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दुनियां में महात्मा गांधी जैसा कोई ऐसा जन नायक पैदा नहीं हुआ जिसके चिन्तन के आगे पूरा विश्व श्रध्दानत होता हो



 02/Oct/23

वाराणसी 2 अक्टूबर। महात्मा गांधी जैसा चिंतक विचारक और सत्य का अन्वेषक  मानवता का पुजारी जननायक दुनिया के किसी देश में पैदा नहीं हुआ जिसके आगे पूरा विश्व नतमस्तक होता हो।
   आज के ही दिन जन्मे भारत माता के महान सपूत पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय  लाल बहादुर शास्त्री जी सादगी  शुचिता के साथ आदर्श की राजनीति के सहारे  देश सेवा का उच्च  मापदंड  स्थापित करने वाले ऐसे महान राजनेता थे जो  मूल्यों और सिद्धांतों के लिए आजीवन समर्पित  रहे ।
  उक्त विचार आज इंग्लिश या लाइन स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के कार्यालय में महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी में बक्ताओं द्वारा व्यक्त किया गया । वरिष्ठ नेता  और उत्तर प्रदेश  राज्य  सिंचाई आयोग  के पूर्व  अध्यक्ष श्री विजय शंकर पांडे जी की अध्यक्षता में संपन्न विचार गोष्ठी में वक्ताओं द्वारा आगे कहा गया कि महात्मा गांधी का सिद्धांत और चिंतन चिरकाल तक दुनिया को राह दिखाता रहेगा, सत्य, अहिंसा और प्रेम पर आधारित उनका जीवन दर्शन अपने आप में खुली किताब की तरह था  वे  अपने ही उपर सत्य का अन्वेषण किया  करते थे  जिसकी मिसाल दुनिया भर में ढूंढने पर भी नहीं मिलती, यही कारण है कि आज दुनिया की सारी हस्तियां भले ही वो कितनी भी शक्तिशाली  क्यों न हों  पर वे सभी महात्मा गांधी के चिंतन और आदर्श के आगे झुक करके प्रणाम करते हैं । महात्मा गांधी अपने आप में विचार एक संस्था और आदर्श की एक ऐसी प्रतिमूर्ति थे जो जिस तरह  कल प्रासंगिक थे वैसे ही आज भी प्रासंगिक हैं और आने वाली सदियों तक इसी तरह से प्रासंगिक बने रहेंगे। 
 भारत माता की गोद में  आज के ही दिन पैदा हुये स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन भी  देश और  समाज के लिए एक अद्भुत मिशाल प्रस्तुत करता है जो लोगों को सादगी, सुचिता, सिद्धांत, आदर्श और उत्कट देश प्रेम की प्रेरक शिक्षा देता रहता है, उन्होंने भी जीवन में राजनीति का ऐसा मापदंड स्थापित किया जिस पर चलने को कौन कहे उनकी छाया के बराबर भी अब कोई नहीं दिखता ।  देश का  दुर्भाग्य है कि गांधी जी और शास्त्री जी जैसे  महान लोगों के विचारों को मानने, समझने और उसपर  चलने वालों की आज भारी कमी होती जा रही है ,कम से कम राजनीति का क्षेत्र तो एक तरह से सिद्धांत विहीन होकर रह गया है । बावजूद इसके भारत धरा की  पावन भूमि से उत्पन्न हुए इन दोनों  महान सपूतों का जीवन और उनका व्यक्तित्व तथा कृतित्व आने वाली पीढियों को हमेशा हमेशा रास्ता दिखाता रहेगा। यह और बात है कि हमलोग उसपर पर चलते कितना है और उसका अनुसरण कितना करते हैं ।
 गोष्ठी से पूर्व  महात्मा  गांधी  जी और लालबहादुर  शास्त्री  जी के चित्र  पर पुष्पान्जलि अर्पित  की गयी ।
 विचार गोष्ठी में प्रमुख रूप से सर्वश्री विजय शंकर पांडे राधेश्याम सिंह ,बैजनाथ सिंह ,भूपेंद्र प्रताप सिंह राधे लाल श्रीवास्तव, प्रभूनाथ पान्डेय, डाक्टर प्रेम शंकर पाण्डेय, ब्रह्मदेव मिश्रा,  महेन्द्र चौहान, ज्वाला मिश्रा, मनोज चौबे, आनंद मिश्रा, पुनीत  मिश्रा,  पंकज  मिश्रा, सुशील सोनकर, अशोक कुमार पांडे, निशांत ओझा , कमलाकांत पांडे, डाक्टर  रमेश चौहान, युवराज पांडे मोहम्मद अरशद, पिंटू शेख आदि लोगों ने  विचार प्रकट किया।


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