वाराणसी।जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने वरुणा नदी के चैनलाइजेशन और तटीय विकास परियोजना के अंतर्गत दोनों किनारों पर गिरने वाले कतिपय शहरी नालों एवम घरेलू सीवर के पानी के उचित निस्तारण हेतु स्थलीय निरीक्षण किया।सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि एक नाले को छोड़ बाकी सभी नाले चोक्ड हैं।वर्षा काल में जल भराव के कारण अत्यधिक मात्रा में सिल्ट/गाद तथा ठोस अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जाता है,जिसके परिणामस्वरूप संरचना की क्रियाशीलता प्रभावित होती है।इसके अलावा आईसी चैम्बर में लगे स्क्रीन की सफाई न होने से सीवेज ओवर फ्लो होता है।परियोजना के कार्यों का अनुरक्षण नहीं होने से विभिन्न कार्य क्षतिग्रस्त हुए हैं।नगर निगम द्वारा हैंडओवर नहीं लेने से परियोजना का रखरखाव भली भांति नहीं हो पा रहा है।जिलाधिकारी द्वारा सिंचाई विभाग,नगर निगम,जल निगम और कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को आईआईटी बीएचयू द्वारा बनाई गई डिजाइन/ड्राइंग का अध्ययन कर समुचित निस्तारण कराने का निर्देश दिया गया।उन्होंने अपर नगर आयुक्त को कॉरिडोर के आस पास की साफ़ सफाई के लिए निर्देशित किया।इसके बाद जिलाधिकारी आदमपुर में प्रस्तावित यूनिटी माल के निर्माण के संबंध में स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे। उन्हीने मौके पर मौजूद जीएम-डीआईसी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने वहाँ के डैम्प गार्बेज, पेड़ों की कटाई, हाईमास्ट लाइट के टावर, पानी के पाइपलाइन और विद्युत पोलों की शिफ्टिंग आदि कार्यो का भुगतान कराकर निर्माण कार्य शुरू कराने का निर्देश दिया।उन्होंने अपर नगर आयुक्त को कैंपस की बिल्डिंग का मूल्यांकन कराकर सक्षम अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित कर ध्वस्तीकरण सुनिश्चित कराने हेतु निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि जहाँ जगह खाली पड़ी है वहां खुदाई का कार्य प्रारंभ करा दिया जाए। अंत में उन्होंने रामनगर स्थित बंदरगाह का निरीक्षण किया । यहाँ पर भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्रधिकरण के अधिकारी द्वारा बताया गया कि बरसात के मौसम में पास की कॉलोनी और आसपास के घरों का पानी बंदरगाह के बगल में प्राकृतिक नाले के माध्यम से आता है, एसटीपी तैयार कर उसका निस्तारण सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया गया। इस पर ज़िलाधिकारी ने सिंचाई विभाग, जल निगम, नमामि गंगे और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की संयुक्त टीम गठित कर सर्वे कराए जाने का निर्देश दिया।