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प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के छात्र – छात्राओं ने लिखी G – 20 से जुड़े विषयों पर एक पुस्तक, जैपुरिया बाबतपुर की विशेष पुस्तक में दिखती है युवाओं की सोच व अपेक्षाएं



 02/Oct/23

भारत इस वर्ष वैश्विक मंच पर जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। आर्थिक, भौगोलिक, सामाजिक व अन्य दृष्टिकोणों से यह सबसे प्रभावी अन्तराष्ट्रीय संगठन है। भारत ने अपनी अध्यक्षता में न केवल शासनाध्यक्षों की ऐतिहासिक बैठक का दिल्ली में आयोजन किया और 60 शहरों में 200 से अधिक बैठकें सम्पन्न कराई बल्कि अनेक उपलब्धियां व कीर्तिमान अर्जित किये है।

      इन्हीं विशेष पहल व उपलब्धियों में एक और कड़ी जुड गयी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सेठ एम. आर. जैपुरिया स्कूल्स बनारस के बाबतपुर कैम्पस के कक्षा दो से बारह के छात्र – छात्राओं ने जी-20 से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपनी रचनाओं से युक्त एक विशेष पुस्तक का सफलतापूर्वक प्रकाशन किया।

      रिवरबरेशन (प्रतिध्वनि) शीर्षक के साथ रचित यह पुस्तक वास्तव में युवाओं की सोच व आकांक्षाओं की प्रतिध्वनि दिखाई पड़ती है, जिसमें रचनात्मकता, समूह भावना और प्रतिभाओं का बेहतरीन प्रयोग किया गया है।

      120 पेज की इस बहुरंगी पुस्तिका में आर्थिक चुनौतियां, शिक्षा, लैगिंक समानता, पर्यावरण, दुनिया का भविष्य, स्थायी व समावेशी विकास, नारी सशक्तिकरण, तकनीक, अन्तराष्ट्रीय कराधान, खाद्य सुरक्षा, कुपोषण, गरीबी उन्मूलन, विश्व शांति, सामाजिक न्याय आदि से जुड़े लेख, कविता, नाटक और आकर्षक चित्रकलाओं के माध्यम में छात्र – छात्राओं ने अपनी भावनाओं को खूबसूरत अभिव्यक्ति दी है।

     

 

      इस पुस्तक में प्रतिभाशाली युवाओं की रचनाएं जी-20 के विभिन्न पहलूओं पर एक विचारणीय परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करती है। यह न केवल युवाओं में वैश्विक मामलों की गहरी समझ को प्रदर्शित करते है, बल्कि महत्वपूर्ण अंतराष्ट्रीय मामलों से अवगत रहने और जुड़े रहने के प्रति छात्रों के समर्पण को भी दर्शाते है।

                     प्रमुख विचार

               पुस्तक के लोकार्पण के अवसर पर छात्र – छात्राओं को इस सराहनीय कार्य हेतु बधाई देते हुए वाराणसी के मण्डलायुक्त कौशल राज शर्मा ने कहा कि इस विशेष पहल का अन्तराष्ट्रीय प्रभाव पड़ेगा जो कि बच्चों के समर्पण, रचनात्मक कोशिशों और संकल्प से सम्भव हो सका है।

      विद्यालय की प्रधानाचार्या सुधा सिंह ने छात्र - छात्राओं की प्रतिभा पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे विद्यालय ने हमेशा अपने छात्रों को गंभीर रुप से सोचने, वर्तमान घटनाओं से जुड़ने और कक्षा से आगे बढ़कर सामाजिक हितों पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया है। जी-20 पर यह पुस्तक उनकी कड़ी मेहनत, शोध और सीखने के जुनून का एक प्रमाण है।

      विद्यालय के चैयरमैन दीपक कुमार बजाज ने कहा कि स्कूल केवल किताबों पर आधारित शिक्षा देने के लिए नहीं बल्कि व्यवहारिक ज्ञान साझा करने,  नई रचनाओं का सृजन करने और भविष्य के लिए योग्य पीढ़ी को तैयार करने के गुरुकुल जैसे संस्थान के रुप में लिया जाना चाहिए और हमारे स्कूल सेठ एम. आर. जैपुरिया स्कूल्स बनारस के दोनों कैम्पस बाबतपुर एवं पड़ाव कैम्पस इस दिशा में कार्यशील है।

      सम्पादिका खुशबू शाह ने बताया कि इस पुस्तक हेतु हमें सौ से अधिक लेख प्राप्त हुए जिनमें से कई को स्थान के अभाव के कारण रोकना पड़ा। इन लेखों में छात्र – छात्राओं ने बड़ी बेबाकी से अनेक विषयों को प्रस्तुत किया है जिस पर गंभीर चिंतन किये जाने की आवश्यकता है। बच्चों की तैयारी व उनकी सामग्री सम्पादन में अभिभावकों एवं अन्य शिक्षकों ने भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।

      युवा लेखिका भव्या राय ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के गौरवमयी कालखण्ड में इससे जुड़ी विशेष पुस्तक का हिस्सा बनना एक रोमांचक पल है। हमारे विचारों की अभिव्यक्ति हमारे सपनों और आकांक्षाओं का भी प्रतीक है।

      कवि छात्र हिमांशु शेखर के अनुसार इस विषय पर जब सोचना प्रारम्भ किया तो शब्द और विचार आते चले गये। इसके माध्यम से हम जो देख रहे है और जो देखना चाहते है, इन दोनों ही परिस्थितियों का खाका खींचने का प्रयास किया है।

               शांति की प्रतीक चित्रकला में छात्रा अंतरा पाण्डेय के अनुसार उसने बुद्ध को केन्द्र में रख कर श्वेत कबूतर, कल – कल बहती गंगा का सुरम्य तट, सभी देशों के झण्डों की लड़ी और जी-20 का लोगो दर्शाते हुए अपनी भावनाओं को कूची और रंगो से सजाया है।

                      व्यापक वितरण

               प्रकाशन के उपरांत वाराणसी में 13 – 14 सितम्बर को आयोजित की गई सतत वित्त समूह की आखिरी बैठक में यह पुस्तक वितरित की गई जिसे विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने सराहा। यह पुस्तक भारत एवं उत्तर प्रदेश के विशिष्ट व्यक्तियों के साथ-साथ जी-20 समूह के सदस्य व आमंत्रित देशों के शासनाध्यक्षों व सभी राजदूतों को भी प्रेषित की जा रही है।

                                  सहयोगी शिक्षक  

          पुस्तक के प्रकाशन में शिक्षकगण अंकिता सिंह, आर्ची श्रीवास्तव, गुरुषा रुपानी, हंसा छाबरा, कायनात कमर, खुशबू महतो, खुशबू सिंह, स्नेहा नंदी, रुपल खेमका, मो. शाद आदि ने अपना विशेष योगदान दिया।

                               युवा लेखक

           इस जी-20 पुस्तक में छात्र – छात्राओं सूर्य प्रताप सिंह, अद्रिका मौर्या, मो. इब्राहिम, रिद्धिमा वर्मा, वृशान श्रीवास्तव, सिद्धी पाण्डेय, अक्षिता पॉल, रुद्र विकास कुमार, अंतरा पाण्डेय, जेसिका पाण्डेय, गौरी सिंह, कृतिका राय, अंशिका मिश्रा, इशु सिंह, रिद्धिमा सिंह, आर्ना सिंघल, अभिरुचि राय, पलक मौर्या, श्रेयश तिवारी, अनुष्का बरनवाल, स्तुति सिंह, अनन्या दूबे, हिमांशु शेखर, सत्य विनायक सिंह, दर्शिका गुप्ता, उमरा अली, अरिशा सिंह व अन्य ने अपनी लेखनी से इस पत्रिका को सजाने में योगदान दिया।

                          

 

 

 

 

 

 

                           बधाईयां

            इस अवसर पर प्रबंध निदेशक मनोज कुमार बजाज, अधिशासी निदेशक श्याम सुंदर बजाज, निदेशक अनिल के. जाजोदिया, आयुष्मान बजाज, शैक्षणिक प्रबंधक नरेन्द्र पाण्डेय इत्यादि ने सभी छात्र – छात्राओं को अपनी बधाईयां दी और उनके मंगलमय भविष्य की कामना की।

                                  स्कूल परिचय

             सेठ एम. आर. जैपुरिया स्कूल्स बनारस के वाराणसी शहर में दो कैम्पस बाबतपुर व पड़ाव पर स्थित हैं  जहां नर्सरी से कक्षा बारह में पांच हजार छात्र – छात्राएं अध्ययन करते है। सीबीएसई द्वारा मान्यता प्राप्त इन दोनों कैम्पस में 40 से अधिक गतिविधियों स्वीमिंग पूल, शूटिंग रेंज, तीरंदाजी, घुड़सवारी व विभिन्न खेल, दो बड़े पुस्तकालय, दो मेगा कम्प्यूटर कक्ष एवं सभी विज्ञान प्रयोगशालाओं के साथ-साथ रोबोटिक्स लैब, मैथ लैब, लैंग्वेज लैब की सेवा उपलब्ध है। यहां कक्षा ग्यारह – बारह में पढ़ने के लिए तीनों वर्ग विज्ञान, वाणिज्य व कला की शिक्षा प्रदान की जाती है। बाबतपुर कैम्पस में छात्र – छात्राओं के लिए कक्षा तीन से वातानुकूलित हॉस्टल की विशेष सुविधा भी उपलब्ध करायी गई है। विद्यालय द्वारा उत्तम शिक्षा के साथ – साथ छात्राओं के सर्वांगीण विकास पर पूरा ध्यान दिया जाता है।

   


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