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बनारस की आध्यात्मिकता को विकास के नाम पर खत्म करने का हो रहा षड्यंत्र – अजय राय



 16/Jan/23

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रयागराज जोन के अध्यक्ष व पूर्व विधायक अजय राय ने अस्सी घाट स्थित एक होटल में आयोजित एक पत्रकारवार्ता के दौरान मोदी योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि वाराणसी की वैश्विक पहचान यहां की पौराणिकता, प्राचीनता तथा आध्यात्मिकता के रूप में हैं। बनारस का इतिहास पांच हजार वर्षों का है, जिसको खत्म करने का दुस्साहस न मुग़ल कर सके न अंग्रेज। लेकिन यह कितने शर्म और हैरत की बात है कि बनारस की इस दुर्लभ वैश्विक पहचान को खंडित करने का दुष्कर्म हिंदू धर्म के तथाकथित रक्षक भाजपा के लोगों ने किया। आज बनारस में तथाकथित विकास के नाम पर कभी क्योटो और बंदरगाह के नाम की माला का जाप किया जाता था, अब मां गंगा की गोंद में टेंट सिटी और गंगा विलास क्रूज के नाम पर किया जा रहा है। मां गंगा हमारे लिए सिर्फ एक नदी नही बल्कि हमारी आस्था का केंद्र हैं अतः हम यह बिल्कुल भी नहीं चाहते कि मां गंगा की गोंद में  टेंट सिटी व क्रूज चलाकर उनकी पवित्रता और आध्यात्मिकता को नष्ट किया जाय। आखिर टेंट सिटी या क्रूज में जो देशी, विदेशी पर्यटक ठहरेंगे या यात्रा करेंगे, उससे मां गंगा प्रदूषित होंगी। उसमे रहने वाले सैलानियों को मांस, मदिरा से लेकर वह सबकुछ दिया जाएगा जो कि आज के समय में होटलों में विदेशी पर्यटकों को दिया जाता है। क्या यह काशी और मां गंगा की पौराणिकता और आध्यात्मिकता के नजरिए से सही माना जायेगा? क्या इससे एक आम बनारसी या दुकानदार को कोई रोजगार मिलेगा? आखिर यह सब किस लिए? क्या 2014 में मोदी जी यही कहकर वाराणसी से चुनाव लड़े थे? आज गंगा जी में इतना पानी नही है कि उसमें ठीक से नाव चल सके, फिर यह क्रूज कैसे चलेगी जबकि सुनने में आ रहा है कि गाजीपुर व छपरा में पानी की मात्रा कम होने की वजह से क्रूज वहां रुक गई। मैं आपको यह याद दिलाना चाहता हूं कि इसी तरह मोदी जी ने बनारस में बंदरगाह का भी उद्घाटन किया था, आखिर उस बंदरगाह का क्या हुआ? बनारस में ही गंगा जी में बारह करोड़ रुपए खर्च कर एक नहर बनाई जा रही थी, उस नहर का क्या हुआ, आखिर वह नहर किसके कहने पर बन रही थी। जब इसकी पड़ताल की गई तो पता चला कि इतने बड़े हाई प्रोफाइल प्रोजेक्ट का जिम्मेदार कोई नही था, जिला प्रशासन ने इसकी लीपापोती कर दिया। मुझे हैरत होती है कि आखिर बनारस को लोगों ने क्या समझ रखा है। बनारस में सिर्फ बाहरियों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। टेंट सिटी, कोरिडोर, क्रूज से लगायत सारे बड़े ठेके गुजरातियों को दिए जा रहे हैं, इससे एक आम बनारसी को क्या लाभ मिला? भाजपा सरकार ने बनारस के लोगों के साथ सिर्फ और सिर्फ ठगी का काम किया।

मोदी सरकार ने बिना पर्यावरण मंत्रालय और गंगा नदी के विशेषज्ञों के राय मशविरा के इस तरह के अवैज्ञानिक निर्णय लेकर गंगा मां की धारा से छेड़छाड़ किया, जो किसी अपराध से कम नहीं। धर्म और संस्कृति को आधुनिकता का चोगा पहनाते समय उसके मूल स्वरूप व पवित्रता को खंडित नही होने देना चाहिए। हम काशी को उसके मूल स्वरूप में रखकर भी उसकी पहचान दुनिया को दिला सकते हैं। हर चीज लाइट, कैमरा और एक्शन से ही जुड़े यह जरूरी नहीं। काशी के मल्लाह, निषाद बंधु, उनके बच्चे, यहां के छोटे दुकानदार, होटल व्यवसाय सब कुछ को तबाह करने के लिए यह सब कुछ किया जा रहा हैं, जोकि किसी भी कीमत पर हम नही होने देंगे।

प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व विधायक अजय राय ने केंद्र की मोदी सरकार व राज्य की योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता पाने के लिए ये लोग धर्म, संस्कृति और बनारस की पुरातन संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। आज एक आम काशीवासी किस जद्दोजहद में जीवन जी रहा है, इन लोगों से उसका कोई सरोकार नहीं हैं। भाजपा की मंडली को तीर्थ तीर्थस्थल और पर्यटन स्थल के बीच का फर्क नही मालूम। मालूम होता तो इस तरह के अधार्मिक कुकृत्य नही करते। अजय राय ने कहा कि: काशी की धार्मिकता व उसकी सांस्कृतिक महत्ता को नष्ट होने से बचाने के लिए अगर जरूरी हुआ तो हम कांग्रेस के लोग एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे। हम यूं हांथ पर हांथ रखकर काशी को नष्ट होते नही देख सकते। अगर हम आज चुप रहे, तो आने वाला समय हमे माफ़ नही करेगा। हम राजनीतिज्ञ हैं, इससे पहले हम काशीवासी हैं। एक काशी के नागरिक होने के नाते हमारा कर्तव्य हैं। इस बीच पत्रकारवार्ता के दौरान ही वाराणसी कांग्रेस की तरफ से बनारस के धंस रहे घाटों व गंगा जी में गिर रहे नालों व बारह करोड़ के लागत से बन रही उस नहर की फोटो, जो बाढ़ में बह गई से जुड़ा एक पोस्टर भी जारी किया गया, जो बनारस की वास्तविकता को दर्शा रहा है। अजय राय ने कहा कि शीघ्र ही हम यह पोस्टर बड़े पैमाने पर पूरे बनारस में लगाएंगे ताकि बनारस के साथ ही साथ देश की जनता भाजपा के फर्जी विकास मॉडल से परिचित हो।

पत्रकार वार्ता में जिला एवं महानगर अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, राघवेंद्र चौबे, दुर्गाप्रदास गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केसरी, फसाहत हुसैन बाबू, मनीष मोरोलिया, चंचल शर्मा,डा राजेश गुप्ता, आनंद सिंह, रोहित दूबे, अनुभव राय, किशन यादव आदि उपस्थित थे।


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