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आजमगढ़ चिल्ड्रन गर्ल्स स्कूल में छात्रा की मौत के बाद शिक्षक और प्रधानाचार्या की गिरफ्तारी के विरोध में PSWA हुआ लामबंद



 06/Aug/23

आजमगढ़ में चिल्ड्रन गर्ल्स कॉलेज में एक छात्रा ने बैग की तलाशी के दौरान मोबाइल पकड़े जाने पर विद्यालय में खुदकुशी कर लिया जिसके विरोध में आजमगढ़ महिला संगठनों और सामाजिक संस्थाओं ने विद्यालय के विरुद्ध कड़ा विरोध किया। पुलिस प्रशासन ने विद्यालय के प्रिंसिपल और शिक्षक को धारा 306 का दोषी मानते हुए गिरफ्तार कर लिया है।

इसी के विरोध में पूर्वांचल स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने इस अत्यंत दुखद घटना में हुई गिरफ्तारी के विरोध 8 अगस्त को विद्यालय बंद करके पुलिस प्रशासन और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कड़ा संदेश देने का ऐलान किया है।
पदाधिकारियों ने मंडलायुक्त वाराणसी के माध्यम मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्रक में सवाल उठता है कि कैसे विद्यालय का प्रिंसिपल और शिक्षक आत्महत्या के लिए दोषी हो सकता है, जिनको धारा 306 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।
मोबाइल फोन बच्चों के माता-पिता उनको देते हैं जिसका बच्चे दुरुपयोग करते हैं। आज किसी भी विद्यालय में जरा - जरा सी बात पर अभिभावक FIR करने की धमकी देते हैं और बच्चों ने शिक्षक शिक्षिकाओं एवं विद्यालय को सम्मान देना बंद कर दिया है।

ऐसा नहीं है कि यह सभी बच्चों एवं अभिभावकों के द्वारा किया जाता है 2 से 5% तक ऐसे अभिभावक उत्तर प्रदेश के सभी विद्यालयों में मिल जाएंगे। कटुता और सच्चाई तो यह है कि आज बच्चों को कुछ भी कहने में शिक्षक डरते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि बच्चे ने यदि कोई भी गलत कदम उठा लिया तो दोष उन्हीं के ऊपर आएगा।
आज समाज का प्रत्येक वर्ग आज की जनरेशन यानी कि छात्र-छात्राओं में मूल्यों की गिरावट की बात करता है और उसके लिए दोषी कौन है समाज के लोग, या स्वयं अभिभावक जोकि अपने बच्चों को समय नहीं देते, उनका ख्याल नहीं रखते और समय से पहले वह सभी चीजें उपलब्ध करा देते हैं जिनकी बच्चों को कतई आवश्यकता नहीं है। महोदय यह सब बताने का उद्देश्य सिर्फ इतना था कि आज विद्यालय प्रबंधक, प्रधानाचार्य एवं शिक्षक विद्यालय के संचालन में डरने लगे हैं, क्योंकि किस पल उनके खिलाफ कार्यवाही हो जाएगी यह स्वयं उन्हें नहीं पता है।

निसंदेह जिस परिवार ने अपने बच्चे को खोया है वह दुखद लेकिन इसके लिए जिम्मेदार कौन है यह बहुत बड़ा सवाल है। पहले भी इसी प्रकार की कई घटनाएं हुईं है। उत्तर प्रदेश के समस्त निजी विद्यालय संगठन यह पुरजोर मांग करते है कि घटना की सत्यता की जांच की जाए और यदि संबंधित व्यक्ति दोषी है तो अवश्य उसके खिलाफ कार्यवाही की जाए अन्यथा की दशा में उसे तत्काल रिहा किया जाए।
इसी प्रकरण में उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों मे दिनाँक 8 अगस्त को सभी विद्यालयों को सांकेतिक बंदी का आह्वान किया गया है. सभी शिक्षक उस दिन विद्यालय आकर इसका प्रतिकार काली पट्टी लगा कर करेंगे।
पत्रक में उत्तर प्रदेश के सभी विद्यालय संगठन सभी निजी विद्यालय से यह अपेक्षा की गई है कि यदि हमारे इस पत्र को संज्ञान में लेकर उचित कार्यवाही नहीं की गई तो ऐसी दशा में दिनांक 11 अगस्त 2023 से अनिश्चित काल के लिए उत्तर प्रदेश के समस्त निजी विद्यालय बंद कर दिए जाएंगे।
हम सभी लोग कानून से बंधे हुए हैं और कानून का पालन करते हैं ऐसा कोई भी कार्य नहीं करना चाहते जिससे समाज में कोई गलत संदेश जाए किंतु अब अति हो चुकी है और हर बात में विद्यालय को दोषी बना दिया जाए यह स्वीकार नहीं है अतः क्षुब्ध होकर हम सभी ने यह निर्णय लिया है।
आशा करते हैं आप हम सब की संवेदनाओं को महसूस करते हुए न्यायोचित निर्णय लेने की कृपा करेंगे।

पूर्वाचल स्कूल एसोसिएशन, वाराणसी
तथा समस्त निजी विद्यालय संगठन, उत्तर प्रदेश।


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