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पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में 1 लाख घूस लेते धराया दरोगा



 11/May/23

भाजपा सरकार जब देश की सत्‍ता में आई तभी से उनका एकसू्त्रीय कार्यक्रम था कि भ्रष्‍टाचार मुक्‍त भारत की स्‍थापना होगी। या सीधे लफ्जों में कहें कि जीरो टॉरलेंस की व्‍यवस्‍था कायम की जायेगी। लेकिन 9 साल सत्‍ता पर काबिज होने के बावजूद पूरे देश की व्‍यापारी वर्ग से लेकर आम जनता की सोच यही है कि भ्रष्‍टाचार दोगुनी रफ्तार से बढ़ा है। अब बात करें प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की जो उत्‍तर प्रदेश का दिल कहा जाता है और जिस उत्‍तर प्रदेश के सर्वेसर्वा सीएम योगी हैं। जिनका कहना है कि भ्रष्‍टाचारी व माफिया को मिट्टी में मिला दिये जायेंगे, उन्‍हीं के नाक के नीचे उन्‍हीं का पुलिस महकमा तक इससे अछूता नहीं है। ताजा मामला पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी के जंसा थाना का है, जहां जंसा थाना के क़स्बा चौकी प्रभारी अभिषेक वर्मा को गुरुवार को एंटी करप्शन (भ्रष्टाचार निवारण संगठन) की टीम ने एक लाख रुपये घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। एंटी करप्शन की टीम ने घूसखोर दरोगा को पकड़ कर रोहनिया थाने ले गई। वहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर अदालत में पेश किया जाएगा। प्रकरण के अनुसार, बेरुका गांव निवासी सैफ ने चार नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट, धमकाने सहित अन्य आरोपों में जंसा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस प्रकरण के एक आरोपी अमजद का नाम मुकदमे से निकालने के लिए उससे विवेचक अभिषेक वर्मा ने एक लाख रुपये की मांग की थी।

आरोप है कि दरोगा 10 हजार रुपये अमजद से ले भी चुका था। बाकी रुपये देने में अमजद ने असमर्थता जताई तो दरोगा ने उस पर दबाव बनाया। बार-बार वह दरोगा से गुहार लगाता रहा लेकिन उनसे बिना पूरा रुपया लिए एक बात नहीं सुनी। दरोगा की इन हरकतों से पेरशान अमजद ने दरोगा की शिकायत एंटी करप्शन टीम से की। एंटी करप्शन की टीम ने केमिकल लगे हुए नोट अमजद को देकर दरोगा को दीनदासपुर गांव में बुलाने के लिए कहा। अमजद ने जैसे ही नोटों की गड्डी दरोगा अभिषेक वर्मा को थमाई, वैसे ही एंटी करप्शन की ट्रैप टीम ने उसे दबोच लिया।

कुल मिलाकर पुलिस कमिश्नर बनारस में अक्सर थानों में घूसखोरी और अवैध कारोबार करने वालों से महीना वसूली के अपुष्ट खबरें आम जनता में चर्चा का विषय बना है, लेकिन यहां तो दरोगा जी को दिनदहाड़े 1लाख रुपए वसूली के मामले में जेल की सलाखों के पीछे भेजना इस बात की गवाही है कि पुलिस कमिश्नर वाराणसी के ईमानदार आला अधिकारियों के मातहत कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।

अभी हाल ही में बनारस के प्रमुख स्कूल संचालक से बाकायदा वीडियो कॉल के माध्यम से कथित बलात्कार केस मामले को रफा-दफा करने वायरल वीडियो में एक आईपीएस अधिकारी के द्वारा करोड़ रुपए घूस मांगने की चर्चा मीडिया की सुर्खियों में रहा। फिलहाल यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी है जिस पर किसी सरकार के लिए पूरी तरह अंकुश लगा पाना नामुमकिन है।


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