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सनबीम लहरतारा में प्लेग्रुप से कक्षा-2 के छात्रों द्वारा ट्रिस्ट कार्यक्रम का हुआ आयोजन



 23/Feb/20

सनबीम की विशिष्ट शिक्षण प्रणाली द्वारा डिजाइन किए गए ट्रिस्ट के अन्तर्गत सीखने की प्रक्रिया को बनाया जाता है रूचिकर और सरल।
बच्चों द्वारा लगाई गई क्राफ्ट प्रदर्शनी ‘शैशव’ को देखकर अभिभावक हुए मुग्ध।
प्लेग्रुप से कक्षा-2 तक एक विद्यार्थी अपनी प्रारम्भिक शिक्षण काल में जो कुछ सीखता है वह सारी शिक्षा उसके पूरे जीवन की दिशा, विचारधारा और संस्कार का निर्माण करती है। इसीलिए किसी भी विद्यालय की सर्वश्रेष्ठता इस बात पर आधारित होती है कि उस विद्यालय में प्लेग्रुप से कक्षा 2 तक क्या शिक्षण पद्वति और शिक्षा प्रणाली प्रयोग में लायी जा रही है। सनबीम शिक्षा के क्षेत्र में अपनी गुणवत्ता का उच्च मानक स्ािापित कर चुका सनबीम शिक्षण समूह इस दिशा में बेहद पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाता है और ट्रिस्ट इसी का जीवन्त प्रमाण है। ट्रिस्ट दरअसल सनबीम की अपनी विशिष्ट शिक्षण प्रणाली द्वारा डिज़ाइन किया हुआ कार्यक्रम है जिसके अन्तर्गत विशेष रूप से छोटे बच्चों के लिए शिक्षा का सरलीकरण किया जाता है ताकि वह खेल-खेल में मनोरंजन के साथ ज्ञान प्राप्त कर सकें। इसमें मल्टिपल इंटलीजेंस पर आधारित गुणों समुचित विकास के लिए सुविधाएँ और परिवेश बनाया जाता है ताकि सभी बच्चों की प्रतिभाओं को पोषित और पल्लवित किया जा सके। ट्रिस्ट कार्यक्रम के तहत एक पूरा दिन स्कूल और कक्षाओं की गतिविधियों को अभिभावकों के अवलोकन हेतु प्रदर्शित किया जाता है।

पूरे दिन प्लेग्रुप से 2 तक सभी कक्षाओं विधिवत चलती हैं। बच्चे कक्षाओं में होने वाली गतिविधियों में संलग्न होते हैं तथा उनके अभिभावक उनके साथ कक्षाओं में उपस्थित होकर सभी क्रियाकलापों को देखते हुए उसमें सम्मिलित होते हैं।

23 फरवरी रविवार का दिन इसी कार्यक्रम को समर्पित करते हुए सनबीम विद्यालय, लहरतारा में शिशु वर्ग से कक्षा-2 तक के छात्रों द्वारा ‘ट्रिस्ट’ शो का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन का प्रमुख उद्देश्य विद्यालय में प्रतिदिन छात्रों की क्रिया कलापों व प्रतिदिन सिखाई जाने वाली शिक्षण तथा शिक्षणोत्तर विषयों से अभिभावकों को अवगत कराना था। सभी स्थानों व सभी प्रमुख प्रदर्शनी केन्द्रों पर अभिभावकों ने जाकर कार्यप्रणाली का विवरण लिया साथ ही साथ क्रियात्मक रूप से किये जा रहे कक्षाओं का अवलोकन भी किया। इस शो में आये हुए सभी आगन्तुक अभिभावकों ने अपनी पूरी रूचि दिखाई। विद्यालय परिसर में फैले विभिन्न क्षेत्रों में पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को दी जाने वाली सभी शिक्षा व अन्य सभी क्रिया-कलापों को अभिभावकों नें प्रत्यक्ष रूप से देखा। विभिन्न स्थानों पर विभिन्न क्रियाकलापों से सम्बन्धित प्रदर्शनी लगायी गई थी। जिससे उस क्षेत्र में किये जा रहे कार्य प्रणाली को पूरी तरह से समझा जा सके। इस पूरे कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण यह था कि सारी प्रणाली को दर्शाते हुए छोटे-छोटे बच्चे स्वयं अभिभावकों के समक्ष विवरण सहित व्याख्या कर रहे थे। इन बच्चों में विशेष रूप से दृश्या, तनिष्का, वेदान्त, सुदिक्षा, निराली, शुभी अग्रवाल, आराध्य, आद्या, प्रांशु, नन्दिनी, कार्तिक, पुण्य, अभिश्री, निदा, हृषान्त और सृष्टि शामिल थे।

विद्यालय में चलने वाली मल्टीपल इंटेलिजेंस, बहुप्रतिभा सिद्धान्तद्ध आधारित गतिविधियों तथा लेजर टाइम ऐक्टिविटीज, एल.टी.ए. द्ध को बच्चों द्वारा कक्षावार विस्तारपूर्वक प्रदर्शित किया गया। निम्नलिखित प्रस्तुतियों द्वारा अभिभावकों को इनकी जानकारी दी गयी।

डान्स काॅर्नर - इसमें बच्चों को भरतनाट्यम् एवं लोकनृत्य का प्रदर्शन किया गया। नृत्य की नियमित कक्षा में पारम्परिक व लोकसंगीत साथ ही साथ त्योहारों आदि पर गायी जाने वाली गीतों व संगीत से अवगत कराया जाता है साथ ही साथ वर्तमान समय में प्रचलित नृत्य के प्रकारों से छात्रों को अवगत कराया जाता है तथा छात्रों की रूचि के अनुसार नृत्य की उस विधा में उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।

गेम्स काॅर्नर - खेल सम्बन्धित गतिविधियों कराटे, स्केटिंग, बैडमिण्टन आदि का प्रदर्शन किया गया। खेल की नियमित कक्षा में बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार विभिन्न तरह के खेल सिखाये जाते हैं ताकि उनका शारीरिक और मानसिक विकास पूर्ण रूप से हो सके। मार्शल आर्ट में बच्चों को विभिन्न तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है। स्वस्थ्य शरीर होने पर ही बच्चा पूर्ण रूप से शिक्षा योग्य हो पाता है इस बात को हमें ध्यान में रखना चाहिए।

म्यूजीक कार्नर - इसके अन्तर्गत गायन के साथ ही कीबोर्ड और गिटार वादन का प्रदर्शन किया गया। विद्यालय में नियमित रूप से संगीत की कक्षाओं के माध्यम से बच्चों में संगीत के प्रति ज्ञान एवं रुझान विकसित किया जाता है।
लाइब्रेरी में छात्रों को लाइब्रेरी के समय में लाइब्रेरी के अनुशासन तथा पुस्तकों को लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ने का तरीका जैसी चीजें बतायी जाती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के अन्दर किताबों के प्रति लगाव पैदा करना तथा नियमित रूप से किताब पढ़ने की आदत डालना था ताकि वे अपने बचे हुए समय का सदुपयोग अच्छी किताबें पढ़कर करें। साथ ही लाइब्रेरी के प्रति छोटे बच्चें में रूझान पैदा करने के लिए डाॅल हाउस एवं खिलौनों से सजाया गया है ताकि बच्चों में इनके प्रति आकर्षण हो।
त्टीचिंग ऐड डिस्प्ले सेन्टर में छात्रों को पढ़ाये जाने वाले दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं की प्रदर्शनी को देखकर सभी अभिभावक प्रसन्न हुए।
आर्ट एंड क्राफ्ट - इसके अन्तर्गत नन्हें-मुन्ने छात्रों द्वारा बनाई हुई कलाकृतियांे की प्रदर्शनी लगाई गई जिसका शीर्षक था- ‘शैशव’। विद्यालय में नियमित रूप से बच्चों को विभिन्न प्रकार की आकृतियाँ बनाना, घर में पड़ी वस्तुआंे जैसे- आटा, चावल, अबीर, रोली, हल्दी आदि वस्तुओं को रंग के रूप में इस्तेमाल करना साथ ही थंब पेंन्टिग, टीयर एंड पेस्ट, थर्मोकोल पेन्टिंग जैसी चीजें सिखाई जाती हैं।
लाइफ स्किल शो में छात्रों को छोटी-छोटी मनोरंजक कहानियाँ दिखाई और सुनाई गईं। साथ-ही-साथ फिल्म पर आधारित कई प्रश्नोत्तर और विचार विनिमय किए गए। थिएटर और ऐरोबिक्स से बच्चांे को लाईफ स्किल सिखाई गई। विद्यालय में नियमित रूप से ऐसी गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को खेल-खेल में भाषा, गणित, विज्ञान तथा अन्य विषयों का व्यवहारिक रूप से ज्ञान कराया जाता है जिससे ज्ञान उनके लिए बोधगम्य तथा व्यवहार परक हो।
सनबीम विद्यालय लहरतारा के किन्डरगार्टेन सेक्शन और कक्षाा 1 एवं 2 को इस वर्ष ट्रिनिटी काॅलेज लन्दन की ओर से नाटक में दक्षता ;ड्रामटिक स्किल्सद्ध के लिए गोल्ड स्टैण्डर्ड सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। ट्रिस्ट के आयोजन में इन सभी बच्चों को उनका प्रमाण-पत्र भी वितरित किया गया जिसके लिए उन्हें सबकी सराहना प्राप्त हुई। इस अवसर पर कक्षा 1 और 2 के बच्चों के द्वारा एक नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया गया जिसका विषय था ‘जल संरक्षण’ आज के इस कार्यक्रम का संचालन कक्षा दो की आयती और अन्तरा ने किया ।
इस अवसर पर सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष श्री दीपक मधोक, निदेशिका श्रीमती भारती मधोक, उपनिदेशिका श्रीमती अमृता बर्मन, मानद निदेशक हर्ष मधोक एवं संयुक्त निदेशिका क्यू.सी.जी श्रीमती अनुभा सिंह, शिक्षकगण एवं अभिभावक उपस्थित थे। विद्यालय समूह की उपनिदेशिका श्रीमती अमृता बर्मन ने उपस्थित अभिभावकों का अभिवादन किया तथा आज के कार्यक्रम के संबंध में उनसे वार्ता की साथ ही साथ शिक्षकों एवं छात्रों के कार्योें की सराहना की।
मीडिया प्रबंधन की जिम्मेदारी काजल गुप्ता ने निभाया।


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