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अरविंद आध्यात्मिक चैत्य पुरूष थे : आर.डी. तिवारी



 12/Apr/23

अरविंद के समग्र शिक्षा विषय पर अग्रसेन कन्या पी.जी.कॉलेज वाराणसी में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए आर. डी. तिवारी ने अपने वक्तव्य में श्री अरविंद के प्रति मां की श्रद्धा को विश्लेषित करते हुए,श्री अरविंद के शैक्षिक विकास पर प्रकाश डाला। शिक्षा तब तक अधूरी है जब तक दीक्षा न दी जाय। यह कहना था विशिष्ट वक्ता प्रो. धर्मेंद्र सिंह(प्रो. यू. पी.जी.कॉलेज वाराणसी) प्रो. सिंह ने कहा कि यदि हम शोर और संगीत के अन्तर को मिटा सकें तो यही हमारी उपलब्धि है। प्रो. दुष्यंत सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम अपरा विद्या की तरफ लालायित हैं, परा विद्या को छोड़ दे रहे हैं जिसमें आध्यात्मिकता है। परा और अपरा दोनों में समन्वय होना चाहिए।

प्रो. कुमुद सिंह ने कबीर की उलटबासी का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए स्वयं के अंदर स्वतः सुधार लाने की बात की क्योंकि सब कुछ अपने अंदर है । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्रो. मिथिलेश सिंह (प्राचार्य) ने सभी वक्ताओं का सार प्रस्तुत करते हुए कहा कि किसी एक संगोष्ठी से हम विषय के निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते बल्कि वह एक आरम्भ है उस पर और अधिक चिंतन और मनन करने का। इस अवसर पर डॉ. सुमन सिंह, डॉ. विभा सिंह, डॉ. अनीता सिंह आदि प्रवक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए साथ ही बड़ी संख्या में महाविद्यालय के समस्त प्रवक्तागण और छात्राएं और अन्य महाविद्यालय से प्रवक्तागण उपस्थित रहें। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. प्रिया भारतीय ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. उषा बालचन्दानी ने किया।

 


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