रही है।

प्रदर्शन में मुख्य रूप से विजय कपूर, मुकेश जायसवाल, अशोक गुप्ता, नन्द कुमार टोपी वाले, नितिन टण्डन, राजीव खन्ना, सिद्धान्त सचदेवा, डॉ. मनोज यादव, विष्णु शर्मा, पंकज पाठक, नत्थू सोनकर, अभिषेक विश्वकर्मा, पप्पू अग्रवाल सहित कई व्यापारी शामिल थे।

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