उठें,जागें…मतदान के दायित्व को जानें"
देवाधिदेव महादेव की नगरी में प्रबुद्ध नागरिक,कलाकार और आमजन में अपने मौलिक दायित्व के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से " मधु मूर्छना की संस्थापिका पद्मश्री डॉक्टर सोमा घोषऔर सुबह-ए-बनारस” आनंद कानन के संयुक्त तत्त्वावधान में असी घाट पर सुबह-ए-बनारस के मंच पर
एक अभिनव सांस्कृतिक पहल की गई, जिसमें काशी के प्रमुख सांस्कृतिक कलाकारों ने भाग लिया।
इससे पूर्व मंगल कलश पर अतिथियों द्वारा पुष्प अर्पित कर
आयोजन का आरंभ हुआ।
इस अवसर पर संयोजिका डॉ. सोमां घोष ने अपने उद्बोधन में कहा की "आज के कार्यक्रम में सभी गुनी जन, कलाकार, पत्रकार, शहर के नामी वणिक और बुद्धिजीवियों को मेरा प्रणाम। आज मुझे इस अवसर पर देश के सुपुत्र बाल गंगाधर लोकमान्य तिलकजी की बात याद आरही है, जब उन्होंने ब्रिटिश राज को ललकारा और कहा "स्वाराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और हम इसे लेकर रहेंगे"!! आज हम आज़ाद है और आज़ादी का सब से बड़ा पर्व मना रहे है.... 'लोक तंत्र का महापर्व' मना रहे है। इस गीत से मेरी भावना को सुनिए। गीत के बोल थे करिह मतदान भैय्या इ त महादान बा,
डॉक्टर सोमा घोष ने कहा स्वामी विवेकानन्द ने ब्रिटिश झंडे के नीचे सोये हुए भारत से किया शेर की तरह जागो, उठो और दहाड़ो" यह आह्वान किया था। डॉ. सोमा ने के कहा की आज, हम एक स्वतंत्र राष्ट्र हैं और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं,
और हमको अपने लोकतंत्र की रक्षा एवं अपने अधिकारों का प्रयोग करने के लिए इस चिलचिलाती गर्मी और गर्म हवाओं के थपेड़े से डर कर घर में नहीं बैठना है, बल्कि इस महापर्व में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना है और वोट देने के अधिकार का प्रयोग करना है। प्रत्येक नागरिक से अनुरोध है कि वे गर्मी का सामना करते हुए और अपने जन्मसिद्ध अधिकार का प्रयोग करने के लिए आगे आएं। इस अभियान में हमारे साथ जुड़ें। इस अराजनैतिक
आयोजन में कलाकारों, पत्रकारों, रचनात्मक लोगों, प्रशासनिक अधिकारियों, सृजन कर्मियों और आमजन की पूर्णतः सहभागिता संकल्पित रही।
इस अवसर पर पद्मश्री प्रो. ऋत्विक सान्याल पं. देवाशीष दे प्रो. संगीता पंडित, प्रो. शारदा वेलंकर, डॉ. विजय कपूर, श्रीमती मीना मिश्रा, श्रीमती अंजली मिश्रा, डॉ. मंजरी पांडेय, अंकिता खत्री, पंडित सुखदेव मिश्रा, कृष्ण मोहन, अमित ईश्वर, अमरेंद्र मिश्र, पंकज मिश्र दुर्गा प्रसन्ना आदि वरिष्ठ कलाकारो की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होने अपने विचार व्यक्त किए और पद्मश्री डॉ. सोमा घोष के नेतृत्व मे सबने रामधुन का गायन किया। पं. ऋत्विक सान्याल ने ध्रुपद में मतदान जागरुकता का गायन किया। उसके बाद गंगा बधैय्या फिर शिव तांडव की प्रस्तुति रुद्र शंकर मिश्र और बसुन्धरा शर्मा के द्वारा हुई।
इस कार्यक्रम में बुनकर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरफराज अहमद भी अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापित किया प्रख्यात फिल्म निर्देशक श्री शुभंकर घोष। रत्नेशजी के सहभागिता के लिए उनको दिल से धन्यवाद । सहयोग रहा अजय गुप्ता तथा मुकुंद शर्मा का, संचालन रहा श्रीमती अंजना झा का।