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सीएम का ऑडियो वायरल करने पर व्यापारी नेता को डीएम की नोटिस के खिलाफ बग्गा ने मोर्चा खोला



 25/Aug/20

वाराणसी जिलाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री के साथ बातचीत की ऑडियो वायरल पर किए दिए गए नोटिस के खिलाफ आवाज उठाते हुए राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के राष्ट्रीय वरिष्ठ संगठन मंत्री अजीत सिंह बग्गा ने यह मांग की है कि लोक हित में जारी की गई इस ऑडियो के बारे में प्रशासन द्वारा दिया गया नोटिस अनुचित और अमानवीय है इसे तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए ।

प्रदेश भर में अस्पतालों की दुर्दशा और कोविड-19 मरीजो के इलाज में हो रही हीला हवाली और कमियों की हकीकत सबको मालूम है । आज ही बीएचयू जैसे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में छत से कूदकर एक मरीज ने जान दे दी और दूसरा लापता पॉजिटिव मरीज 2 दिन बाद बिल्डिंग से गिर कर मृत पाया गया ।

अगर प्रशासन को नोटिस देना ही है तो इन लापरवाही पर इन हॉस्पिटल वालों को दिया जाए। आज प्राइवेट अस्पताल वालों ने कोरोना के नाम पर खुली लूट मचा रखी है । नेगेटिव रिपोर्ट को भी पॉजिटिव बता कर लाखों रुपए का बिल बनाया जा रहा हैं, और प्रशासन मौन बैठा है। बनारस के कई प्रतिष्ठित व्यापारी लाखो रुपये इन अस्पतालवालो को दे कर भी कोरोना के गाल में समा गए कोई पूछने वाला नही है । मुख्यमंत्री जी द्वारा चीजों को शांति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया गया ।उस पर लोग किस तरह विश्वास करें ? अगर किसी ने उसे ऑडियो को वायरल किया तो इससे नुकसान कहां है ? कौन सी गोपनीयता भंग होती है ?

प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश ने इस विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि प्रशासन को यह भी ध्यान देना चाहिए कि आम व्यापारी वर्ग और लोग बुरी तरह से व्यथित हो चुके हैंयह नोटिस सभी की भावनाओं की बेकद्री करता है।

आईटी सेल अध्यक्ष संतोष सिंह ने इस पूरे प्रकरण पर यह सवाल सवालिया निशान लगाया कि क्या जनहित में बात करना गैरकानूनी है ? किसी ने बातचीत को लोगों के बीच में जाहिर कर के एक रास्ता बताया कि आगे के लिए इस तरह से हम अपनी व्यथा को अपने मुख्यमंत्री या उच्च अधिकारियों तक पहुंचा सकते हैं ? इसमें गलत कहां है ।

 

प्रशासन कोविड-19 से लड़ने की व्यवस्था में हर मोड़ पर व्यापारियों का सहयोग ले रहा है। साथ ही व्यापारी वर्ग को ही प्रताड़ित भी कर रहा है ।

चालान के नाम पर खुली लूट मची हुई है । अगर 5 मिनट के भी देरी हो तो दुकानों का चालान हो जाता है , सड़क पर भीड़ प्रशासन से संभलती नही बस चालान पर जोर है । जिन वाहनों पर हेलमेट और पूरे कागज हैं उनके भी चालान किए जा रहे हैं । ऐसी गाड़ियां जो घरों पर खड़ी है उनके भी चालान सामने आ रहे है ।

जिलाध्यक्ष नन्हे जायसवाल ने सवाल उठाया कि अगर लोग आवाज नहीं उठाएंगे - लोग अपनी बात शासन प्रशासन तक नहीं पहुंचाएंगे ; तो प्रशासन को भी उनकी कमियों का कैसे पता लगेंगी । अगर प्रशासन को उनकी कमियों को सुन कर इस तरह लोगी को प्रताड़ित करने लगेगा तो लोगों के बीच में एक भय का संदेश जाएगा, जो कतई उचित नहीं है।

राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन द्वारा यह मांग की जाती है कि इस नोटिस को तुरंत वापस लिया जाए और व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने में आपसी सहयोग को बढ़ाया जाए ।

 


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