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भाजपा व सुभासपा गठबंधन" में कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय को नजर आ रहे है भाजपा नेताओं के हत्यारे



 19/Jul/23

हमेशा अपने विवादित बयानों के चलते चर्चा में रहने वाले और कई बार तो विवादित बयानों के चलते मुकदमा झेलने वाले बनारस कांग्रेस के कद्दावर नेता व पूर्व विधायक अजय राय को भारतीय जनता पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर के साथ गठबंधन में भाजपा नेताओं के हत्यारे नजर आ रहे हैं।


 बताते चलें कि ये वही अजय राय है जिन्होंने वाराणसी के सांसद प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर सांसदी का चुनाव लड़ने के दौरान इन्होंने खुद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का समर्थन हासिल किया था और अपनी जमानत भी नही बचा पाए।
आज कांग्रेस के नेता अजय राय को अचानक भाजपा, सुभासपा गठबंधन में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा भाजपा नेताओं का हत्यारा नजर आ रहा है। ये हम नही कह रहे बल्कि वाराणसी में भाजपा संगठन से जुड़े तमाम कद्दावर नेताओं ने अजय राय के बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया में ये बाते कही।


आज अपने लहुराबीर आवास पर कांग्रेस के प्रान्तीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अजय राय ने मीडिया से बात-चीत करते हुए कहा कि भाजपा के लिए राजनैतिकता और मर्यादा सिर्फ मुखौटा और दिखावे की चीज है।


अजय राय यही नही रूके, उन्होंने आगे कहा कि अपने ही दल के नेताओं के हत्यारों से गठबंधन कर भाजपा 2024 का चुनावी समीकरण साधने का प्रयास कर यह साबित कर दिया है कि माफियाओं के खिलाफ उनका अभियान महज एक नौटंकी है। अगर ऐसा नही है तो फिर राजनैतिक मर्यादा का जो पैमाना भाजपा दूसरे राजनैतिक दलों के लिए सेट करती है, फिर उससे वह खुद को परे क्यों समझती है । क्या हालिया समय में भाजपा और सुहेलदेव राजभर की पार्टी सुभासपा के साथ जो गठबंधन हुआ है वह कहीं से भी पवित्र कहा जा सकता क्या। 
कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने 2014 के लोकसभा चुनाव में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी से समर्थन भी लिया और आज सफाई पेश कर रहे है कि उनके खिलाफ झूठा प्रचार किया गया। अपनी सफाई को और भ्रभावशाली साबित करने के लिए अपने बड़े भाई स्व. अवधेश राय की हत्या में दोषी करार होने वाले माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को सजा दिलाने की घटना को अपनी कामयाबी बात रहे है लेकिन पूर्व विधायक अजय राय इस पर कोई सफाई नही दे रहे है कि उन्ही की पंजाब कांग्रेस सरकार ने मुख्तार अंसारी को बचाने के लिए 50 लाख से ऊपर सरकारी रुपया उनकी पैरवी में खर्च कर दिया था, जिसका खुलासा आम आदमी पार्टी की सरकार ने किया। भले ही अजय राय ने बेखौफ होकर मुख्तार अंसारी के खिलाफ गवाही दिया लेकिन सूबे की योगी सरकार द्वारा गुंडों और माफियाओ को मिट्टी में मिलने का ऐलान करने के बाद ही प्रदेश में माफियाओ का आतंक समाप्त हुआ और न्याय पालिका को सही फैसले करने के लिए एक अच्छा माहौल मिला और लगातार अंसारी खानदान का वजूद मिट्टी में मिलता चला गया। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को सजा दिलाने में कामयाब होना, उनके अकेले की पैरवी नही थी बल्कि सूबे के योगी सरकार के वकीलों की मजबूत पैरवी और मुख्यमंत्री के हनक का परिणाम रहा कि पंजाब से  मुख्तार अंसारी  को उत्तरप्रदेश लाया गया और उसे सजा भी दिलाई गई। 

पूर्व विधायक अजय राय बनारस कांग्रेस के सबसे मजबूत नेता है लिहाजा अपनी बातों को मजबूती में कहने में पीछे नही रहते, उन्होंने आगे मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी विहिप के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रुंगटा , बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय, मुहम्मदाबाद के पूर्व ब्लाक प्रमुख भाजपा नेता श्याम शंकर राय भांवरकोल के भाजपा के तत्कालीन मंडल अध्यक्ष  रमेश राय, अखिलेश राय, शेषनाथ पटेल, चालक मुन्ना यादव व सरकारी अंग रक्षक समेत संघ और भाजपा के कई प्रमुख नेताओं के हत्या में शामिल है,  उसी मुख्तार अंसारी के बेटे सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी से समझौता कर  यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा सत्ता और अपने फायदे के लिए किसी भी स्तर पर गिर सकती है, अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या में खून से सने हाथों को अपने गले की हार बनाना कोई भाजपा से सीखे । भाजपा और अमित शाह को कम से कम अपने उन मृत नेताओं और कार्यकर्ताओं के परिजनों के आंसुओं की तो परवाह करनी चाहिए थी, जिनके घर के चिरागों को मुख्तार अंसारी ने सदा सदा के लिए बुझा दिया । अजय रायजी यही  नही रुके और कहा कि,  मैं भाजपा के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आखिर यह कैसा रिश्ता और पवित्र गठबंधन है, जिसके केंद्र में अपनों के खून से सने हांथ और और अपनों की सिसकियां हैं । भाजपा अगर मुख्तार अंसारी को अपराधी मानती है तो फिर उसी मुख्तार अंसारी के बेटे और सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी से यह गलबहियां कर वह क्या संदेश देना चाहती है। श्री अजय राय ने आरोप लगाते हुए कहा कि - कहीं यह अंदरखाने मुख्तार अंसारी के साथ भाजपा की कोई सांठ गांठ तो नहीं है जिसके द्वारा मुख्तार अपने खिलाफ चल रहे कार्यवाही से राहत पाने और उधर भाजपा  2024 के लोक सभा चुनाव के लिए समीकरण साधने की फिराक में हैं ! 

                2024 के लोकसभा चुनाव और उसकी तैयारियों के बारे में सवाल पूछने कांग्रेस प्रांतीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक श्री अजय राय ने कहा कि, मोदी जी कहते हैं कि एक अकेला सब पर भारी, जबकि हकीकत यह है कि भाजपा के गठबंधन में कुल अड़तीस दल हैं और उसके एकमात्र नेता मोदी जी हैं जबकि कांग्रेस गठबंधन में कुल 26 दलों के नेता हैं और वह एक ऐसा गठबंधन है जो संविधान और देश को फासिस्ट और अलोकतांत्रिक ताकतों से बचाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी के नेतृत्व में पूरे देश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों और उनके नेताओं के सहयोग से बनाया जा रहा है । यह गठबंधन एक समान विचारधारा ने विश्वास रखने वाली पार्टियों के समवेत प्रयास से बनाया जा रहा है । कुलमिलाकर अजय राय को अपने नेता राहुल गांधी की रणनीति और बिखरे हुए गठबंधन की विफलता कही भी नजर नही आ रही है। विरोधी दल का कोई नेता अब तक यह भी तय नही कर पाया कि किसके नेतृत्व में केंद्र की मोदी सरकार से 2024 में होगा मुकाबला। फिलहाल पूरे उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ICU पर चल रही है। अब देखना यह है कि कब तक उसके जान में जान आएगी।


  इस पत्रकारवार्ता में जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, राघवेन्द्र चौबे, शैलेंद्र सिंह, शफक रिज़वी, मनीष मोरोलिया, राजीव राम, विकास कौंडिल्य, मुहम्मद ज़ुबैर, डॉ नृपेंद्र नारायण सिंह, अमित पाठक समेत प्रमुख कांग्रेस नेता उपस्थित रहे।


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