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जिला कारागार में 300 कैदियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू



 25/Mar/23

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा किये जा रहे उद्यमिता एवं कौशल विकास कार्यों की श्रृंखला के क्रम में राष्ट्रीय उद्यामिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान द्वारा कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग, उत्तर प्रदेश की सहभागिता से वाराणसी के जिला कारागार के 300 कैदियो के कौशल विकास हेतु कारागार परिसर में उद्यामिता कौशल विकास कार्यक्रम का प्रारम्भ किया गया। इस कार्यक्रम का उद्धघाटन कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने किया। उद्घाटन समारोह में अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि इस कार्यक्रम के द्वारा कारागार में बंदी कैदियो द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों को और भी अधिक गुणवत्ता प्रदान की जा सकेगी और उनमें उद्यमिता की प्रेरणा को बढ़ाया जा सकेगा। इस कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से कैदियो में व्याप्त आपराधिक मानसिकता के स्थान पर एक उन्नत उद्यमी के साथ ही नैतिक रूप से आजीविका संबर्धन अर्जित करने की भावना को भी विकसित किया जा सकेगा।

डीजी- फायर सर्विसेज, उत्तर प्रदेश एवं डीजी-जेल और सुधार (अतिरिक्त प्रभार), उत्तर प्रदेश पुलिस श्री आनंद कुमार आईपीएस (उत्तर प्रदेश 1988) भी इस आयोजन में उपस्थित रहे। उन्होंने इस आयोजन में बहुत अधिक सहयोग प्रदान किया है। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने आशा व्यक्ति की कि यह कौशल कार्यक्रम कैदियों के भीतर एक सकारात्मक ऊर्जा भरकर उनमें आपराधिक मानसिकता के एक स्थान पर एक उन्नत उद्यमी के व्यक्तित्व का विस्तार करेगा।

उल्लेखनीय है कि उपरोक्त कार्यक्रम के तहत वाराणसी जिला कारागार के इन्क्यूबेशन सेंटर में आधुनिक मशीनों को स्थापित किया जा रहा है। इससे उत्पादों के प्रकार, उनकी डिजाइनिंग एवं पैकेजिंग में गुणवत्ता प्रदान की जा सकेगी। इस कार्यक्रम के द्वारा न्यूनतम समय एवं लागत पर उत्पादों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण संभव हो सकेगा। पूर्व में इस प्रकार के कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन संस्थान (निसबड) द्वारा नारी बंदी निकेतन, लखनऊ तथा आदर्श कारागार, लखनऊ में भी किया गया है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ ही कैदियों को प्रशिक्षण उपरान्त उद्यम परामर्श हेतु मेन्टरशिप एंड हेंड होल्डिंग सहयोग भी दिया जाएगा। यह परामर्श उत्पाद निर्माण प्रणाली, पैकेजिंग, विपणन नीति और उद्यम स्थापना, संचालन और विकास में होगा ताकि कारागार के कैदी उद्यमी विचारों से प्रेरित होकर अपनी कार्य कुशलता को बेहतर रूप से निखार कर राष्ट्र प्रगति में अपना योगदान दे सकने में सक्षम हो सकें।


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