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परशुराम जी का जन्म अहंकारपूर्ण दमन से विश्व को मुक्ति दिलाने के लिए हुआ : सूर्यमुनि तिवारी, भाजपा नेता



 22/Apr/23

मुगलसराय तहसील क्षेत्र के परोरवा में सर्व ब्राह्मण हितकारणी समिति उत्तर प्रदेश के तत्वधान में भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जन्मोत्सव समारोह का आयोजन हुआ। भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर हवन पूजन मंत्रोचार करके बड़ी ही धूम धाम से मनाया गया। अक्षय तृतीया के दिन ही मध्यान्ह के समय में भगवान विष्णु के अवतार परशुराम का जन्म हुआ था। परोरवा में आयोजित समारोह में लोगों ने भगवान परशुराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पूजन किया। परशुराम जन्मोत्सव समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता पं. शिवलोचन मिश्रा व संचालन पं. राजेंद्र पाण्डेय ने किया, इस मौके पर पंडित सूर्यमुनी तिवारी ने बताया कि परशुराम राजा प्रसेनजित की पुत्री रेणुका और जमदग्नि के पुत्र थे। वे विष्णु के अवतार और शिव के परम भक्त थे। उन्हें भगवान शिव से विशेष परशु प्राप्त हुआ था। इनका नाम तो राम था पर शंकर द्वारा प्रदत्त अमोघ परशु को सदैव धारण किए रहने से ये परशुराम कहलाते थे। परशुराम भगवान विष्णु के दस अवतारों में से छठे अवतार थे, जो वामन एवं रामचंद्र के मध्य में गिने जाते हैं। जमदग्नि के पुत्र होने के कारण इन्हें जामदग्न्य भी कहते हैं। कहा इनका जन्म अक्षय तृतीया (वैशाख शुक्ल तृतीय) को हुआ था। इसीलिए आज का दिन वृत रखने व उत्सव मनाने की प्रथा है। परशुराम का जन्म अहंकारपूर्ण दमन से विश्व को मुक्ति दिलाने के लिए हुआ था। संस्कार जीवन को बहुमूल्य बनाता है भगवान परशुराम जी के जीवन को अपने जीवन में उतारना चाहिए। जन्मोत्सव समारोह में कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।

इस दौरान सुर्यमुनी तिवारी, रामप्रकाश दूबे, श्रीराम द्विवेदी, दिनेश मिश्रा, निर्मल मिश्रा, दरोगा पाठक, संजय पाण्डेय, शैलेंद्र पाण्डेय,मधुकर पाण्डेय, राजेंद्र पाण्डेय, अनिल ओझा, शरद तिवारी, सुनील पाण्डेय, चंद्रशेखर पाठक, रामाज्ञा पाण्डेय, झगडू चौबे, कैलाश पाण्डेय, हरिद्वार मिश्रा, महेंद्र पाण्डेय, कृष्णानंद पाण्डेय, हरिवंश उपाध्याय , विजेंद्र मिश्रा, कामेश्वर तिवारी, विनय तिवारी , अरुण मिश्रा, बद्री नारायण तिवारी , पारसनाथ तिवारी, नंद कुमार पाण्डेय, अवधेश पाण्डेय, राजेंद्र पाण्डेय, अजय पाण्डेय, रंजय पाण्डेय , राजेंद्र तिवारी, चिंतामणि तिवारी सहित इत्यादि लोग उपस्थित रहे।


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