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बनारस में पहली बार असह्य दर्द का दूरबीन से हो रहा है इलाज : डॉ. एसके जायसवाल



 10/Aug/17

भाग दौड़ की जिन्दगी में इन्सान को इन दिनों तरह-तरह की बीमारियों से दो-चार होना पड़ रहा है। ऐसे में यदि इन बीमारियों का सही इलाज करने वाले डॉक्टर मिल जाये तो वे किसी भगवान से कम नहीं हैं। इन्हीं बीमारियों में शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाला दर्द कभी-कभी इतना असहनीय हो जाता है कि इन्सान इसके लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है। दर्द की बात करें तो सिर से लेकर पाँव तक इन्सान को किसी भी अंग में असह्य दर्द होना आम बात है। इस दर्द की दवा करने वाले चिकित्सकों की संख्या पूरे भारत में लगभग 20 ही है।

एडवांस इंटरवेशनल पेन मैनेजमेंट सेन्टर, मण्डुआडीह में निशुल्क कैम्प का हुआ आयोजन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में इन दिनों बड़े महानगरों जैसी सुविधा से युक्त हास्पिटल में डॉ. एसके जायसवाल व डॉ. वी रस्तोगी ने मण्डुआडीह क्षेत्र में वाराणसी से लेकर पूर्वांचल तक के मरीजों के जानलेवा दर्द का न केवल इलाज शुरू किया है बल्कि उनके लिए डॉक्टर साहब साक्षात भगवान नजर आ रहे हैं। डॉक्टर साहब भी अपने मरीजों के दर्द का हॉल जानने के लिए एक वर्ष पूरे होने पर सभी के साथ उनका दर्द बाँटने के लिए प्रथम वर्षगाँठ पर अपने एडवांस इंटरवेशनल पेन मैनेजमेंट सेन्टर, मण्डुआडीह में निशुल्क कैम्प का आयोजन हुआ। इस कैम्प में वाराणसी सहित दूर दराज से आये सैकड़ों मरीजों को बीएमडी, शुगर, यूरिक एसिड की निशुल्क जाँच कराने के साथ ही मरीजों को स्पाइन, कमर दर्द, डिस्क प्रोलेप्स, चलने में असमर्थ, कमर की नस दबने वाले दर्द, ट्राईजेमनल, न्यूलेजरिया, चेहरे में करेन्ट आदि जैसी गम्भीर बीमारियों के चलते वर्षों से दर्द झेल रहे मरीजों का इलाज किया। साथ कैम्प में सर्जरी के लिये बुकिंग कराये गये मरीजों के आपरेटिव फीस में 50% की छूट दी गई।

महानगरों महानगरों की तुलना में एक चौथाई खर्च में कोई मरीज दर्द से पा सकता छुटकारा

इस अवसर पर क्लाउन टाइम्स से एक अनौपचारिक बातचीत में डॉ. एसके जायसवाल ने कहा कि पूरे भारत में पेन मैनेजमेंट के डॉक्टरों (दर्द के डॉक्टर) की संख्या लगभग 20 है, जिनमें बीएचयू के डॉ. वी रस्तोगी रिटायर होने के बाद वे स्वयं हमारे साथ हैं। कहा कि हमारे सेंटर पर महानगरों के गिने-चुने डॉक्टरों की तुलना में एक चौथाई खर्च में ही कोई मरीज दर्द से छुटकारा पा सकता है। इस चिकित्सा पद्धति के बारे में बताया कि जैसे पहले कार्डियोलाजिस्ट मेडिसीन से बना है, वैसे ही एमडी करने के बाद पेन फिजिशियन बनता है। पेन एक सुपर स्पेशिल्टी है और पूरे भारत में दो संस्थान हैं जहाँ इसकी पढ़ाई होती है जैसे पीजीआई और बीएचयू। कोई भी पेन जो क्रोनिक हो और दवा खाने के एक माह बाद भी ठीक नहीं हो रहा है उसे दर्द स्पेस्लिस्ट डॉक्टर को दिखाने की जरूरत पड़ती है।

दर्द के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉक्टर साहब ने कहा कि जैसे- नेरोपैथिक पेन, माइग्रेन, सर्वाइकल, हेडेक, गर्दन के नस का दबना, हाथ में झुनझुनी, डिस्क कोलेप्स, रेसिक पेन, कमर की नस का दबना, पैर का फटना साथ ही अधिक सिगरेट पीने वालों का पैर काला पड़ जाता है आदि तरह का इलाज अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धति से किया जाता है।

चिकित्सा पद्धति के बारे में बताया कि जैसे स्पाइनल कार्ड में ब्रेन से लेकर पैर तक नर्व होती है और इनके पीछे स्पाइनस प्रोसेज प्रोटेक्शन के लिए होते हैं। सामान्य व्यक्ति का जब डिस्क कोलेप्स होता है तो उनकी नर्व( नसें) दबने लगती हैं और उन्हें कमर तथा पैर में दर्द होने के साथ ही जब वे चलते हैं तो उनका पैर भारी हो जाता है और झुनझुनी होने लगती है। ऐसे मरीजों को दूरबीन विधि से निडिल के माध्यम से दवा डालकर मर्ज को डॉयोग्नोसिस करते हैं, जिसे डिस्कोग्राफी कहते हैं, इसके पश्चात विशेष चिकित्सा पद्धति से मरीज का दर्द पूरी तरह ठीक किया जाता है। जिन मरीजों का दर्द काफी जटिल हो चुका होता है उनके स्पाइनल कार्ड में बहुत दबाव होने के चलते उनके चलने और सोने में दिक्कते होती है उनका दर्द हमेशा बना रहता है। ऐसे मरीजों को बिना बेहोश किए दूरबीन के माध्यम से कमर के रास्ते प्रवेश करके विशेष तरीके से दर्द के स्थान पर चिकित्सा करके उस भाग को हता दिया जाता है। इस विधी से वर्षों से असह्य पीड़ा झेल रहे मरीज को दर्द से पूर्ण रूप से आराम मिल जाता है। पहले इस सर्जरी के लिए पूरी हड्डी काटकर इलाज करते थे।

क्लाउन टाइम्स ने डॉ. जायसवाल के एडवांस्ड इंटरवेशनल पेन मैनेजमेंट सेन्टर की वर्षगांठ पर दूर-दराज से आये सैकड़ों की संख्या में जुटें मरीजों में से कई से उनके दर्दे दिल का हॉल जाना तो सभी एक स्वर में डॉक्टर साहब के चिकित्सा पद्धति की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें यहाँ अपने दर्द की बेहतर दवा और इलाज मिला जिससे वे पूरी तरह संतुष्ट हैं।

क्लाउन टाइम्स ने जौनपुर की सहिस्ता, बाबतपुर की पुष्पा देवी, प्रमिला देवी, अजय कुमार यादव, बलिया के डॉ. अच्छे लाल यादव, श्याम कुमारी आदि से सीधी बात किया और सभी ने अपने दर्द से पूरी तरह मुक्ति की बात कही।

कुल मिलाकर डॉ. एसके जायसवाल व डॉ. वी. रस्तोगी वाराणसी  सहित पूर्वांचल व बिहार तक के मरीजों के लिए असह्य दर्द का इलाज करने वाले साक्षात भगवान नजर आ रहे हैं।

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