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News Click  से जुड़े पत्रकार उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता, अभिसार शर्मा, भाषा सिंह, ऑनिंद्यो चक्रवर्ती और प्रबीर पुरकायस्थ आदि के घरों पर दिल्‍ली पुलिस का छापा



 03/Oct/23

News Click  Journalist Raid: खबर है कि दिल्ली पुलिस ने  आधा दर्जन  पत्रकारों के यहॉं छापा मार कर उन्‍हें अपने साथ ले गयी है। मीडिया में प्रसारीत खबरों के जिन लोगों के घरों पर छापे पड़े हैं उनमें उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता, अभिसार शर्मा, भाषा सिंह, ऑनिंद्यो चक्रवर्ती और प्रबीर पुरकायस्थ जैसे तेज तर्रार पत्रकार शामिल हैं

इनमें से कई पत्रकारों ने मोबाइल फोन जब्त होने से पहले खुद 'एक्स' पर पुलिस की कार्रवाई की जानकारी दी। इनके अलावा इतिहास के मामलों के जानकार सोहैल हाशमी और हास्य कलाकार संजय राजौरा के घरों पर भी छापे मारे गए हैं।

कई मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि पुलिस ने इनमें से कुछ पत्रकारों को अपने पास रोक लिया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) 'न्यूजक्लिक' के खिलाफ विदेश से करोड़ों रुपये चंदा लेने के कथित उल्लंघन के आरोपों की जांच पहले से कर रही हैं।

विभिन्‍न मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने वेबसाइट के खिलाफ यूएपीए के तहत नया मामला दर्ज किया है और इन पत्रकारों के खिलाफ इसी मामले के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस की कार्रवाई पर देश के लगभग सभी मीडिया संगठनों ने चिंता व्यक्त की है। डिजिपब ने कहा है कि यह सरकार के मनमाने और डराने वाले रवैये का एक और उदाहरण है। फाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफेशनल्स के मुताबिक पत्रकारों के मोबाइल और लैपटॉप को बिना कानूनी सुरक्षाओं के जब्त करने से प्रेस की आजादी खतरे में पड़ती है। न्यूजक्लिक के खिलाफ फरवरी, 2021 में भी ईडी ने छापे मारे थे। वेबसाइट से जुड़े स्थानों पर मारे गए यह छापे पांच दिनों तक चले थे। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने अगस्त 2020 में वेबसाइट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

न्यूजक्लिक को मिली कुल 30 करोड़ रुपयों की फंडिंग

न्‍यूज क्लिक पर एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि वेबसाइट को वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स एलएलसी नाम की अमेरिकी कंपनी से 9.59 करोड़ रुपये एफडीआई मिली थी, जिसके लिए कंपनी के शेयरों के दामों को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया गया था ताकि भारतीय मीडिया संस्थानों में 26 प्रतिशत एफडीआई की ऊपर सीमा से बचा जा सके।

वेबसाइट का कहना है कि आरबीआई इस निवेश की जांच कर इस निष्‍कर्ष  पहुँचा है कि इसमें कोई अनियमितता नहीं है। इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने 2021 में ही दावा किया था कि एजेंसियों की जांच के दायरे में न्यूजक्लिक को मिली कुल 30 करोड़ रुपयों की फंडिंग है।

अगस्त 2023 में अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया था कि अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम ने "चीनी प्रोपेगेंडा" फैलाने के लिए कई संगठनों को पैसे दिए थे और इन संगठनों में न्यूजक्लिक भी शामिल है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक वेबसाइट के खिलाफ ताजा केस और कार्रवाई इसी मामले से जुड़ी है। लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि वेबसाइट की फंडिंग से उसके लिए काम कर रहे पत्रकारों का क्या संबंध है। इन सभी पत्रकारों पर यह भी आरोप है कि ये लोग केन्‍द्र की मोदी सरकार और भाजपा शासित प्रदेशों की सरकार के विरुद्ध लगातार एजेंडा चलाने में लगे रहते हैं। लिहाजा ऐसी सोच के पत्रकार अजीत अंजुम आदि सुबह से ही अपने यूट्यूब चैंनल पर पत्रकारों के विरुद्ध कार्रवाई को सरकार की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं और इसे इमरजेंसी के दौर से तुलना कर रहे हैं।

कुल मिला कर जो भी हो अब तो जांच एजेंसियों की जद में आये इन पत्रकारों को अपनी लड़ाई तो लड़नी ही पड़गी और खुद को निर्दोष साबित करने के लिए न्‍यायालय के सामने अपना पक्ष मजबूती से रखना होगा। तभी दूध का दूध पानी का पानी होगा।

 

 


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