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प्रेस का धौंस देकर मांगा जा रहा है मुझसे गुण्डा टैक्स : अमीर चंद पटेल

संजय कुमार मिश्र

 26/Apr/18

आज एक कड़वा सच सुनने को मिला जब एक जमीन के कारोबार से जुड़े व्यक्ति नें प्रेस कांन्फ्रेस करके बताया कि “गूंज उठी रणभेरी” नामक हिंदी प्रेस जिसका अखबार वाराणसी से छपता हैं, उसके रीपोर्टर ने आपने को पत्रकार बताने के बाद रुपयों की मांग किया, रूपये न देने पर अपने अखबार में उनके बारें मैं ऐसा कुछ लिख देने की बात कहीं जिससे वो बदनाम हो सकता है । मीडिया के सामने अमीर चंद पटेल इतने पर ही नहीं रुके और यहाँ तक पत्रकार पर आरोप लगाया कि जब मैंने उक्त पत्रकार से सवाल किया कि रूपया क्यों दूँ ? तो जवाब मिला गुण्डा टैक्स समझ कर दे दो क्योंकि मैं प्रेस से हूं ।

मीडिया बिकी है यह बात गाहे-बगाहे सुनने को तो जरूर मिलती है । पर वाराणसी में खुले तौर पर किसी के द्वारा नाम लेकर यह आरोप लगाया जाना अपने गिरेबां में झाकने को मजबूर कर दिया है कि प्रेस के नाम पर अमित मौर्या नामक पत्रकार के द्वारा गूंज उठी रणभेरी का पत्रकार बताते हुए गुण्डा टैक्स के रूप में रुपये मांगे है । पराड़कर जी के इस शहर में कलम के सिपाही पर यह आरोप बाकायदा नाम के साथ लगना, चिंतनीय और गंभीर विषय है । इस पर यहां के पत्रकारों, संपादकों को गंभीर चिंतन करने की जरूरत है पत्रकार संस्थाओं को खास कर। यदि जमीन के कारोबारी की बात झूठी हो तो पत्रकार संगठनों को स्वत: संज्ञान लेकर ऐसे लोगों को मुहतोड़ जबाब देना चाहिए, वशर्ते रणभेरी के रिपोर्टर अमित मौर्या अपने ऊपर लगे इस गंभीर आरोप के चलते चौथे स्तभ की दरकती दीवार के लिए उन्हें तकलीफ महसूसकर रहे हों तो उनके साथ देना चाहिए|

बहरहाल हम आज के प्रेस कांफ्रेस की बात करते है । शहर के जमीन कारोबारी और सपा नेता अमीर चंद पटेल नें आज अपनें प्रेस कांन्फ्रेस में अपने साथ हो रहे प्रशासन, पुलिस और प्रेस से मानसिक परेशानी के कारण महामहिम राष्ट्रपति जी से इच्छा मृत्यु मांगने पर विवश होना बताया है।

अमीर चंद्र पटेल ने व्यथित हो कर बताया कि उनके प्रतिद्वंदियों कृष्णकांत मिश्र, विनोद गुप्ता व कुछ अन्य नें अपनी पहुंच का गलत फायदा उठाते हुए उन्हें जेल भेजवा दिया। मेरी और मेरी पत्नी के द्वारा अपने परिवार की  रक्षा की गुहार लगाने को बाद भी सुरक्षा नहीं मिली और मेरी पत्नी और ससुर की हत्या हो गई । मेरे द्वारा नामजद किये जाने के बाद भी वो पुलिस की पकड़ से बाहर हैं । मुझे और मेरे परिवार पर आज भी जान का खतरा बना हुआ है । श्री पटेल ने कहा कि आज भी उन विरोधियों का मेरे खिलाफ क-ूचक्र चल ही रहा है । मुझे एक अखबार नें भू- माफिया संबोधित कर खबर छाप दी । जब मैंने डीएम साहब से पूछा तो पता चला ऐसा कुछ भी नहीं है, आप का नाम नहीं है । सारनाथ में वीडीए द्वारा उनकी अवैध कॉलोनी को तोड़े जाने को भी विरोधियों की साजिश बताया ।

अमीर चंद्र पटेल ने कहा कि, मुझे एक मोबाईव नंबर 9854722287 से 10 लाख रंगदारी देने हेतु फोन आया और न देने पर जान से मारने की धमकी मिल रही है । इन सब कारणों से मानसिक रूप से मैं बहुत परेशान हो कर आप सब प्रेस के लोगों के सामने व्यथित होते हुए कह रहा हूं कि आप सब ( प्रेस और मीडिया ) पर भरोसा था कि आप सच्चाई सामने लाएंगे पर आप के माध्यम से आए एक पत्रकार द्वारा गुंण्डा टैक्स मांगने से मैं पूरी तरह से न्याय व्यवस्था से नीराश हो गया हूँ।

श्री पटेल ने जोरदेकर मिडिया के सामने कहा कि आज मैं आप से अपनी व्यथा कहते हुए अपनी निराशा के फवस्वरूप महामहिम भारत सरकार से इक्षामृत्यु मांग रहा हूं । मुझे आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है ।

अमीर चंद पटेल की सारनाथ में अवैध रूप से प्लाट बेचने की खबर का किया था रणभेरी में खुलासा : अजीत सिंह

अमीर चंद पटेल के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गूंज उठी रणभेरी के प्रबंध संपादक अजीत सिंह ने क्लाउन टाइम्स से बताया कि अमीर चंद पटेल एक दबंग व्यक्ति हैं। इनका नाम बनारस के भू माफियायों की लिस्ट में भी आ चुका है। चूंकी इनके खिलाफ एक बड़ी खबर जो हमारे अखबार रणभेरी में प्रकाशित हुई थी उसकी सत्यता की परख अन्य सम्मानित पत्रकारों को भी करनी चाहिए। जिस बोधिसत्त्व विहार के बारे में हमारे अखबार में खबर छपी है, वह पूरा क्षेत्र ग्रीनलैंड घोषित है। घुरहूपुर में बुद्धा सिटी नाम के जिस जगह पर वीडीए ने ध्वस्तीकरण की बड़ी कारवाई की है वह अवैध रूप से प्लाटिंग करके अमीर चन्द ने ही बेचा है। न तो लैंड ( जमीन ) पर वीडीए निर्माण की अनुमति नहीं दे सकता। ऐसे में अमीर चंद पटेल ने वीडीए को धोखे में रखकर अवैध तरीके से प्लाटिंग किया और जमीनों को बेचने का काम किया। यह लाखों, करोड़ों के घोटाले का आपराधिक मामला है। अमित चंद ने अपराध किया है। इस मामले का खुलासा हमारे अखबार “गूंज उठी रणभेरी ने किया है, जिसका संज्ञान लेकर वीडीए के वीसी ने तुरंत वीडीए के जिम्मेदार अधिकारियों को मौके पर भेजकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कराया। कई जगह हुए अवैध निर्माण के साथ ही अवैध जमीन पर अवैध तरीके से बनाये गये अमीर चन्द पटेल के आफ़िस को भी वीडीए ने ध्वस्तीकरण कर गिरा दिया। अगले दिन शहर के सभी प्रमुख समाचार पत्रों ने इस खबर को प्रकाशित भी किया था। यह केवल वीडीए की कार्यवाही की बौखलाहट है। श्री अजीत ने कहा कि हमारे पत्रकार पर अमीर चन्द पटेल द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद और हताशा का परिणाम है। अमित मौर्या एक तेज तर्रार, निडर और बेबाक लिखने वाले पत्रकार हैं। अगर अमीरचंद पटेल के पास हमारे पत्रकार अमित मौर्या के खिलाफ कोई सबूत है तो प्रस्तुत करें मैं निश्चित रूप से गलत साबित होने पर श्री मौर्या को रणभेरी से विदा कर दूंगा।

कुल मिलाकर जमीन कारोबारी आमिर चंद पटेल की अवैध कालोनी को वाराणसी विकास प्राधिकरण ने ध्वस्त किया है, जो सभी अवैध कलोनाजरों के खिलाफ जारी है| इसमें रणभेरी का पत्रकार कहाँ से आ गया जांच का विषय है|

फरहान अहमद, क्लाउन टाइम्स

 


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