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क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति, जानिए अब तक किन-किन लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है



 22/Mar/24

देश की राजधानी दिल्ली में हुआ शराब घोटाले इन दिनों देशभर में सुर्खियों में है। बीती शाम ढलते ही दिल्ली के मुख्यमंत्री निवास पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहुंची मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शराब नीति मामले में पूछताछ की। रात होते ही केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद पूरे विपक्ष में हलचल मच गया। ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है।

केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार के सामने नेतृत्व संकट का सवाल खड़ा हो गया। चर्चा आम हो गई कि मुख्यमंत्री जेल गए तो दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा। आप ने एक हस्ताक्षर कैंपेन चलाया था, जिसमें 90 प्रतिशत लोगों ने यह कहा था कि जेल से ही मुख्यमंत्री दिल्ली का शासन संभालेंगे। इधर, आम आदमी पार्टी के बड़े नेता अपने मुखिया की गिरफ्तारी के बाद मुखर रहे और यहां तक कहा कि जेल से ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली का शासन चलाएंगे।

दिल्‍ली सीएम के पहले इसी मामले में आम आदमी पार्टी के दो बड़े नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले ही जेल में हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सियासी आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया।

बताते चलें कि 17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई। शराब ब्रिकी के लिए ठेकेदारों को लाइसेंस लेना पड़ता है। इसके लिए सरकार ने लाइसेंस शुल्क तय किया है। सरकार ने कई तरह की कैटेगिरी बनाई है। इसके तहत शराब, बीयर, विदेशी शराब आदि को बेचने के लिए लाइसेंस दिया जाता है। अब उदाहरण के लिए पहले जिस लाइसेंस के लिए ठेकेदार को 25 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसी के लिए पांच करोड़ रुपये देने पड़े। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस शुल्क बढ़ाया। इससे छोटे ठेकेदारों की दुकानें बंद हो गईं और बाजार में केवल बड़े शराब माफिया को लाइसेंस मिला। विपक्ष का आरोप ये भी है कि इसके एवज में आप के नेताओं और अफसरों को शराब माफियाओं ने मोटी रकम घूस के तौर पर दी।

जिसके बाद नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने का आरोप है। वहीं, बड़े शराब कारोबारियों को फायदा होने की बात कही जाने लगी। भारतीय जनता पार्टी का यही आरोप है। सरकार का तर्क है कि लाइसेंस फीस बढ़ाने से सरकार को एकमुश्त राजस्व की कमाई हुई। इससे सरकार ने जो उत्पाद शुल्क और वैट घटाया उसकी भरपाई हो गई।

इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।
सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी।
एक नजर में जानिए दिल्ली आबकारी नीति मामले में कब क्या हुआ
17 नवंबर 2021: दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति लागू की।
8 जुलाई 2022: दिल्ली के मुख्य सचिव ने नीति में घोर उल्लंघन की रिपोर्ट दी।
22 जुलाई 2022: उपराज्यपाल ने नियमों के उल्लंघन की सीबीआई जांच की सिफारिश की।
19 अगस्त 2022: सीबीआई ने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया, समेत तीन अन्य लोगों के घर पर छापे मारे।
22 अगस्त 2022: प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।
सितंबर 2022: आम आदमी पार्टी के संचार प्रमुख विजय नायर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया।
मार्च 2023: प्रवर्तन निदेशालय ने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया।
अक्तूबर 2023: आप नेता संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया।
अक्तूबर 2023: ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पहला समन भेजा।
16 मार्च 2024: भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता को ईडी ने गिरफ्तार किया।
21 मार्च 2024: दिल्ली आबकारी नीति मामले में केजरीवाल बृहस्पतिवार को नौवीं बार ईडी के समन में शामिल नहीं हुए। कुछ घंटों बाद हाईकोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया।
शराब नीति मामले में अब तक विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, पी सरथ चंद्रा, बिनोय बाबू, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, राघव मंगुटा, राजेश जोशी, अमन ढाल, अरुण पिल्लई, मनीष सिसोदिया, दिनेश अरोड़ा, संजय सिंह, के. कविता और अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हो चुकी है।


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