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कैंसर से बचने के लिए न करें तम्बाकू सेवन और धूम्रपान : डॉ. एसजे पटेल



 26/May/23

कैंसर की बीमारी का नाम सुनते ही मरीज़ और परिवार मौत के भय से कांपने लगते हैं। कैंसर की बीमारी के विभिन्न पहलुओं पर क्लाउन टाइम्स के रिपोर्टर दिनेश मिश्र ने वाराणसी के सुन्दरपुर स्थित उपकार हॉस्पिटल के निदेशक एवं प्रख्यात सर्जन डॉ. एस जे पटेल से की सीधी बात की। बातचीत के दौरान डॉ. एस जे पटेल ने बताया कि कैंसर एक बड़ा ही भयावह शब्द है जिसका नाम सुनते ही मरीज एकदम डर जाता है, कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की कोशिकाएं अनियमित रूप से बढ़ने लगती हैं, यदि शरीर के किसी भाग में एकाएक सूजन और दर्द हो जो काफी दिनों तक ठीक ना हो तो उसकी जांच करानी चाहिए। यह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि कैंसर होने के मुख्य कारण हैं तंबाकू एवं सिगरेट,बीड़ी,गुटखा का सेवन ।कई पश्चिमी देशों के आंकड़ों को देखें तो यह भी देखा गया है कि जो बहुत ज्यादा नॉनवेज खाते हैं और उसमें भी रखा हुआ स्टोर्ड फूड खाते हैं उससे भी कैंसर के केसेस सामने आए हैं, कई बार फल और सब्जियों में पेस्टिसाइड्सऔर इंसेक्टिसाइड मिले होते हैं, उन्हें बिना अच्छे से धोएं खाने पर भी वह केमिकल्स और टॉक्सिंस हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और कैंसर का कारण बनते हैं।

शरीर के जब किसी भाग में सूजन होने लगती है और घाव एक का एक बढ़ने लगे ऐसे में उसे अनदेखा न करते हुए तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सालय में जाकर के उसकी जांच करानी चाहिए।

कैंसर का इलाज कैंसर के प्रकार के ऊपर निर्भर करता है अलग-अलग प्रकार के कैंसर का इलाज भी अलग-अलग होता है जैसे कई केसेस में सर्जरी करना और कई केसेस में रेडियो थेरेपी द्वारा सिकाई करनाऔर कई एक्सट्रीम केसेस में जब डॉक्टर को लगता है कि कैंसर ब्लड के जरिए पूरे शरीर के अन्य भागों में भी फैल रहा है तब उस स्थिति में कीमोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है जो काफी असरदार मानी जाती है। कीमोथेरेपी करने से कैंसर उत्पन्न करने वाले जीवाणु पूरे शरीर नष्ट हो जाते हैं। इस तरह से कैंसर को ठीक करने के लिए मुख्तया पांच विधियां अपनाई जाती हैं ।जिसमें पहले है सर्जरी दूसरा है रेडियोथैरेपी तीसरा है कीमोथेरेपी चौथा है हार्मोन थेरेपी और पांचवा इम्यूनोथेरेपी।

एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. एस जे पटेल ने बताया कि उपकार हॉस्पिटल में हर तरह के कैंसर रोगी आते हैं जिनमें मुख का कैंसर, स्तन कैंसर, बच्चेदानी का कैंसर, पित्ताशय का कैंसर, लीवर कैंसर, आंतो का कैंसर एवंओवेरी कैंसर। मरीजों को उनके आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग ट्रीटमेंट दिए जाते हैं। अगर मुंह में काफी दिनों तक छाले हैं जो ठीक नहीं हो रहे तो वह कैंसर के लक्षण हो सकते हैं, या महिलाओं में अगर स्तन में गांठ हैं जो कि वह शीशे के सामने खड़े होकर के एग्जामिन कर सकती हैं तो ऐसी स्थिति में अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए कि या गांठ साधारण है या कैंसर है। 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में कई बार बच्चेदानी में एकाएक ब्लीडिंग होने लगती है ऐसे में डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करके पता लगाते हैं कि इसकी वजह क्या है ऐसी परिस्थितियों में जब कोई भी रोग एकाएक बढ़ने लगे और काफी दिनों तक ठीक ना हो तो मन में शंका होनी चाहिए कि यह कैंसर भी हो सकता है और अपने नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करके विभिन्न जांच करानी चाहिए जिससे कि यह पता चल जाए कि क्या वह कैंसर तो नहीं है।

डॉ.एस जे पटेल ने वाराणसी की जनता को कैंसर से बचाव के लिए संदेश दिया कि तंबाकू सेवन से बचें किसी भी प्रकार का तंबाकू चाहे वह गुटखा हो सिगरेट हो इन सब का सेवन बिलकुल न करें और खान-पान का भी ध्यान रखें। ताज़ी चीज खाने की कोशिश करें और स्टोर्ड फूड खाने से बचे। समय-समय पर अपना हेल्थ चेकअप कराते रहे जैसे कि साल में एक बार अल्ट्रासाउंड जरूर कराना चाहिए जिससे पेट में किसी भी प्रकार की समस्या का पता चलता है। पेट में, बच्चेदानी में या ओवरी में अगर कोई भी गांठे बनना शुरू होगी तो अल्ट्रासाउंड से इसका पता चल जाता है। इसी प्रकार स्तन कैंसर के लिए मैमोग्राफी करनी चाहिए पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की जांच करानी चाहिए। शुरुआत में ही डायग्नोज कर लिया जाए तो कैंसर को जड़ से खत्म किया जा सकता है।


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