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काशी विश्वनाथ : सावन में भक्‍तों का रेड कारपेट पर होगा स्‍वागत, महंगी हुई मंगला आरती सहित सुगम दर्शन की टिकट



 24/Jun/23

आगामी सावन मास व अधिकमास के कारण इस वर्ष 8 सोमवार पड़ेंगे जिसमें देश के कोने से लाखों की संख्‍या में भक्‍त बाबा के दर्शन पाकर निहाल होंगे। आगामी त्‍यौहारों की तैयारी काशी विश्‍वनाथ धाम में हो चुकी है। मास सावन में काशी विश्वनाथ धाम आने वाले शिवभक्तों का स्वागत रेड कारपेट पर होगा। मंदिर के सभी प्रवेश द्वार पर भक्तों की अगवानी पुष्पवर्षा से होगी। दुनियाभर में बसे शिवभक्तों के सावन में काशी पहुंचने की उम्मीद है। इसलिए मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की अगवानी के लिए धाम परिसर को तैयार किया जा रहा है। धाम परिसर में धूप और बारिश से बचाव के लिए पहले ही जर्मन हैंगर लगाया गया है। इसके साथ ही जगह-जगह पीने के पानी, बैठने आदि की व्यवस्था को और दुरुस्त किया जा रहा है।

चार जुलाई से शुरू होने वाले सावन मास में काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा-सुरक्षा, प्रवेश-निकास आदि पर विशेष नजर रखने की रणनीति बनाई जा रही है। हर वर्ष की तरह ही गोदौलिया, मैदागिन, दशाश्वमेध व गंगा घाट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने का मार्ग तय कर दिया गया है। जो जिस मार्ग से प्रवेश करेगा, दर्शन के बाद उसी मार्ग से निकलेगा। साउंड सिस्टम से लैस सुविधा केंद्र और सहायता केंद्र बनाए जाएंगे। अन्य शिव मंदिरों में भी सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया जाएगा।

जून में प्रतिदिन औसतन एक लाख श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आ रहे हैं। शनिवार-रविवार व सोमवार को ये संख्या सवा लाख से डेढ़ लाख पहुंच जाती है। बारिश के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा। पिछले सावन में सोमवार के दिन श्रद्धालु संख्या छह लाख के पार तक पहुंच गई थी। उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ सकती है। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए कंट्रोल रूम से निगरानी की जाएगी।

विश्वनाथ मंदिर में अब 40 फीसदी श्रद्धालु गंगा घाट की तरफ से मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए श्रद्धालुओं के लिए टेंट, मैटिंग, कूलर, पंखे और आरओ वाटर उपलब्ध कराया गया है। शहर की भीड़ से बचने के लिए सावन में वीआईपी के प्रवेश के लिए भी गंगा द्वार का ही उपयोग किया जाएगा। इसके लिए अस्सी और नमो घाट से नावों का रूट भी तैयार किया जाएगा।

मंदिर की व्यवस्थाओं और तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए 27 जून को मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा की अध्यक्षता में बैठक होगी। इसमें अब तक हुई तैयारियों की समीक्षा के साथ भक्तों के लिए किए जाने वाले इंतजामों पर चर्चा होगी। इसके बाद एक जुलाई से मंदिर में सावन की व्यवस्थाओं को प्रभावी कर दिया जाएगा।

सावन में बाबा विश्वनाथ के दस स्वरूपों के दर्शन होंगे। लंबे समय के बाद यह पहला मौका होगा जब बाबा का दस स्वरूप में श्रृंगार होगा। वहीं बाबा की आरती के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि सुगम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 750 रुपए और सावन के सोमवार को श्रृंगार के लिए 20 हजार रुपए खर्च करने होंगे।


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