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काशी तमिल संगमम : बांसुरी की मधुर ध्वनि और तबले की थाप पर झूमे श्रोता



 02/Dec/22

एम्फीथिएटर बीएचयू के मुक्ताकाशी प्रांगण में निर्मित भव्य सभामंडप में आयोजित काशी तमिल संगमम के अंतर्गत शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज एवं दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र संस्कृति मंत्रालय द्वारा  आयोजित सांस्कृतिक संध्या में  तमिलनाडु से पधारे गुणी अतिथि कलाकारो के समूह द्वारा गायन वादन एवं नृत्य की मनोहारी एवं प्रभावशाली प्रस्तुति की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत स्थानीय कलाकार आंनद मिश्र  एवं उसके टीम द्वारा संगीत में प्रस्तुति दी गई। बांसुरी की मधुर ध्वनि और तबले की थाप पर श्रोता झूम उठे। कार्यक्रम की द्वितीय प्रस्तुति गणेश मिश्रा एवं उनके छात्रों के द्वारा दी गई जिसमें बाल गोपाल कृष्ण के लीलाओं का मंच से गायन किया गया। कार्यक्रम की तृतीय प्रस्तुति पी. एस बोपथ्थी के निर्देशन में कवाड़ी आट्टम प्रस्तुत किया गया। यह नृत्य भगवान मुरुगन को समर्पित है। किसी भी तरह के संकट से बचाए रखने की प्रार्थना के साथ, नृत्य करते हुए अर्चक देवता को भेंट देते हैं। कार्यक्रम का चतुर्थ प्रस्तुति डी. श्रीधरन के निर्देशन में पम्बई, कई शिलाबट्टम प्रस्तुत किया। पम्बई , बेलनाकार ड्रम सरीखा वाद्ययंत्र होता है। कार्यक्रम का पंचम प्रस्तुति एलावाझगन कलाई अरुवी कलईकूडम इस प्रस्तुति में पुरुष एवं महिलाओं ने स्थानीय देवी देवता को समर्पित नृत्य किया सभागार में मौजूद लोगों को यह सांस्कृतिक नृत्य काफी पसंद आया। इसके बाद तंजावुर तमिलनाडु से पधारे टीएस मुरुगन, मुरुगन संगीथा, बोम्मालाथा सबा ने कार्यक्रम में कठपुतली नाट्य प्रस्तुत किया। तमिलनाडु में इसे बोम्मालट्टम कहा जाता है।

सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि संजीव गोंड, राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार कल्याण, अनुसूचित जाति एवं आदिम जाति कल्याण मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बाबा विश्वनाथ की धरती पर यह बहुत ही अद्भुत कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। उन्होंने इस कार्यक्रम की परिकल्पना करने‌ वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद किया। कार्यक्रम में टीएस बालाजी अध्यक्ष और एमडी, लुकास टीवीएस, चेन्नईशीला बालाजी, अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी, स्वामी दयानंद एजुकेशनल सोसाइटी, चेन्नई,, टीवीएस इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की प्रबंध निदेशक ललिता गोपाल आदि उपस्थित रहे।

काशी तमिल संगमम महोत्सव में शामिल होने के लिए लोग पूरे परिवार के साथ पहुंच रहे हैं। अपने पूरे परिवार के साथ पहुंचे निर्मल बनर्जी ने बताया कि यह हमारा सौभाग्य है कि तमिलनाडु की कला, सांस्कृतिक काशी के धरती पर देखने को मिल रहा है। आज हम अपने पूरे परिवार के साथ इस कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं यहां पर हमने दक्षिण के कलाकारों की प्रस्तुति देखी एवं स्थानीय कलाकारों की भी प्रस्तुति देखी बड़ा ही अद्भुत वातावरण बना हुआ है इसके लिए हम प्रधानमंत्री को और सभी आयोजन समिति के लोगों को धन्यवाद देते हैं।


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