वाराणसी : डीजल रेल इंजन कारखाना प्रेक्षागृह (सिनेमा हॉल) में आज दिनांक 20 अप्रैल को आयोजित 63वें रेल सप्ताहपुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर महाप्रबंधक श्रीमती रश्मि गोयल द्वारा वर्ष भर के दौरान उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य करने वाले 56 अधिकारियों/कर्मचारियों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया । इसके साथ ही श्रीमती गोयल ने भंडार एवं यांत्रिक विभाग की 09 अनुभागों/कार्यशालाओं, जिनमें यांत्रिक विभाग के लोको असेम्बली शॉप को सर्वोत्तम हाउस कीपिंग, पेंट शॉप को सर्वोत्तम कार्य प्रणाली, लोको टेस्ट शॉप को सर्वोत्तम संरक्षा परफार्मेंस एवं मेंटेनेंस एरिया-।।। को सर्वोत्तम सर्विस शॉप का सामूहिक पुरस्कार प्रदान किये । इसी प्रकार भंडार विभाग के क्रय अनुभाग-11 को सर्वोत्तम क्रय अनुभाग का प्रथम पुरस्कार क्रय अनुभाग-1 को सर्वोत्तम क्रय अनुभाग का द्वितीय सामूहिक पुरस्कार प्राप्त हुआ । साथ ही टीओटी-45 एवं बी-31 को सर्वोत्तम स्टॉकिंग हेतु प्रथम एवं द्वितीय सामूहिक पुरस्कार प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त एम.आर.एस. को विशेष योग्यता पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
समारोह में पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए महाप्रबंधक श्रीमती गोयल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में डीरेका ने 25 विद्युत रेल इंजन सहित कुल 321 रेल इंजनों का उत्पादन किया, जो कि रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित लक्ष्य 315 रेल इंजनों की तुलना में 6 रेल इंजन अधिक है। इसके अतिरिक्त मार्च माह में ही डीरेका ने 31 रेल इंजनों के निर्माण के अतिरिक्त विश्व में प्रथम बार दो डीजल रेल इंजन को विद्युत रेल इंजन में परिवर्तित कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है । विपणन के क्षेत्र में डीरेका की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए श्रीमती गोयल ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 में म्यान्मार को 1350 अश्व शक्ति मीटर गेज के रिकार्ड 18 रेल इंजन निर्यात सहित 36 रेल इंजन एवं अतिरिक्त पुर्जों तथा 2.4 मेगावाट के 01 डीजी सेट की आपूर्ति गैर रेलवे ग्राहकों को की गयी है, जिससे डीरेका को कुल ` 333.02 करोड़ मूल्य के राजस्व की प्राप्ति हुई है, जो विगत पॉंच वर्षों में उच्चतम है । इसके अतिरिक्त श्रीमती गोयल ने डीरेका के अन्य सभी विभागों के कार्य निष्पादनों पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर श्रीमती गोयल ने रेलवे बोर्ड द्वारा डीरेका को लगातार तीन वर्ष ‘सर्वोत्तम उत्पादन इकाई’ का पुरस्कार प्राप्त होने पर डीरेका कर्मियों को बधाई दी । इसी क्रम में श्रीमती गोयल ने डीरेका के कार्य प्रबंधक श्री सत्य प्रकाश श्रीवास्तव को रेल मंत्री पुरस्कार प्राप्त होने पर बधाई दी ।
समारोह में अतिथियों का स्वागत करते हुए मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी श्री नितिन मेहरोत्रा ने रेल सप्ताह के औचित्य एवं भारतीय रेल पर महत्वपूर्ण जानकारियों पर प्रकाश डाला । श्री मेहरोत्रा ने कहा कि भारतीय रेल ने दिनांक 16 अप्रैल, 1853 को मुम्बई से थाणे तक 34 किलोमीटर की दूरी तय करके अपनी यात्रा प्रारम्भ की थी । भारतीय रेल की इस प्रथम यात्रा के गौरवशाली क्षणों को संजोने के लिए प्रत्येक वर्ष 10 से 16 अप्रैल तक रेल सप्ताह का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष इस ऐतिहासिक यात्रा के 165 वर्ष पूरे हो गये हैं, परन्तु भारतीय रेल की विकास यात्रा आज भी अविराम जारी है। उन्होंने डीरेका कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि रेलों को हमारे देश की जीवन रेखा कहा जाता है और इस जीवन रेखा को सुचारू रूप से कार्य करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, डीरेका निर्मित रेल इंजन ।
इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ महाप्रबंधक श्रीमती गोयल, प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर श्री सुनीत शर्मा,प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक श्री बिमल राउतजी, प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर श्री सुधीर रंजन एवं अन्य विभागाध्यक्षों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ । तदुपरान्त डीरेका सांस्कृतिक संस्था द्वारा संक्षिप्त सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गयी । इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभागाध्यक्ष, डीरेका महिला कल्याण संगठन की पदाधिकारीगण एवं सदस्याएं, अधिकारी, कर्मचारी परिषद् के सदस्यगण, कर्मचारी एवं उनके परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे । समारोह का सुरूचिपूर्ण संचालन श्री अमलेश श्रीवास्तव ने किया ।