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सनबीम सनसिटी एवं सनबीम इन्दिरानगर के प्लेग्रुप से कक्षा 2 के छात्रों द्वारा हुआ ट्रिस्ट कार्यक्रम का आयोजन



 29/Feb/20

कक्षाओं में होने वाली शैक्षणिक क्रिया-कलापों की अभिभावकों ने की भूरी- भूरी प्रशंसा

वाराणसी 28 फरवरी सनबीम सनसिटी एवं सनबीम इन्दिरानगर प्लेग्रुप से कक्षा 2 तक एक विद्यार्थी अपनी प्रारम्भिक शिक्षण काल में जो कुछ सीखता है वह सारी शिक्षा उसके पूरे जीवन की दिशा, विचारधारा और संस्कार का निर्माण करती है। इसीलिए किसी भी विद्यालय की सर्वश्रेष्ठता इस बात पर आधारित होती है कि उस विद्यालय में प्लेग्रुप से कक्षा 2 तक क्या शिक्षण पद्धति और शिक्षा प्रणाली प्रयोग में लायी जा रही है। सनबीम स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में अपनी गुणवत्ता का उच्च मानक स्थापित कर चुका है। सनबीम शिक्षण समूह इस दिशा में बेहद पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाता है और ट्रिस्ट इसी का जीवन्त प्रमाण है। इस प्रक्रिया के तहत एक पूरा दिन स्कूल और कक्षाओं की गतिविधियों को अभिभावकों के अवलोकन हेतु प्रदर्शित किया जाता है।
इस पूरे दिन प्लेग्रुप से कक्षा 2 तक सभी कक्षाएं विधिवत चलती हैं
। बच्चे कक्षाओं में होने वाली गतिविधियों में संलग्न होते हैं तथा उनके अभिभावक उनके साथ कक्षाओं में उपस्थित होकर सभी क्रियाकलापों को देखते हुए उसमें सम्मिलित होते हैं।

शुक्रवार 28 फरवरी का दिन इसी कार्यक्रम को समर्पित करते हुए सनबीम सनसिटी विद्यालय में सनबीम सनसिटी एवं सनबीम इन्दिरानगर के प्लेग्रुप से कक्षा 2 तक के छात्रों द्वारा ट्रिस्ट शो का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन का प्रमुख उद्देश्य विद्यालय में प्रतिदिन छात्रों की क्रिया कलापों व प्रतिदिन सिखाई जाने वाली शिक्षण तथा शिक्षणोत्तर विषयों से अभिभावकों को अवगत कराना था। सभी स्थानों व सभी प्रमुख प्रदर्शनी केन्द्रों पर अभिभावकों ने जाकर कार्यप्रणाली का विवरण लिया साथ ही क्रियात्मक रूप से किये जा रहे कक्षाओं का अवलोकन भी किया। इस शो में आये हुए सभी आगन्तुक अभिभावकों ने अपनी पूरी रूचि दिखाई। विद्यालय परिसर में फैले विभिन्न क्षेत्रों में पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को दी जाने वाली सभी शिक्षा व अन्य सभी क्रिया-कलापों को अभिभावकों ने प्रत्यक्ष रूप से देखा। विभिन्न स्थानों पर विभिन्न क्रिया-कलापों से सम्बन्धित प्रदर्शनी लगायी गई थी। जिससे उस क्षेत्र में किये जा रहे कार्य प्रणाली को पूरी तरह से समझा जा सके। इस पूरे कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण यह था कि सारी प्रणाली को दर्शाते हुए छोटे- छोटे बच्चे स्वयं अभिभावकों के समक्ष विवरण सहित व्याख्या कर रहे थे।
निम्नलिखित गतिविधियों को विस्तारपूर्वक बच्चों द्वारा कक्षावार प्रदर्शित किया गया।
•किचेन कार्नर में बच्चों को रसोईघर के अंदर बरते जाने वाली सावधानी के विषय में बताया जाता है, साथ ही भोजन करने से संबंधित नियमों की भी जानकारी दी जाती है।
•डान्स कार्नर में बच्चों को विभिन्न प्रकार के गीतों पर नृत्य सिखाया जाता है। म्यूजिक कक्षा में पारम्परिक लोकसंगीत व त्योहारों आदि पर गायी जाने वाली गीतों व संगीत से छात्रों को अवगत कराया जाता है साथ ही साथ वर्तमान समय में प्रचलित नृत्य के प्रकारों तथा छात्रों की रूचि के अनुसार नृत्य का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
•गेम्स कार्नर में बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार विभिन्न तरह के खेल सिखाये जाते हैं ताकि उनका शारीरिक और मानसिक विकास पूर्ण रूप से हो सके। मार्शल आर्ट में बच्चों को विभिन्न तरीकों से कराटे में प्रशिक्षित किया जाता है। शरीर स्वस्थ होने पर ही बच्चा पूर्ण रूप से शिक्षा योग्य हो पाता है इस बात को हमें ध्यान में रखना चाहिए।
•लाइब्रेरी में छात्रों को लाइब्रेरी के अनुशासन तथा पुस्तकों को लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ने का तरीका बताया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों के अन्दर किताबों के प्रति लगाव पैदा करना तथा नियमित रूप से किताब पढ़ने की आदत डालना होता है ताकि वे अपने बचे हुए समय का सदुपयोग अच्छी किताबें पढ़कर करें। साथ ही लाइब्रेरी के प्रति छोटे बच्चों में रूझान पैदा करने के लिए उन्हें टाय लाइब्रेरी में खेलने का अवसर दिया जाता है ताकि बच्चों में इनके प्रति आकर्षण उत्पन्न हो।
•टीचिंग एण्ड लर्निंग ऐड डिस्प्ले सेन्टर में छात्रों को पढ़ाये जाने वाले दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं की प्रदर्शनी को देखकर सभी अभिभावक प्रसन्न हुए।
•पपेट शो में छात्रों को मनोरंजन के साथ नैतिक मूल्यों के आधार पर छोटी-छोटी कहानियाँ दिखाई जाती है।
•पाट्री एवं आर्ट एण्ड क्राफ्ट में छात्रों को विभिन्न प्रकार की आकृतियों बनाना, घर में पड़ी वस्तुओं जैसे आटा चावल अबीर रोली हल्दी आदि वस्तुओं को रंग के रूप में इस्तेमाल करना साथ ही थंब पेंन्टिंग, टीयर एण्ड पेस्ट, थर्मोकोल पेन्टिंग जैसी चीजें सिखाई जाती है।
•कान्वरशेसन कार्नर में बच्चों की बोलने व सोचने की क्षमता का विकास होता है साथ ही इससे उनके अंदर आत्मविश्वास भी आता है। ग्रामर कार्नर में बच्चे खेल के माध्यम से व्याकरण के नियमों को समझते हैं। बच्चों में ध्यान केंद्रित करने की क्षमता उत्पन्न करना भी इसका उद्देश्य है।
इस अवसर पर सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष श्री दीपक मधोक निदेशिका श्रीमती भारती मधोक सह निदेशिका श्रीमती प्रतिमा गुप्ता प्रधानाचार्या श्रीमती अर्चना सिंह उप-प्रधानाचार्या श्रीमती सरिता राव एवं सनबीम इन्दिरानगर की हेडमिस्ट्रेस श्रीमती रीना विक्रम सिंह शिक्षक एवं अभिभावकगण उपस्थित थे। विद्यालय समूह की सह निदेशिका श्रीमती प्रतिमा गुप्ता ने उपस्थित अभिभावकों का अभिवादन किया तथा आज के कार्यक्रम के संबंध में उनसे वार्ता की साथ ही साथ शिक्षकों एवं छात्रों के कार्यों की सराहना की। इस विषय में विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती अर्चना सिंह ने कहा कि छात्रों के समस्त शैक्षणिक एवं शिक्षणोत्तर क्रिया-कलापों के दिग्दर्शन के लिए हमारे विद्यालय में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।


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