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निर्यात को बढ़ाने के लिए भारतीय फास्टनर उद्योग के लिए अमेरीका एक संभावनापूर्ण बाजार : डॉ. ए शक्तिवेल, फियो अध्यक्ष



 17/May/23

फास्टनर उद्योग का एक 20 सदस्यीय फियो व्यवसाय प्रतिनिधिमंडल 16 से 17 मई, 2023 तक अमेरिका के नैशविले फास्टनर मेले में भाग ले रहा है। दक्षिण पूर्व अमेरिका की भारत की महावाणिज्यदूत डॉ. स्वाति वी कुलकर्णीं ने फियो अध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल, फियो के डीजी एवं सीईओ डॉ. अजय सहाय, सिटी ऑफ गेलाटिन की मेयर सुश्री पेज ब्राउन, गेलाटिन इकोनोमिक डेवलपमेंट के कार्यकारी निदेशक जेम्स फेंटन और पूर्व केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री डी नेपोलियन ने भी उइ्घाटन समारोह में भाग लिया और सहभागियों के साथ परस्पर बातचीत की।

महावाणिज्यदूत ने नवोन्मेषी उत्पादों के लिए भारतीय प्रतिभागियों की सराहना की और उम्मीद जताई कि अमेरिका के फास्टनर मेले से भारतीय और अमेरिकी दोनों ही कंपनियों के व्यवसाय अवसरों में वृद्धि होगी। डॉ. स्वाति ने सहभागियों को अमेरिकी बाजार में विकास के लिए गुणवत्ता का सख्ती से अनुपालन करने की सलाह दी। उन्होंने अमेरिका में फास्टनरों के बड़े आयातकों की पहचान करने और अमेरिका में संबंधित एजेन्सियों के सहयोग से उनकी विश्वसनीयता की जांच करने में सहभागियों की सहायता की।

डॉ. ए शक्तिवेल ने कहा कि भारतीय कंपनियों ने गहन तकनीकी विकास किया है और हल्के वजन वाले उन्नत उत्पादों तथा हाइब्रिड फास्टनरों को प्रस्तुत किया है जिनका पूरे औद्योगिक क्षेत्रों विशेष रूप से ऑटोमोटिव, विमान और अन्य औद्योगिक अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है। फियो अध्यक्ष ने कहा कि चूंकि भारत बहुत प्रतिस्पर्धी कीमत पर उच्च गुणवत्ता के उत्पादों को पेश कर सकता है, अमेरिकी कंपनियां भारत से इन उत्पादों की खरीद कर अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकती है।

डॉ. अजय सहाय ने आशा जताई कि भारतीय फास्टनर उद्योग सेक्टर अगले पांच वर्षों में अपना बाजार हिस्सा दोगुना करने के लिए अमेरिकी बाजारों में गहरी पैठ बना सकता है। वैश्विक औद्योगिक फास्टनर बाजार का आकार लगभग 90 बिलियन डॉलर का है और निर्माण क्षेत्र के अतिरिक्त ऑटोमोटिव तथा एयरोस्पेस सेक्टरों में औद्योगिक फास्टनरों के लिए बढ़ती मांग के कारण इसमें और वृद्धि होने की उम्मीद है। अमेरिका वर्ष 2022 के दौरान 16.50 बिलियन डॉलर के आयात के साथ चीन, जर्मनी, जापान एवं दक्षिण कोरिया के बाद दुनिया में फास्टनरों का पांचवां सबसे बड़ा आयातक देश है।

फास्टनर का भारत का बाजार का आकार 4.6 बिलियन डॉलर है और ऑटो तथा निर्माण क्षेत्र की मजबूत घरेलू मांग के कारण केवल 780-800 मिलियन डॉलर का निर्यात करता है। बहरहाल, भारतीय कंपनियों ने इस क्षेत्र की गतिशील बाजार स्थितियों से निपटने के लिए मजबूत अनुसंधान एवं विकास समर्थन के साथ गुणवत्तापूर्ण मानकों का अनुपालन करते हुए बड़ी मात्रा में शामिल होना शुरु कर दिया है। इसलिए, फियो का अनुमान है कि 2025 तक फास्टनर का निर्यात 1.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।

नैशविले में अत्यधिक सफल आयोजन की उम्मीद करते हुए फियो का विचार है कि यह कार्यक्रम अमेरिकी बाजार में व्यवसायों के विस्तार के लिए नए व्यावसायिक अवसरों और विचारों का सृजन करेगा।


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