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चांदी के हाथी पर निकले भगवान महावीर



 22/Apr/24

जैन समाज द्वारा 21 अप्रैल को मैदागिन स्थित बिहारी लाल से दिगंबर जैन मंदिर के प्रांगण से भगवान महावीर स्वामी की अष्टधातु की प्रतिमा को चांदी के हाथी रूपी विशाल रथ पर विराजमान कर बहुत धूमधाम से शोभा यात्रा मैदागिन नीची बाग बुलानाला चौक, ठठेरी बाजार सोराकूवा होते हुए ग्वाल साहू लेन स्थित दिगंबर जैन मंदिर पर पहुंची। शोभा यात्रा का नेतृत्व श्री दिगंबर जैन समाज काशी के अध्यक्ष आरसी जैन उपाध्यक्ष राकेश जैन। संजय जैन। प्रधानमंत्री प्रदीप चंद जैन । कर रहे थे। जुलूस का संचालन रत्नेश जैन और राजेश भूषण जैन द्वारा किया गया। इस अवसर पर जुलूस में स्थित महिलाएं वह बच्चों द्वारा नारे "आज क्या है महावीर जयंती" भगवान महावीर का क्या संदेश जियो और जीने दो "एक दो तीन चार जैन धर्म की जय जय कार" इत्यादि सुंदर नारे लगाते हुए चल रहे थे । जुलूस में पुरुष सफेद वस्त्र धारण किए हुए थे और महिलाएं केसरिया वस्त्र धारण की हुई थी महिलाएं द्वारा डांडिया की प्रस्तुति भी बीच-बीच में की जा रही थी जो की बहुत ही मनमोहक लग रहा था। इस अवसर पर पंचायती जैन मंदिर में 1008 रजतकलश से विश्व शांति हेतु भगवान महावीर की प्रतिमा का पूजन अभिषेक का कार्य भी संपन्न हुआ। इस अवसर पर समाज मंत्री विनोद जैन पवन जैन किशोर जैन प्रमोद बागड़ा आशा जैन राजुल बागरा सौरभ जैन इत्यादि प्रमुख लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर जैन समाज के उपाध्यक्ष राकेश जैन ने काशी में स्थित जैन धर्म के चारों जन्म स्थल का विकास करने की मांग की। जैन समाज द्वारा 23वें तीर्थंकर भगवान पारसनाथ की जन्मस्थली भेलूपुर पर भगवान पारसनाथ द्वार बनाने की मांग की गई। इसी तरह सारनाथ में 11वें तीर्थंकर भगवान श्रेयांश नाथकी जन्मस्थली सारनाथ में भी भगवान श्रेयांशनाथ द्वार बनाने की मांग की है। श्री राकेश जैन ने बतलाया। कुछ वर्षों पूर्व केंद्र सरकार द्वारा भगवान महावीर के जन्मोत्सव पर कई सौ करोड़ रूपया केंद्र सरकार जैन तीर्थ स्थलों के विकास के लिए स्वीकृत किया गया था ।उस वक्त 11 वे तीर्थंकर भगवान श्रेयांशनाथ की जन्मस्थली सारनाथ पर द्वार बनाने की।भगवान पारसनाथ जन्मस्थली भेलूपुर में द्वार बनाने की स्वीकृति शासन प्रशासन द्वारा स्वीकृत की गई थी परंतु आज तक कोई कार्य नहीं हुआ। जो कि अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ न्याय नहीं है।


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