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जालसाजी के एक और मामले में गिरजाशंकर की जमानत अर्जी खारिज



 13/Jul/23

कई संस्थाओं का सदस्य होने का धौंस देकर होटल कारोबारी को फर्जी नोटिस भेजकर अवैध रंगदारी मांगने के मामले में शातिर जालसाज को एक और मामले में राहत नहीं मिली। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने दशाश्वमेध थाने के एक मामले में भेलूपुर, गौरीगंज निवासी गिरजाशंकर जायसवाल की जमानत अर्जी अपराध की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दी। अदालत में वादी विनय कुमार चौधरी के अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व सौरभ यादव ने आरोपित की जमानत अर्जी का विरोध किया।

प्रकरण के मुताबिक वादी मीरघाट स्थित एक होटल कारोबारी विनय कुमार चौधरी ने दशाश्वमेध थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप था कि वह मीरघाट क्षेत्र में एक होटल चलाता है। उसका होटल समस्त वैधानिक औपचारिकताओं को पूर्ण करके करीब 25 वर्षों से अधिक समय से संचालित हो रहा है। इस बीच विगत 2-3 वर्ष से कुछ आपराधिक किस्म के संगठित संगठन द्वारा वादी के होटल के विरुद्ध झूठी व मनगढंत कहानी बनाकर सरकारी पोर्टलों व विभागों में शिकायती पत्र देकर परेशान किया जा रहा है। जब वादी ने जानकारी की तो पता चला कि भेलूपुर, गौरीगंज निवासी गिरजाशंकर जायसवाल नामक व्यक्ति जो अपने आपको यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया व मानवाधिकार मिशन नई दिल्ली का आजीवन सदस्य बताते हुए शिकायती प्रार्थना पत्र देकर होटल कारोबारी व उद्योगपतियों को डरा-धमकाकर उनसे धन उगाही करता है। इस पर जब वादी ने उक्त संस्थाओं से आरोपित गिरजा शंकर जायसवाल के बारे में पता किया तो पता चला कि व इन संस्थाओं से निष्कासित हो चुका है। बावजूद इसके वह उक्त संस्थाओं का फर्जी लेटर हेड इस्तेमाल करके अधिकारियों पर दबाव बनाकर होटल कारोबारियों व व्यवसायियों को भयभीत करके उनसे धनउगाही करता है। अदालत में वाद के अधिवक्ता ने दलील दी कि आरोपी एक शातिर जालसाज व्यक्ति है, जो प्रतिष्ठित व्यापारियों, होटल मालिकों के विरुद्ध यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया व मानवाधिकार मिशन नई दिल्ली का सदस्य बताते हुए शिकायती प्रार्थना पत्र देकर धन उगाही करता है, जबकि वह इन संगठनों से पहले ही निष्कासित हो चुका है और उसके विरुद्ध छह मुकदमें पहले से ही लंबित है। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी।


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