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रामचरितमानस का नहीं विरोध केवल उसकी एक चौपाई का है : स्वामी प्रसाद मौर्य



 13/Feb/23

रामचरित मानस पर विवादित बयान देकर फंसे स्‍वामी प्रसाद मौर्या अब भी अपने बयान से मुकर नहीं रहे हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का शनिवार देर रात वाराणसी आगमन हुआ। वे पहड़िया स्थित एक होटल में रुके हुए थे जहाँ रविवार सुबह समाजवादी पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ताओं द्वारा होटल पहुंचकर स्वामी प्रसाद मौर्य का बुके देकर एवं माला पहनाकर स्वागत किया गया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रेस के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका रामचरितमानस का विरोध नहीं है केवल उसकी एक चौपाई का है। यह विरोध आगे भी जारी रहेगा। किसी को भी वर्ग विशेष पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। यदि किसी धर्म के हम प्रशंसक या अनुयाई हैं तो कमियां मिलने पर समीक्षा करने का भी हक होना चाहिए। जिस चौपाई को लेकर विरोध किया है भले ही उसकी अलग अलग व्याख्या की जाए उसका विरोध जारी रहेगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सनातन कोई धर्म नहीं बल्कि एक प्राचीन व्यवस्था है। उन्होंने इस्लाम का मूल भारत में होने के बात पर कहा कि यह उनके धर्मावलंबियों का काम है वह जाने। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने लखनऊ का नाम लखनपुर करने की भाजपा सांसद की मांग पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, लखनऊ का नाम लक्ष्मण की वजह से नहीं, बल्कि लखनऊ के राजा लखन पासी की पत्नी लखनावती के नाम पर पड़ा है। कोई दूसरा आकर कब्जा नहीं कर सकता। यदि बदलना ही है तो नया नाम लखनऊ पासी कर दो। यदि लाखन पासी नही कर पा रहे हैं तो पासी समाज की गौरव उदा देवी के नाम कर देना चाहिए। जिन्होंने 1857 की क्रांति के दौरान लखनऊ में 36 अंग्रेज सैनिकों को मार गिराया था।

स्वागत करने वालों में मुख्य रूप से नि:जिलाध्यक्ष सुजीत यादव लक्कड़, नि:महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा, जिला महासचिव आनंद मौर्य, वरिष्ठ नेता प्रदीप कुमार मौर्य, जिला प्रवक्ता संतोष यादव बबलू एडवोकेट, उदय लाल मौर्या, अतहर जमाल लारी, कैन्ट की पूर्व प्रत्याशी पुजा यादव, हैदर गुड्डू, महानगर उपाध्यक्ष इरशाद अहमद, दिलीप कश्यप, हर्ष राजभर, लालमन राजभर, कपिल यादव, संजू विश्वकर्मा,जावेद अंसारी, शमीम अंसारी, सत्यनारायण यादव,व राकेश मौर्य आदि लोग शामिल थे।


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