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होली पर हर्बल कलर का प्रयोग करें : डॉ अशोक राय



 24/Mar/24

पहले के जमाने में जहां नेचुरल तरीके से बने रंगों का ही ज्यादा उपयोग किया जाता था, वहीं अब होली आने पर मार्केट केमिकल युक्त रंगों से पटे रहते हैं। पिछले साल ऐसी रिपोर्टस सामने आई थीं कि फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि भारतीय बाजारों में मौजूद सिंथेटिक कलर्स में किस स्तर तक टॉक्सिक मौजूद हैं। ऐसे में आम लोगों के लिए यह पता लगाना कि कौन से कलर लेने चाहिए या नहीं बहुत मुश्किल है।
यही वजह है कि हर साल होली के रंगों से खेलने के बाद बड़ी संख्या में लोगों को स्किन से जुड़ी समस्या से जूझना पड़ता है। उन्होने  बताया कि 'मेरी स्किन जब भी सिंथेटिक कलर्स के संपर्क में आती है मुझे भी रैशेज होने लगते हैं। यह काफी अनकंफर्टेबल होता है। रैशेज और उससे होने वाली खुजली को ठीक करने के लिए मैं बर्फ और दही व नारियल तेल से बने मिक्सचर को स्किन पर लगाता था। इस परेशानी के कारण कई बार मेरे दिमाग में ख्याल आया कि मैं होली पर रंगों से खेलना ही छोड़ दूं।
डॉ. राय ने बताया  कि होली के कलर्स के कारण भी स्किन से जुड़ी समस्याओं से उन्हें भी गुजरना पड़ा था। रंगों में मौजूद सिंथेटिक डाई और टॉक्सिन्स के कारण मुझे त्वचा पर जलन की समस्या होती थी। इससे मेरा स्किन भी रूखा हो जाता था। जलन और रूखी त्वचा से निपटने के लिए  ऐलोवेरा जेल या लैक्टो कैलेमाइन लोशन, बेबी ऑइल और कोकोनट ऑइल के मिक्स को स्किन पर लगाये। उन्होंने बताया कि कई बार तो वह अपने चेहरे पर क्रीम और तेल लगाकर होली खेले ताकि उनकी स्किन पूरी तरह कवर रहे। और अब तो उन्होंने रासायनिक रंगों से होली खेलना ही बंद कर दिया है। सिर्फ हर्बल गुलाल से ही होली खेलते हैं।

लक्ष्मी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ. अशोक राय द्वारा होली के केमिकल युक्त रंगों से स्किन को बचाने के लिए कुछ खास टिप्स 

  • इस बात का ध्यान रखें कि जैसे ही आप होली खेलकर लौटें अपनी स्किन को एक अच्छे क्लीजनिंग लोशन से साफ करें। 
  • यह भी ध्यान रखें कि उसमें सैलिसिलिक ऐसिड न हो, नहीं तो आपको जलन की समस्या हो सकती है जो आपकी परेशानी बढ़ा देगा।'

लक्ष्मी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ अशोक राय  के मुताबिक, 

  • जिन लोगों को ऐलर्जी की समस्या है उन्हें होली बिल्कुल नहीं खेलनी चाहिए। यह बिना मतलब का रिस्क लेने जैसा है।
  • हर्बल कलर्स से होली खेले और यदि ऐसा संभव न हो सके तो सूखे रंगों से खेलें क्योंकि पानी के कारण कलर स्किन को ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।
  • होली पर रंगों से खेलने से पहले स्किन पर मॉइस्चराइजर की थिक लेयर लगाएं इसके लिए पेट्रोलियम जैली या कोकोनट ऑइल का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह काम होली खेलने से कम से कम 1 घंटे पहले करें। एक बार लोशन तब और लगा लें जब होली खेलना शुरू करें।लोशन के अलावा चेहरे और स्किन पर कोल्ड क्रीम या फिर तेल भी लगाया जा सकता है।  सरसों का तेल स्किन से कलर हटाने में एकदम प्रभावी है। 
  • अगर संभव हो तो होली खेलने से पहले अपने बालों को कवर कर लें। 
  • अपने साथ होली खेलते समय कोल्डक्रीम जरूर रखें। इससे स्किन को रैशेज की समस्या से बचाने में मदद मिलेगी।' डॉक्टर अशोक राय ने बताया कि  स्किन को  हाइड्रेट रखने के लिए मॉइस्चराइजिंग ट्रीटमेंट कैरी करने और शहद, दही, हल्दी, ऐलो वेरा और रोज वॉटर जैसे नैचरल चीजों के इस्तेमाल करें।
  • रंगों के कारण अगर बाल ड्राई लगें तो उस पर ग्लिसरिन युक्त लोशन लगाएं। स्किन पर भी ग्लिसरिन क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है जो रंग हटाने के साथ ही स्किन को मॉइस्चर देने में मदद करता है।


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