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नकली पुलिस बनकर साढ़े तीन करोड़ रूपये का फ्राड करने वाले को पुलिस ने किया गिरफ्तार



 11/Apr/24

वाराणसी। आम जनमानस को फर्जी पुलिस व ट्राई अधिकारी बनकर उन्‍हें गिरफ्तारी का डर दिखाकर धमकाने और धोखाधड़ी से 03 करोड़ 55 लाख रूपये का फ्राड करने वाले को फिलहाल पुलिस ने पकड़ लिया है। बीते 8 मार्च को शम्पा रक्षित निवासी, सिगरावाराणसी द्वारा सूचना दिया गया कि वादिनी के मोबाइल नंबर पर अज्ञात मोबाइल नंबर से काल आया कि वह टेलिकाम रेगुलेटरी अथारिटी  से बोल रहा है और 2 घण्टे में वादिनी का फोन बंद हो जायेगा। अभी वादिनी के पास पुलिस का फोन आयेगा। उसके तुरन्त बाद फोन आया वह अपने को विनय चौबे, विले पार्ले पुलिस स्टेशन महाराष्ट्र का होना बताकर एक दूसरा मोबाइल नंबर बताते हुए कहा कि आपने घाटकोपर से यह मोबाइल नंबर लिया है और इससे आप अवैध काम कर रही है तो वादिनी ने बताया कि यह मोबाइल नंबर मेरा नही है, तो उस पर उन्होंने बताया का आपके खिलाफ अरेस्ट वारण्ट है, आपको विले पार्ले पुलिस स्टेशन आना पड़ेगा तो वादिनी कहा कि मैं मुम्बई मे नही रहती हूँ, इसलिए नही आ सकती तो उन्होंने अपने सिनियर से बात करने को बोला और वादिनी से SKYPE  APP डाउनलोड करवाया इसके बाद इनके सिनियर से वादिनी की बात होने लगी जिसके द्वारा वादिनी को अरेस्ट होने की धमकी देते हुए गिरफ्तारी का डर दिखाकर घर के अन्दर रहने तथा किसी को इसके सम्बन्ध में नही बताने हेतु बताकर वादिनी के परिवार का पुरा विवरण लिया गया और वादिनी के खाते का पुरा डिटेल चेक किया। इसके बाद उसने वादिनी को  गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए वादिनी के खातो में आये पैसो को जांच करने हेतु सारे पैसों तथाकथित RBI को खाते में डालने को बताया और आश्वासन दिया कि जांचोपरान्त वादिनी के पैसे वापस आ जायेंगे तथा अरेस्ट नही होंगी। इस तरह वादिनी के साथ कुल 3 करोड़ 55 लाख का धोखाधड़ी कर लिया गया, जिस पर थाना हाजा पर मु.अ.सं. – 0035/2024  धारा- 417, 420, 384, भा.द.वि. व 66 डी. आई.टी. एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया गया।

उक्त प्रकरण के गंभीरता के दृष्टिगत पुलिस आयुक्त कमिश्ररेट वाराणसी मोहित अग्रवाल द्वारा आवश्यक निर्देश दिया गया था जिस पर पुलिस उपायुक्त (अपराध) चन्द्रकान्त मीना द्वारा घटना का सफल अनावरण हेतु तीन टीमों का गठन किया गया था। जिसके पश्चात् अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) टी सरवणन व सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) गौरव कुमार द्वारा नेतृत्व करते हुए प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना विजय नारायण मिश्र की अगुवाई में साइबर क्राइम थाना वाराणसी टीम द्वारा तमामी इलेक्ट्रानिक विश्लेषण व सर्विलांस के उपरांत प्रकाश मे आयेइस मुकदमे से संबन्धित 14 अभियुक्तगण को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। मुकदमा उपरोक्त अपने खाते में 55 लाख प्राप्त करने वाला शातिर को गिरफ्तार कर नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

अभियुक्त उपरोक्त से पूछने पर बताया कि उसका नाम पवन सिंह पुत्र जितेन्द्र सिंह निवासी- केरोल मेडिकल वाली गली, झालना थाना मालवीय नगर, जयपुर, राजस्थान पिन 302017, उम्र करीब 20 वर्ष है। वो पैसों की लालच में साइबर अपराधियों के गिरोह से जुड़ा गया था तथा साइबर अपराध के पैसो को प्राप्त कर उपयोग करने हेतु अपने अथवा अपने साथियों के नाम पर किराये के घर का पता दिखाकर बैंक खाता खुलवाकर साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराता हूँ, जिसके बदले मेरे साइबर साथियों के द्वारा मुझे कमीशन दिया जाता है। अपने साथियों के साथ मिलकर योजना के तहत करन्ट किसी भी कंपनी नाम से खोल लेते है, और उसमें फ्राड का  पैसा मंगाते है,योजना के तरह कागजों को दूरूपयोग करके जी.एस.टी. नंबर एलाट कराते है, साथ ही उद्योग का भी रजिस्ट्रेशन कराते है, इन सब रजिस्ट्रेशन व खाता खोलवाने में पुलिस से बचने के तमाम तरीके को अख्तियार करते है । कुछ दिन पूर्व मैने अपने साइबर अपराधियों से मिलकर वाराणसी के एक महिला के खाते से 55 लाख रुपये अपने नाम के फर्म/कंपनी में मंगाया गया था, तथा पैसा मंगाने के बाद मेरे साइबर साथियो के द्वारा भिन्न भिन्न खातो मे पैसा ट्रान्सफर कर निकाल लिया गया जिसमें मुझे करीब लाखों रुपये मिला था। मुझे बैंक से पता चल गया था कि मेरा खाता वाराणसी की साइबर पुलिस नें बंद कर दिया है। तो मैं वाराणसी के मुकदमे की जानकारी करने तथा वकील से मिलने वाराणसी आया था कि आप लोगो ने पकड़ लिया।

गिरफ्तार अभियुक्‍त के पास से मल्टीमीडिया एण्ड्राइडमोबाइल फोन, फर्म/कंपनी का मुहर, नगदी 71हजार रूपये मिले हैं।


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