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बाल विद्यालय स्कूल में क्रिसमस सेलिब्रेशन के साथ मनाई गई पंडित मदन मोहन मालवीय व पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई जयंती



 24/Dec/22

क्रिसमस के सेलिब्रेशन पर नन्हे मुन्ने बच्चे ने सैंटा क्लॉस की ड्रेस में अलग-अलग प्रस्तुति दिखाई

बाल विद्यालय मध्यमिक स्कूल प्रहलादघाट में शनिवार को क्रिसमस का सेलिब्रेशन किया गया, जिसमें विद्यालय के नन्हे मुन्ने बच्चे सैंटा क्लॉस की ड्रेस में अलग-अलग तरह के गिफ्ट लेकर आए और इसी प्रकार से बच्चों ने अलग-अलग गानों पर डांस प्रोग्राम भी प्रस्तुत किया। साथ ही राष्ट्रवाद के प्रखर समर्थक, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक, महान समाज सुधारक, शिक्षाविद् एवं स्वतंत्रता सेनानी, भारत रत्न, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी तथा भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई। सर्वप्रथम दोनों लोगों के चित्र पर बाल विद्यालय मध्यमिक स्कूल, प्रहलादघाट के उप प्रबंधक मंजुल पांडेय ने माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। बच्चों ने इस अवसर पर देश प्रेम से जुड़े विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कई बच्चों ने मालवीय जी की वेशभूषा में कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

साथ ही इस अवसर पर विद्यालय में मैक्सटॉप स्कॉलरशिप के डायरेक्टर मिथुन मोदी के द्वारा स्कूल में पार्टिसिपेट किए 3 छात्रों आर्या दुबे, प्रियांक अग्रवाल एवं ओजस तिवारी को 1 - 1 हजार रुपये का पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर उप प्रबंधक मंजुल पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि मालवीय जी एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी जैसी विभूतियों के द्वारा देश के प्रति किए गए योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता तथा बच्चों से यह आग्रह किया कि बच्चे भी इनका अनुसरण कर देश सेवा में तत्पर रहें। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम, समाज सेवा तथा शिक्षा के क्षेत्र में मालवीय जी का अतुल्य योगदान रहा है। उनके द्वारा स्थापित काशी हिंदू विश्वविद्यालय आज शिक्षा के क्षेत्र में विश्व भर में अपना परचम लहरा रहा है। क्रिसमस पर शिक्षक ने सेंटा क्लाज बनकर बच्चों को गिफ्ट वितरित किया। उसके पश्चात बच्चों को मिष्ठान वितरित कर कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की इंचार्ज राजश्री स्प्रे द्वारा किया गया। कार्यक्रम में शिवानी श्रीवास्तव, आदिति होसिंग एवं नीलम श्रीवास्तव सहित सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने बढ़-चढ़कर योगदान दिया।


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