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सनबीम लहरतारा में आयोजित रहा वार्षिकोत्सव रेनबो-ओवर द वाराणसी स्काई



 24/Nov/23

इस वर्ष के सनबीम लहरतारा का वार्षिकोत्सव वाराणसी शहर के दिग्गज कलाकार, साहित्यकार एवं शिक्षाविदों को समर्पित रहा इस वर्ष के रेनबो कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों ने बनारस के उन महान हस्तियों के बारे में जाना जिनकी वजह से बनारस का नाम विश्व भर में विख्यात है। सनबीम लहरतारा में आयोजित दो दिवसीय वार्षिकोत्सव का शुभारंभ 24 नवंबर को सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ. दीपक मधोक निदेशिका भारती मधोक, उपनिदेशिका अमृता बर्मन, सहनिदेशिका प्रतिमा गुप्ता एवं मानद निदेशक हर्ष मधोक ने संयुक्त रूप से दीप प्रतिस्थापना के माध्यम से किया। इस वर्ष के वार्षिकोत्सव में 490 से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभागिता की। कार्यक्रम में सबसे पहले शैक्षणिक सत्र के मेधावी एवं प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को अभिभावकों के सामने सम्मानित किया गया। सनबीम लहरतारा के जिन छात्रों ने वर्ष पर्यंत जिला, प्रदेश एवं देश भर में आयोजित विविध कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की उन सबको प्रतिभा का रंग बिखेरते हुए मंच पर देखा गया। तत्पश्चात स्कूल आर्केस्ट्रा के माध्यम से पद्म विभूषण पंडित किशन महाराज को श्रद्धांजलि दी गई।

कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित किशन महाराज द्वारा रचित गणेश परन से हुआ। जिसमे अदिती चतुर्वेदी, आर्यमन मिश्रा, सारंग मिश्रा, विमर्श श्रीवास्तव, अतुल्या अस्थाना, रक्षित भार्गव, अनमोल श्रीवास्तव, ध्रुविका सिंह समेत 40 विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की। उसके बाद जूनियर स्कूल कॉयर ने इंग्लिश सांग्स के जरिए मनमोहक प्रस्तुति दी। जिसमें विराज मित्तल, अग्रिमा, वेद गुजराती, कुशाग्र मोदनवाल, अनंत सिंह, वेदान्त राय, सान्वी शारदा, नक्ष रस्तोगी, इशान, भव्या शितलानी, जायसी दत्ता, चारवी, अनायरा रस्तोगी, नव्या गुप्ता समेत 63 प्रतिभागियों ने मंच प्रस्तुति की। इसके बाद सनबीम लहरतारा की प्रधानाचार्या श्रीमती परवीन कैसर एवं उनकी टीम के सदस्यों ने मिलकर विद्यालय की वार्षिक विवृत्ति प्रस्तुत की, जिसमें विद्यालय के सभी अभिनव गतिविधियों से अभिभावकों को अवगत कराया गया। इसके बाद समूह की उपनिदेशिका श्रीमती अमृता बर्मन ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। स्वागत भाषण में उपनिदेशिका ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय वह सुंदर स्थान है जहां अभिभावक और शिक्षक मिलकर देश का भविष्य निर्माण करते हैं उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के अंदर छिपी बहुमुखी प्रतिभा को हम बेहतर से बेहतरीन कर सकते हैं। आज के समय में शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के भीतर छिपी प्रतिभा को भी समान मंच प्रदान किया जाना चाहिए। अभिभावकों के अथक प्रयास, सहयोग एवं इच्छा शक्ति के बूते वार्षिकोत्सव जैसा बड़ा कार्यक्रम आयोजित हो पाता है। इसके बाद सनबीम शिक्षक समूह के मानद निदेशक हर्ष मधोक ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि सनबीम लहरतारा एक विद्यालय से अधिक एक चिंतन और मंथन का केंद्र बन गया है। यहां के बच्चे साल भर देश के सभी प्रतिष्ठित विद्यालयों एवं विदेश के भी प्रतिष्ठित विद्यालयों में आयोजित समारोह या समागम में सम्मिलित होने जाते हैं। यह जिले के साथ-साथ पूरे सूबे में किसी भी विद्यालय के लिए अत्यंत गर्व का विषय है। इस अवसर पर सनबीम शिक्षण समूह की सह-निदेशिका श्रीमती प्रतिमा गुप्ता ने कहा कि जब खेल-खेल में आप बच्चों को जीवन की पढ़ाई पढ़ा सके तब आप मानिए कि आपकी शिक्षा पद्धति आधुनिक है और सांस्कृतिक भी। सनबीम ऐसी ही शिक्षा पद्धति में यकीन रखता है और ऐसे ही शिक्षा पद्धति का निर्वहन करता है।

इसके बाद केजी सेक्शन के नन्हे मुन्ने कलाकारों ने हमें बचपन की गलियों का सैर कराया। नन्हे मुन्ने प्रतिभाशाली कलाकारों ने चाचा चौधरी, नोडी, अरेबियन नाइट्स जैसे लोकप्रिय किताबों के टाइटल संगीत पर बेहद खूबसूरत मंच प्रस्तुति दी। क्रानिकल्स आफ चाइल्डहुड नामक इस कार्यक्रम में उत्कर्ष यादव, निहाल अग्रवाल, शिवाय मेहरा, अनिरूद्ध पाण्डेय, वामिका जालान, ध्रुविका शर्मा, मान्वी अग्रवाल, प्राजल मोदनवाल, विशेष यादव, स्पर्श बजाज, आयुष्मान सिंह, अथर्व जायसवाल, प्रशस्ति यादप, विवान गुप्ता, दर्श अग्रवाल, हुनर खन्ना, कार्तिक सर्राफ, दिव्यांश शाह, विराज अग्रवाल, वान्या सर्राफ, पार्थ प्रताप सिंह, अविका कनोडिया, कनिश्का गुप्ता समेत 150 विद्यार्थियों मंच प्रस्तुति दी।

इसके बाद रिचुअल्स ऑफ़ वाराणसी कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों ने हमारे विविध संस्कारों से लोगों को रूबरू कराया। नृत्य और वक्तव्य के माध्यम से उन्होंने शंख के अस्तित्व, घंटी के अस्तित्व, नमस्कार क्यों और कैसे किया जाता है, हर-हर महादेव, का काशी में क्या अस्तित्व और महत्व है, दीप प्रज्वलन क्यों किया जाता है उसकी क्या विशेषता है और भारतीय संस्कृति में बिंदी का क्या महत्व है जैसे बेहद नैसर्गिक और मौलिक विषयों पर प्रकाश डालते हुए रुचि पूर्ण प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में अद्रिजा पॉल, श्रेया शुक्ला, जान्हवी, केशरी, आयती भार्गव, अन्विका मुरारका, निराली राज, जोया, वाग्मी गुप्ता, अनन्या रस्तोगी समेत 24 विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की।

इसके बाद कलर्स ऑफ़ वाराणसी जो की रेनबो कार्यक्रम का सेंट्रल थीम भी है। इस प्रस्तुति के जरिए संत कबीर, गोस्वामी तुलसीदास, भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, पद्मविभषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा, सत्यजीत रे, पंडित बिरजू महाराज, मुंशी प्रेमचंद एवं जयशंकर प्रसाद जैसे विभूतियां को नमन किया गया। उनकी सीख को आत्मसात करने का प्रयास किया गया । इस नयनाभिराम कार्यक्रम में कुशांग अग्रसेन, अक्षत माहेश्वरी, तनिष्क गुप्ता, दर्शिका श्रीवास्तव, सात्विक मणि, आद्या झंवर, चारवी राय, सान्वी दास, शेनाया गुप्ता, अग्रिता बत्रा, शालिला सिंह, यू लावन्या, यशोदा बनर्जी, गर्वित कालरा, जोनिरा अंसारी, निष्का टहलानी, शिविका डागा, प्रत्युश बर्मन, दर्श गुजराती, आरव डिडवानिया, अतुल राज, विराज चौरसिया, विधान शारदा, अनमोल वर्मा, कार्तिक खन्ना, कुमुद कश्यप, विशालाक्षी, इवा कपिला, आराध्या राय, समृद्धी बनर्जी, समेत 200 विद्यार्थियों ने रेनबो ओवर द वाराणसी स्काई की मनमोहक प्रस्तुति दी।

इस दरमियान मोजैक्स ऑफ़ वाराणसी थर्ड थिएटर नृत्य नाटिका का भी मंचन किया गया। इसके माध्यम से बनारस के अनछुए पांच विशेष जगहों पर प्रकाश डाला गया जिसमें कर्दमेश्वर मंदिर, आदि केशव मंदिर, दशाश्वमेध घाट, मान मंदिर वेधशाला, पान एवं बेलपत्र विशेष रूप से रहे। इतनी सुंदर प्रस्तुति देखने के पश्चात सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ दीपक मधोक ने विद्यार्थियों और प्रशिक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमें खुशी है कि बच्चों को इतने महत्वपूर्ण विषय पर कार्यक्रम करवाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिया गया और सिर्फ प्रशिक्षण ही नहीं दिया गया उन्हें समय-समय पर विषयागत लोगों के सानिध्य में भी लाया गया। इस प्रस्तुति में वान्या टण्डन, अर्नी महेन्द्र, अयेन्द्र सिंह, दिविशा सिंह, आयती सिंह, आरव आर्यन, श्रीजल केसरी, दक्षिता गुजराल समेत 22 विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की।

प्रशिक्षण के अंतर्गत विद्यार्थियों को पंडित बिरजू महाराज की वरिष्ठ शिष्या एवं ख्यात कलाकार शाश्वती सेन से सिखने का अवसर मिला। बच्चों को गोस्वामी तुलसीदास के घर जाकर वहां कुछ समय बिताने , लमही जाकर मुंशी प्रेमचंद के घर में वक़्त बिताने, उस्ताद बिस्मिल्लाह साहब के घर जाने और जयशंकर प्रसाद के घर जाने का सुखद अवसर मिला तो यह वार्षिकोत्सव एक शिक्षाप्रद वार्षिकोत्सव रहा।

 

समूह की निदेशिका श्रीमती भारती मधोक ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सनबीम अपने उद्देश्य कि ओर हर रोज़ बिना रुके आगे बढ़ता है और उसकी वजह है सनबीम के बच्चे और अभिभावक। हमारे हर वार्षिकोत्सव में अभिभावक हमारे विशेष अतिथि होते है और बच्चे हमारे विशेष प्रस्तोता। हमें ख़ुशी है कि हम आप दोनों के बीच के वो सेतु है जो बच्चो को तराशने का और उनके भविष्य निर्माण का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे है। हम आश्वस्त है कि सनबीम लहरतारा ऐसे ही प्रगतिशील कार्य करता रहेगा। कार्यक्रम का संचालन अहान सिंह, अप्रमिती गुप्ता, विराज पाण्डेय, सौरिश मारू, मरियम खान, शारिनी अग्रवाल समेत 11 संचालकों ने मिलकर किया।

 

 


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