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जगदगुरु शंकराचार्य के पदयात्रा को हजारों लोगों ने गंगा पूजन,आरती कर दिया समर्थन



 16/Mar/24

गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बन्द करवाने हेतु वृंदावन से दिल्ली तक पंद्रह दिवसीय नंगे पांव पदयात्रा कर रहे परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज को आज अस्सी घाट पर शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय के नेतृत्व में हजारों लोगों ने गंगा पूजन,आरती व हनुमान चालीसा का पाठ कर पदयात्रा के तृतीय दिवस को अपना आत्मीय समर्थन प्रदान किया। उपस्थित लोगों के हाथों में पोस्टर था जिसपर गौ माता की जय लिखा था व शंकराचार्य सहित गौ माता का तस्वीर अंकित था।

आरती स्थल पर आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने कहा कि गोविंद भी गौ माता के रक्षा हेतु हर युग मे अवतार लेते हैं। गौ माता के अंदर 33 कोटि देवी देवता व समस्त तीर्थ विराजते हैं। गौ माता के दर्शन से 33 कोटि देवी देवता के दर्शन पूजन का फल प्राप्त होता है। ऐसी देशी रामा गौ माता के रक्षार्थ ही ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती महाराज सुख,नींद,चैन त्यागकर नंगे पांव कंकड़,पत्थर व कांटो पर चल रहे हैं और सौ करोड़ सनातनधर्मीयों के सर्वोच्च प्रतिनिधि के रूप में सरकार से गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कर गोकशी बंद कराने की मांग सरकार से कर रहे हैं। सरकार को पूज्यपाद महाराजश्री के मांग को स्वीकार कर सदा सदा के लिए सनातनियों के हृदय में अपना आदरणीय स्थान बना लेना चाहिए।

धर्मसभा की अध्यक्षता करते हुए पं. बलराम मिश्रा ने कहा कि जिस राष्ट्र में गौरक्त गिरता है उस राष्ट्र में सदैव अकाल व दुर्भिक्ष पड़ता है। गौमाता व गौवंश का का हमारे जीवन में बहुत अधिक उपयोगिता है इसलिए गौ माता का संरक्षण व संवर्धन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

धर्मसभा का संचालन त्रिशूलधारी राकेश पाण्डेय ने किया और आगन्तुकों को डॉ. साकेत शुक्ला ने आभार ज्ञापित किया।

गंगा पूजन,आरती व धर्मसभा में प्रमुख रूप से सर्वश्री:-सदानंद तिवारी,अजित मिश्रा,श्रवण मिश्रा, नारायण उपाध्याय,यश चतुर्वेदी सहित हजारों लोग सम्मलित थे।


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