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रहस्यमयी बुखार एव डेगू के चपेट में शहर, मरीजों पर बरपा रहा है कहर



 05/Oct/23

वाराणसी को जिस प्रकार से रहस्यमयी बुखार एवं डेंगू ने जकड़ लिया है। सभी अस्पताल में मरीजों की तादाद लंबी कतार के साथ देखी जा सकती है। लोग इलाज और प्लेटलेट्स के लिए दर-दर भटक रहे हैं, उसको देखते हुए सामाजिक संस्था सुबह-ए-बनारस क्लब के बैनर तले संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल, कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ० प्रियंका तिवारी, उपाध्यक्ष अनिल केसरी के नेतृत्व में मैदागीन स्थित श्री हरिश्चंद्र बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज के परिसर में छात्राओं के बीच रहस्मयी बुखार और डेंगू से बचाव के लिए एक जन जागरूकता अभियान चलाया गया। उपरोक्त अवसर पर सभी वक्ताओं ने कहा कि बरसात के मौसम के बाद डेंगू तो अपना कहर बरपा ही रहा है, लेकिन उसके अलावा एक रहस्यमयी बुखार ने लोगों के साथ डॉक्टर लोगों को भी हैरान कर दिया है। जिसने हर घर में किसी न किसी सदस्य को अपना शिकार बनाया है, इसका प्रकोप इतना भयानक है, कि इसके चपेट में आने के बाद मरीज का सारा शरीर असहनीय पीड़ा और बुखार के तपन से तड़प जाता है,जो की निरंतर कई दिनों तक रहता है। डॉक्टर भी हैरान और परेशान है,कि आखिर इसका किस तरह से इलाज किया जाए। शरीर के सारे हड्डी और जोड़-जोड में असहनीय पीड़ा इसका प्रमुख लक्षण है। साथ ही बुखार के तपन,पूरे शरीर में सूजन एवं एलर्जी से मरीज परेशान रहता है, लैब के पकड़ से बाहर इस रोग का इलाज डॉक्टर कभी चिकनगुनिया कभी डेंगू कभी मलेरिया के रूप में कर रहे हैं। जांच के नाम पर लोग पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं,गौरतलब है कि इस बुखार का लक्षण डेंगू, चिकनगुनिया,मलेरिया से मिले झूले लक्षण हैं। ठंड देकर तेज बुखार आना बुखार का फिक्स हो जाना,सामान्य पेरासिटामोल से भी उसका ना उतरना, शरीर के सभी जोड़ों में असहनीय दर्द व अकरण होना, मांसपेशियों में असहनीय पीड़ा व अकड़न तेज सिर दर्द होना, शरीर पर लाल रैशेज होना रक्त में तेजी से प्लेटलेट्स का गिरना। इस रोग के से बचाव के  लिए कोई भी वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं है। संस्था द्वारा सभी लोगों से हाथ जोड़कर पुरजोर ढंग से अपील किया जाता है कि वह संक्रमित कीड़ों से बचने के लिए फूल ट्राउजर शर्ट मोजे व जूते पहनकर ही बाहर निकले शरीर के खुले अंगों पर ओडोमॉस का प्रयोग करें,घर के आस-पास नाली कूड़े के ढेर, झाड़ियां घास-फूस आदि की भली प्रकार सफाई करवाए, कीटनाशक का छिड़काव करवाए, यह रोग एक रोगी से दूसरे रोगी में नहीं फैलता। सिर्फ और सिर्फ संक्रमित कीड़े के काटने पर ही व्यक्ति इससे संक्रमित हो सकता है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से नीचीबाग बुलानाला व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रदीप गुप्त, श्याम दास गुजराती, ललित गुजराती, बी.डी. गुजराती सहित सैकड़ो छात्राएं शामिल थी।


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