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कृमि मुक्ति दिवस पर 18 लाख से अधिक बच्चों को खिलायी जायेगी पेट के कीड़े निकालने की दवा



 02/Aug/23

वाराणसी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस आगामी 10 अगस्त को मनाया जाएगा, इस अवसर पर जिले में एक से 19 साल के 18 लाख से अधिक बालक-बालिकाओं को कृमि से मुक्ति के लिए पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने अभियान की सफलता को लेकर समीक्षा बैठक की। सीएमओ ने कहा कि जनपद में 10 अगस्त को 18 लाख से अधिक बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे हर हाल में पूरा करने की कोशिश की जायेगी। उन्होंने कहा कि इसमें एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों के साथ ही  छह से 19 साल तक के स्कूल जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं को उनके विद्यालय में दवा खिलायी जायेगी। इसमें सभी सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों से दवा खिलाने में सहयोग लिया जायेगा। अभियान में उन बच्चों को भी दवा खिलायी जायेगी जो स्कूल नहीं जाते है। साथ ही ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिकों के  बच्चों को भी आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवा खिलाई जाएगी।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. संजय राय  ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस दस अगस्त को दवा खाने से छूट गये बच्चों के लिए 17 अगस्त को मॉप अप राउंड आयोजित होगा। इसमें छूटे हुए बच्चों को भी दवा से आच्छादित कर लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पेट में कीड़े होने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं। उनमें खून की कमी हो जाती है, जिसके कारण बच्चे कमजोर होने लगते हैं। अभिभावकों को चाहिए कि  बच्चों को इस परेशानी से बचाने के लिए कीड़े निकालने की दवा उन्हें जरूर खिलाएं।

बैठक में डॉ ए के मौर्या, डॉ एच सी मौर्या, समस्त अधीक्षक/ प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, डीसीपीएम, जिला समन्वयक आशीष अग्रवाल के अलावा बीसीपीएम, बाल विकास परियोजना अधिकारी व खण्ड शिक्षा अधिकारी शामिल रहे।

दवा खाने का तरीका- एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली अच्छी तरह से पीस कर पानी में मिलाकर खिलाएं। दो से तीन साल के बच्चों को एक पूरी गोली पीस कर पानी के साथ खिलाएं।  तीन से 19 साल के बालक-बालिकाओं को एक पूरी गोली चबाकर खानी होगी।

कृमि मुक्ति के फायदे-  स्वास्थ्य और पोषण में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि एनीमिया नियंत्रणसीखने की क्षमता में सुधार।

कृमि संक्रमण के लक्षण-  दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना कृमि संक्रमण के लक्षण हो सकते। बच्चे के पेट में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने ही अधिक होंगे।  हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं।


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