विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले आज भिखारीपुर स्थित हनुमानजी मंदिर पर शाम-5 बजे सभा हुआ जिसमें कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि ऊर्जा मंत्री विभाग से सचमुच भ्रष्टाचार समाप्त करना चाहते हैं तो बिजली के निजीकरण पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी हुई प्रक्रिया है इसे तत्काल निरस्त करें। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार 121वें दिन समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किया गया।
संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक ई० शैलेन्द्र दुबे ने सभा को सम्बोधित करते हुये कहा कि निजीकरण के विरोध में चलाए जा रहे हैं अभियान के तहत 29 मार्च को वाराणसी में महाविशाल बिजली महापंचायत आयोजित की गई है जिसमे हजारो-हजारो की संख्या में बिजलीकर्मी सम्मिलित होकर निजीकरण का विरोध करेंगे। संघर्ष समिति ने कहा कि इस बिजली महापंचायत के माध्यम से निजीकरण के विरोध में पारित प्रस्ताव वाराणसी स्थित पी एम ओ को सौंपा जाएगा और प्रधानमंत्री तथा वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी जी से यह निवेदन किया जाएगा कि प्रदेश और विशेषतया वाराणसी की आम जनता के व्यापक हित में निजीकरण का फैसला निरस्त कराने की कृपा करें।
संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारी पी०के० दीक्षित ने बताया कि ऊर्जा मंत्री के इस वक्तव्य पर कड़ा एतराज जताया है जिसमें उन्होंने कहा है कि अब एक ट्रांसफार्मर फुकेगा तो एक अधिकारी भी फूंकेगा ।
संघर्ष समिति के प्रवक्ता आर०के० वाही ने कहा कि जब प्रदेश के बिजली कर्मी माननीय मुख्यमंत्री जी पर पूरा विश्वास रखते हुए उनके कुशल नेतृत्व में लगातार बिजली व्यवस्था के सुधार में लगे हुए हैं तब ऊर्जा मंत्री द्वारा दिए गए ऐसे भड़काऊ बयान से अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण उत्पन्न हो रहा है जो उचित नहीं है।
प्राथमिक शिक्षकों के प्रांतीय नेता त्रिपाठी ने संघर्ष समिति के बिजली के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन को समर्थन करते हुये कहा कि निजीकरण के उतावलेपन में जिस प्रकार ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट के प्राविधान को हटाकर नियुक्ति की गई है उससे बड़ा भ्रष्टाचार का कोई दूसरा उदाहरण सारे देश में नहीं है। यदि ऊर्जा मंत्री सचमुच भ्रष्टाचार के प्रति गंभीर है तो निजीकरण की प्रक्रिया को रद्द कर सारे मामले की जांच के लिए सीबीआई को क्यों नहीं भेजते ? उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ रुपए की 42 जनपदों की बिजली की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के मोल बेचा जा रहा है इससे बड़ा भ्रष्टाचार और क्या हो सकता है ? ऊर्जा मंत्री को अपने ही विभाग में चल रहे इतने बड़े भ्रष्टाचार पर कठोर कार्यवाही कर उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने आज प्रयागराज में और मिर्जापुर में जन जागरण सभा की। प्रयागराज और मिर्जापुर की जन जागरण सभा में बड़ी संख्या में बिजली कर्मचारियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं ने हिस्सा लिया। ई० नीरज बिंद ने बताया कि बिजली के निजीकरण के विरोध में वाराणसी में 29 मार्च को होने वाली बिजली महापंचायत में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले समस्त जनपदों में कार्यरत बिजली कर्मी सम्मिलित होंगे।
वाराणसी की बिजली महापंचायत की तैयारी के सिलसिले में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने आज शाम वाराणसी पहुंचकर संघर्ष समिति के स्थानीय पदाधिकारियों ,आम कर्मचारियों और अभियंताओं से चर्चा कर आगे की रणनीति बनाया जो 9 अप्रैल के बाद घोषित किया जाएगा।
आज के सभा की अध्यक्षता ई० मायाशंकर तिवारी ने और संचालन अंकुर पाण्डेय ने किया।
सभा को ई० शैलेन्द्र दुबे,पी०के०दीक्षित, आर०के०वाही, रीना त्रिपाठी, ई० एस०के०सिंह,ई० नीरज बिंद,विजय सिंह,ई० मदन श्रीवास्तव, सौरभ श्रीवास्तव,विजय नारायण हिटलर, धर्मेंद्र यादव आदि ने संबोधित किया।