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सनबीम लहरतारा एवं स्तुति वीव्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ "बुनाईकारी" वीविंग एक्सीबिशन



 07/Aug/23

पहली बार शहर के किसी विद्यालय में हथकरघा और हस्तशिल्प के प्रति बच्चों को प्रशिक्षित एवं जागरूक करने के लिए इतने विस्तृत एक्सीबिशन का आयोजन किया गया था। साड़ी बुनाई के ग्राफ़ डिज़ाईनींग, पंचकार्ड डिज़ाईनींग, थ्रेड सॉर्टिंग, यार्न डाईंग और हैंड वीविंग जैसे 5 प्रमुख चरणों का लाईव एक्सीबिशन लगाया गया था जो 3 घंटे से भी अधिक समय के लिए लगाया गया था। कारीगर और बुनकरों ने विद्यार्थियों को प्रशिक्षित और जागरूक करते हुए सभी चरणों की बारीकियों से अवगत कराया। स्तुति वीव्स की निदेशिका श्रीमती वंदना सिंह ने इस आयोजन को क्रांतिकारी बताया। उन्होंने कहा, हमारे जिस प्रयास के साथ विद्यार्थी वर्ग जुड़ जाये मान लीजिए कि उस विधा और प्रयोग का भविष्य स्वर्णिम है। हथकरघा जैसे बेहद अहम और संवेदनशील शिल्प विधा से बच्चों को जोड़ने का सनबीम लहरतारा का पहल प्रशंसनीय है। एक्सीबिशन के समापन समारोह में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हैंडलूम टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. पी. थेनारसु, वीवर्स सर्विस सेन्टर के उप निदेशक एस. के. गुप्ता, वीवर्स वेलफेयर की अध्यक्ष डॉ. समता पांडेय बतौर विशिष्टता अतिथि उपस्थित रहें। डॉ. थेनारसु ने इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसा आयोजन समाज को सही दिशा और हस्तशिल्प को सुदृढ़ भविष्य प्रदान करेगा। अतिथि एवं अभिभावकों का स्वागत करते हुए सनबीम शिक्षण समूह की उप निदेशिका श्रीमती अमृता बर्मन ने कहा कि जो काम असम्भव हो और कहीं नहीं हो सकता वो विद्यालय में सम्भव हो सकता है। सनबीम अभिनव कलाओं की प्रयोगशाला है और हम भविष्य निर्माण की कड़ी में बच्चों को संस्कृति से जोड़ने की प्रक्रिया को सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं। समापन समारोह के अंत में विद्यार्थी, शिक्षकों, अभिभावकों और अतिथियों ने हैंडलूम परिधान में रैम्प वॉक किया। प्रधानाचार्या श्रीमती परवीन क़ैसर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

 


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