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नए बाजारों में व्यापार तथा नए क्षेत्रों की खोज करने पर करें गौर, क्योंकि ये ही विकास के हैं वाहक – पीयूष गोयल, उद्योग मंत्री



 05/May/23

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने फियो के निर्यात श्री और निर्यात बंधु पुरस्कार समारोह में शामिल होकर पुरस्‍कार प्रदान किया। इस मौके पर उन्‍होंने कहा कि कर्तव्य और जिम्मेदारी की भावना के साथ सामूहिक प्रयास भारत को 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेंगे। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने असाधारण निर्यातकों एवं सेवा प्रदाताओं को उनके शानदार निर्यात निष्पादन एवं निर्यातो में वृद्धिशील विकास के आधार पर फियो के 17वें निर्यात श्री और निर्यात बंधु पुरस्कार प्रदान किए। पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करते हुए श्री गोयल ने कहा कि सभी प्रकार की वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, हम अभी भी 773 बिलियन डॉलर से अधिक का समग्र निर्यात अर्जित करने में सक्षम रहे हैं जिसमें सेवा निर्यातों का योगदान 325 बिलियन डॉलर का रहा है। निर्यातक समुदाय की प्रशंसा करते हुए श्री गोयल ने कहा कि उन्होंने असाधारण प्रदर्शन किया है और न केवल ब्रांड एंबेस्डरों के रूप में भारतीय ब्रांडों के लिए एक उत्कृष्ट स्थान हासिल किया है बल्कि वैश्विक बाजारों में आगे बढ़ने के लिए अपने लिए एक बेंचमार्क भी निर्धारित किया है। श्री गोयल ने कहा कि मंत्रालय 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात अर्जित करने के लिए व्यापार एवं उद्योग के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहा है। उन्होंने दुहराया कि भारत को गुणवत्तापूर्ण उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं के साथ जुड़ना चाहिए तथा दुनिया को विकास का मार्ग और राइजिंग इंडिया भी दिखाना चाहिए। मंत्री गोयल ने कहा कि हमें निर्यात प्रक्रियाओं, मुद्रा के अंतर्राष्ट्रीयकरण, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तथा अंतिम मील की कनेक्टिविटी पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना चाहिए। देश में 5जी का विस्तार विश्व में प्रथम है। हमें कर्तव्य और जिम्मेदारी की भावना के साथ सामूहिक प्रयासों के जरिये भारत को 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में तेजी आने के कारण आगे आने वाले समय बहुत चुनौतीपूर्ण और मुश्किल रहने वाले हैं। यही समय है जब हमें नए बाजारों में व्यापार करने तथा नए क्षेत्रों की खोज करने पर गौर करना चाहिए क्योंकि ये ही विकास के वाहक बनने वाले हैं। दुनिया भारत को इसकी विश्वसनीयता और गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के लिए पहचानती है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि हम सभी को भविष्य के लिए, सभी के लिए समावेशी, समान, टिकाऊ एवं साझा विकास कार्य करना चाहिए जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन है।

भारत सरकार के डीजीएफटी संतोष कुमार सारंगी ने समारोह को संबोधित करते हुए कि वैश्विक चुनौतियो के बावजूद, हम अभी भी 770 बिलियन डॉलर से अधिक के अब तक का सर्वाधिक निर्यात अर्जित करने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि माननीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने हमेशा ही नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित किया है। श्री सारंगी ने यह भी कहा कि इस प्रकार की निर्यात वृद्धि के साथ हम निश्चित रूप से 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर निर्यात हासिल करने की राह पर हैं।

फियो अध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल ने अपने स्वागत भाषण में पुरस्कार विजेताओं को वैश्विक व्यापार में अशांत समय में उनके उल्लेखनीय प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सावधानी से बनाई गई योजना के बीच अपनी कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने अपने देश को गौरवान्वित किया है। डॉ. ए शक्तिवेल ने माननीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के प्रति कृतज्ञता जताई और कहा कि निर्यात सेक्टर ने पिछले दो वित्त वर्षों में 218 बिलियन डॉलर, जो 17 लाख 44 हजार करोड़ रुपये के बराबर है, जोड़ते हुए 2022-23 में संचयी निर्यात को 770 बिलियन डॉलर तक ले जाने के द्वारा 2 वर्षों में 55 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि प्रदर्शित की है। फियो प्रमुख ने वाणिज्य सचिव, डीजीएफटी तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा डीजीएफटी के अन्य अधिकारियों की सहायता से, खुद वाणिज्य मंत्री द्वारा निरंतर समीक्षा एवं निगरानी किए जाने की सराहना की। डॉ. शक्तिवेल ने कहा कि उन्हें 2030 से काफी पहले ही 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात की उपलब्धि हासिल कर लेने का भरोसा है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि विदेशों में महत्वपूर्ण व्यवसाय केंद्रों में अत्याधुनिक एक्सपोजिशन सेंटरों की स्थापना करने के अतिरिक्त विदेशी विपणन पहलों की सहायता करने पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए।

फियो के महानिदेशक एवं सीईओ डॉ. अजय सहाय ने समारोह के दौरान धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि भारत एक निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था नहीं है। देश के जीडीपी में निर्यात का हिस्सा 22 प्रतिशत है लेकिन निर्यात अर्थव्यवस्था में एक रूपांतरकारी भूमिका अदा कर रहे हैं। निर्यात पिछले दो वित्त वर्षों में भारत के अतिरिक्त जीडीपी में प्रमुख योगदानकर्ता रहे हैं। 2021-22 में, वित्त वर्ष में समग्र वृद्धिशील जीडीपी में से, 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान केवल निर्यातों द्वारा ही किया गया था। 2022-23 में, वैश्विक प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद, वृद्धिशील जीडीपी में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान निर्यात का रहा। माननीय प्रधानमंत्री ने सही ही कहा है कि एक विकासशील अर्थव्यवस्था से विकसित अर्थव्यवस्था बनने के देश के रूपांतरण में निर्यात कुंजी हैं, जिसे हम हमारी गौरवशाली स्वतंत्रता के 100वें वर्ष से पहले अर्जित करने का प्रयत्न कर रहे हैं।


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