19 साल के बाद अधिमास के कारण 59 दिनों का महासंयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान शिव की आराधना, व्रत और जलाभिषेक के लिए भक्तों को आठ सोमवार मिलेंगे। इसके साथ ही चातुर्मास भी चार माह के बजाय पांच महीने का हो जाएगा। भगवान शिव के साथ ही शक्ति और भगवान विष्णु की कृपा भी भक्तों को मिलेगी।
मंदिर प्रशासन की ओर से बताया गया कि सावन में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में भक्तों को झांकी दर्शन मिलेंगे। सावन के सभी सोमवार को वीआईपी दर्शन और सुगम दर्शन पर रोक रहेगी। बाबा के धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन का भी नया रिकॉर्ड बनने के आसार हैं। पिछले साल सावन में जहां श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ तक पहुंच गई थी। वहीं, इस बार यह आंकड़ा दोगुने से भी अधिक होने का अनुमान है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए ही मंदिर प्रशासन इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। भीड़ प्रबंधन के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं।
बाबा विश्वनाथ के अलावा कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए पूर्वांचल भर से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। सावन के सोमवार को यहां तीन से चार लाख श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आते हैं। मंदिर में सावन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर बीएचयू, महामृत्युजंय मंदिर, जागेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर, कर्दमेश्वर, गौरी केदारेश्वर, शूलटंकेश्वर, रामेश्वर, ऋणमुक्तेश्वर सहित शहर के शिव मंदिरों में सावन की तैयारियां जोरों से चल रही हैं।