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सावन के पहले सोमवार पर बाबा विश्वनाथ धाम में भक्तों की लगी लंबी कतार, दोपहर 1 बजे तक 2 लाख से अधिक लोगों ने किया दर्शन



 10/Jul/23

Sawan 2023 : सावन के पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने के लिए कांवरियों के साथ स्‍थानीय जनता की लंबी कतार मध्य रात्रि से ही लगने लगी थी। सुबह मंगला आरती के बाद शुरू हुए दर्शन के बाद दोपहर 12 बजे तक दो लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई। मंदिर प्रशासन की ओर से शिवभक्तों के लिए रेड कार्पेट बिछाई गई और फूल बरसाकर स्वागत किया गया। विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाली हर सड़कों पर हर-हर महादेव और बोलबम की गूंज है। धाम के चारो प्रवेश द्वार पर बाबा भक्तों की अनवरत कतार लगी है।

सावन का आरंभ तो चार जुलाई से ही हो गया, लेकिन पहला सोमवार श्रद्धा की फुहार लेकर आया। बाबा का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों के मन में आस्था, श्रद्धा और उल्लास की लहरें उठती रहीं। सड़कें-गलियां बाबा के अभिषेक के लिए फल-फूल, धतूरा, बेल पत्र, वैजयंती आदि से महमह करती रहीं। रविवार को शयन आरती तक दो लाख 10 हजार शिवभक्तों ने बाबा दरबार में दर्शन पूजन किया था।
सावन के पहले सोमवार को यादव बंधुओं ने अपनी परंपरा के अनुसार बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। गौरीकेदारेश्वर से जलाभिषेक यात्रा शुरू हुई है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में गंगा द्वार से प्रवेश करके पश्चिमी द्वार से गर्भगृह में जलाभिषेक किया। यदुवंशियों का भक्ति भाव देख कर रास्ते में मौजूद लोग भी श्रद्धापूर्वक हाथ उठा कर हर-हर महादेव का उद्घोष करते दिखे। नंगे पैर कंधे पर गंगा जल का मटका लिए यदुवंशियों का रेला लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। यादव समाज का पीतल ध्वज और डमरू बजाते युवकों के दल को देख रास्ते भर हर हर महादेव का उद्घोष होता रहा। इस दौरान कई मौकों पर विहंगम नजारा दिखा। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि सावन के पहले सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में पांच से सात लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। गर्भगृह में प्रवेश और स्पर्श दर्शन की अनुमति नहीं होगी। भक्तों को बाहर से ही झांकी दर्शन और बाहर लगे पात्र से जलाभिषेक करना होगा। कांवरियों की अलग लेन बनाई गई है।

सावन के पहले सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर संपूर्ण क्षेत्र को चार जोन और 13 सेक्टर में बांटा गया है। गंगा से लेकर गलियों तक सुरक्षा और निगरानी की पुख्ता व्यवस्था की गई है। विश्वनाथ धाम के इर्द-गिर्द पुलिस के छह उद्घोषणा केंद्र बनाए गए हैं, जो कंट्रोल रूम से जुड़े हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ से आए आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के 25 कमांडो तैनात किए गए हैं।

कमिश्नरेट की पुलिस के अलावा चार एडिशनल एसपी के नेतृत्व में बाहर से आए 85 दरोगा, 600 कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल और छह डिप्टी एसपी के साथ ही पीएसी के दो उप सेनानायक तैनात किए गए हैं। पुलिस कर्मियों के अलावा तीन कंपनी पीएसी और एक कंपनी आरएएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं। मेला क्षेत्र में निगरानी के लिए सीसी कैमरों की मदद ली जा रही है। इसके अलावा बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड और दमकल कर्मियों के साथ ही माहौल पर नजर रखने के लिए स्थानीय अभिसूचना इकाई के कर्मचारी मेला क्षेत्र में तैनात किए गए हैं।

पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जोन ने रविवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम और मेला क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सोमवार को अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। भीड़ प्रबंधन सही तरीके से हो और यातायात पुलिस के कर्मी अपनी ड्यूटी में लापरवाही न बरतें। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार की शिकायत नहीं आनी चाहिए।


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