वाराणसी। भारत की आजादी के अमृत काल में प्रधानमंत्री के एक भव्य एवं विकसित भारत निर्माण के प्रण तथा प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाए जाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संकल्पना को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में विकास के अलग-अलग आयामों को बल प्रदान किए जाने हेतु समग्र रूप से अथक प्रयास किए जा रहे हैं, जिनका वास्तविक प्रतिबिंब विभिन्न सर्वेक्षणों के माध्यम से प्राप्त होने वाले आंकड़ों में भी होना परम आवश्यक है।
इसी परिप्रेक्ष्य में बताया गया है कि भारत सरकार के कार्यक्रम एवं कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा विभिन्न समाजार्थिक सर्वेक्षणों यथा वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण, राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण, पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे एवं एनुअल सर्वे आफ अनइनकॉरपोरेटेड इंटरप्राइजेज नियमित रूप से संपूर्ण भारत वर्ष में संपादित कराए जा रहे हैं। जिसमें प्रदेश के अंतर्गत भी जनपद स्तर पर विभिन्न चयनित इकाइयों का सर्वेक्षण भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा कराया जाता है, परंतु प्रायः देखा जा रहा है कि इन सर्वेक्षण के दौरान सर्वेक्षण की जानकारी के अभाव में इन चयनित प्रतिदर्श इकाइयों से आंकड़ों के संग्रहण में अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता है, जिससे संग्रहित आंकड़ों का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में उनके द्वारा किया जा रहा योगदान वास्तविक रुप से परिलक्षित नहीं हो पाता है। इसी के दृष्टिगत प्रदेश में हो रहे निवेश, विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन, निर्माण, सेवा क्षेत्र, व्यापार आदि क्षेत्रों में संबंधित विभागों द्वारा किए जा रहे योगदान का ससमय एवं सही आकलन इन सर्वेक्षणों के माध्यम से अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए संबंधित सेक्टर से जुड़ी सभी इकाइयों एवं उनके उत्पाद से जुड़े आंकड़ों के आकलन करने वाले संबंधित विभागों को सेंसटाइज करने हेतु एक संगोष्ठी का आयोजन 16 से 30 जुलाई के मध्य आयोजित कराए जाने के निर्देश शासन द्वारा दिया गया हैं। जिला स्तर पर इस संगोष्ठी के आयोजन के लिए समिति का गठन किया गया है जिसमें जिलाधिकारी अध्यक्ष, मुख्य विकास अधिकारी, एनएसओ भारत सरकार के प्रतिनिधि, सहायक निदेशक कारखाना, सहायक श्रम आयुक्त, खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा व जिला सूचना अधिकारी सदस्य हैं। महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र संयोजक तथा जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी सदस्य सचिव बनाए गए हैं। इस समिति से अपेक्षा की गई है कि सर्वेक्षणों से जुड़ी इकाइयों एवं उनके यूनियन के प्रतिनिधियों को इस संगोष्ठी में आमंत्रित किया जाए। संगोष्ठी में उद्योगो व कारखानों से संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे। प्रदेश सरकार के संबंधित विभागों यथा-रजिस्ट्रार चिट फंड सोसायटी, कृषि विपणन, उद्योग बंधु, व्यापार कर अधिकारी, सहायक आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता, शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, नगर विकास विभाग, परिवहन विभाग आदि अधिकारियों के साथ-साथ अन्य सभी संबंधित स्टेक होल्डर्स व भारत सरकार के क्षेत्रीय अधिकारियों को भी संगोष्ठी में आवश्यक रूप से आमंत्रित किया जाए। जनपद स्तर पर प्रत्येक संगोष्ठी की अध्यक्षता जिलाधिकारी द्वारा तथा मंडल मुख्यालय के जिलों पर मंडलायुक्त के स्तर पर किए जाने के निर्देश हैं। जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी राम नरायन यादव ने बताया कि मुख्य सचिव के निर्देशों के क्रम में जनपद वाराणसी की संगोष्ठी कमिश्नर कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में 25 जुलाई को अपराहन 4:00 बजे का उनके सभाकक्ष में आयोजित है। इसमें प्रतिभाग करने के लिए सभी संबंधित कारखाना प्रतिनिधियों, व्यापार संगठनो के पदाधिकारियों, उद्योग बंधु, श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों, निवेशकों के प्रतिनिधियों को इनके संबंधित विभागीय अधिकारियों के माध्यम से आमंत्रित किया गया है। इस संगोष्ठी में जनपद के प्रभागीय वनाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सहायक निदेशक कारखाना, परियोजना निदेशक डीआरडीए, जिला विकास अधिकारी, उप कृषि निदेशक, सहायक श्रम आयुक्त, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, रजिस्टार चिट फंड सोसायटी ,औषधि निरीक्षक, संयुक्त आयुक्त वस्तु एवं सेवाकर, जिला विद्यालय निरीक्षक, सहायक निबंधक सहकारिता, बेसिक शिक्षा अधिकारी, ए आरटीओ, सहायक निदेशक एन एस एस ओ, जिला पंचायत राज अधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत गंगापुर, नगर निगम के अधिकारी तथा सहायक निदेशक एम एस एम ई भारत सरकार को आमंत्रित किया गया है। सभी से अपील है कि इस संगोष्ठी में प्रतिभाग करके प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाए जाने हेतु जो भी सुझाव हैं, उद्यमियों की जो भी समस्याएं हैं, उन पर चर्चा की जाए तथा उद्यमों व कारखानों से सर्वेक्षण के माध्यम से जो भी सूचनाएं समय-समय पर सरकार कोअपेक्षित होती हैं तथा जिन्हें गोपनीय रखा जाता हैं, उन वांछित सूचनाओं को शुद्धता के साथ सर्वेक्षण कर्ताओं के साथ शेयर किया जाये तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाए जाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया जाए।