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राष्ट्रीय बंग समाज ने रवींद्रनाथ टैगोर जयंती व मदर्स डे का किया आयोजन

दिनेश मिश्रा

 13/May/19

राष्ट्रीय बंग समाज की ओर से ओंकार भवन,राजेंद्र विहार कॉलोनी सुंदरपुर वाराणसी में कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती व मदर्स डे पर गोष्ठी का आयोजन किया गया ।

अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्था के संयोजक देव भट्टाचार्य ने कहा कि गुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध रविंद्र नाथ टैगोर ने बांग्ला साहित्य और संगीत को एक नई दिशा दी। वे अकेले ऐसे भारतीय साहित्यकार थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला है। वे दुनिया के अकेले ऐसे कवि थे जिन की रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान हैं। भारत का राष्ट्रगान "जन-गण-मन और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान "आमार सोनार बांग्ला"। वे एक महान कवि, साहित्यकार,लेखक, चित्रकार और एक बहुत अच्छे समाज सेवी भी थे।

मुख्य वक्ता के रूप में जगन्नाथ घोष व एडवोकेट तरुण चटर्जी ने कहा कि भगवान ने किसी शख्स को सबसे बड़ा और नायाब तोहफा जो दिया है वह है "मां" इस बार 12 मई को भारत समेत दुनिया के कई देश उसी मां के प्यार और लगाव को सलाम कर रहे हैं। मां ही अपने बच्चे को अपने बच्चे को एक बेहतर इंसान बनाती है और उसे सिखाती है कि हमें जीवन की मुसीबतों का सामना कैसे करना है।

इस अवसर पर जाने-माने प्लास्टिक सर्जन डॉ.वी भट्टाचार्य ने लोकतंत्र के महापर्व में समस्त सदस्यों को अधिक से अधिक मतदान करने की अपील की । कार्यक्रम का संचालन सुदेशना बसु ने किया व धन्यवाद ज्ञापन शुभाशीष चटर्जी ने किया।

कार्यक्रम में प्रमुख रुप से दीपक कुमार विश्वास, नव कुमार सुर, विश्वनाथ गोस्वामी, गौतम कुमार सान्याल, हरिप्रसाद लाहिरी, विरेश्वर चटर्जी, विजय घोष, सौरिष डान आदि उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय बंग समाज की ओर से ओंकार भवन,राजेंद्र विहार कॉलोनी सुंदरपुर वाराणसी में कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती व मदर्स डे पर गोष्ठी का आयोजन किया गया ।

अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्था के संयोजक देव भट्टाचार्य ने कहा कि गुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध रविंद्र नाथ टैगोर ने बांग्ला साहित्य और संगीत को एक नई दिशा दी। वे अकेले ऐसे भारतीय साहित्यकार थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला है। वे दुनिया के अकेले ऐसे कवि थे जिन की रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान हैं। भारत का राष्ट्रगान "जन-गण-मन और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान "आमार सोनार बांग्ला"। वे एक महान कवि, साहित्यकार,लेखक, चित्रकार और एक बहुत अच्छे समाज सेवी भी थे।

मुख्य वक्ता के रूप में जगन्नाथ घोष व एडवोकेट तरुण चटर्जी ने कहा कि भगवान ने किसी शख्स को सबसे बड़ा और नायाब तोहफा जो दिया है वह है "मां" इस बार 12 मई को भारत समेत दुनिया के कई देश उसी मां के प्यार और लगाव को सलाम कर रहे हैं। मां ही अपने बच्चे को अपने बच्चे को एक बेहतर इंसान बनाती है और उसे सिखाती है कि हमें जीवन की मुसीबतों का सामना कैसे करना है।

इस अवसर पर जाने-माने प्लास्टिक सर्जन डॉ.वी भट्टाचार्य ने लोकतंत्र के महापर्व में समस्त सदस्यों को अधिक से अधिक मतदान करने की अपील की । कार्यक्रम का संचालन सुदेशना बसु ने किया व धन्यवाद ज्ञापन शुभाशीष चटर्जी ने किया।

कार्यक्रम में प्रमुख रुप से दीपक कुमार विश्वास, नव कुमार सुर, विश्वनाथ गोस्वामी, गौतम कुमार सान्याल, हरिप्रसाद लाहिरी, विरेश्वर चटर्जी, विजय घोष, सौरिष डान आदि उपस्थित रहे।


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