MENU

जेईई मेन-2018 में जेआरएस नं.1, कैटजी नं.2, आकाश नं.3 के अतिरिक्त कोई नहीं



 03/May/18

सीबीएससी द्वारा संचालित इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा जेईई मेन-2018 के परीक्षा परिणामों की घोषणा होने के बाद मीडिया में सफलता अर्जित करने वाले कोचिंग संस्थानों के छात्रों की तस्वीरों के साथ संचालकों में अपनी तस्वीरें छपवाने की होड़ मची हुई है। वाराणसी का मीडिया हाऊस भी इस मौके का फायदा उठाने में जुटा हुआ है, क्योंकि बनारस के कोचिंग मण्डी से विज्ञापन के रूप में करोड़ों का कारोबार होता है। इन विज्ञापनों और परीक्षा परिणामों के प्रकाशन में कुछ को छोड़ दिया जाए तो सफल छात्रों के फर्जी विज्ञापनों और खबरों को प्रकाशित करने में कोई भी समाचार-पत्र पीछे नहीं रहता। वैसे तो बनारस के थाना भेलूपुर अन्तर्गत कबीरनगर, दुर्गाकुण्ड तथा उसके आस-पास का इलाका कोचिंग हब के रूप में विकसित हो चुका है, किन्तु इसका विस्तार महमूरगंज तथा भोजूबीर के इलाके में भी तेजी से बढ़ रहा है। बावजूद इसके आज भी कोचिंग मण्डी के केन्द्र बिन्दु कबीरनगर ही है।

जेईई मेन-2018 के परीक्षा परिणामों में टॉप 5 (शीर्ष पाँच) कोचिंग संस्थानों की फेहरिस्त में जेआरएस नं.1, कैटजी नं.2, आकाश नं.3 के अतिरिक्त ओरिगेंस को नं.4 की सूची में शामिल किया जा सकता है। पाँचवीं पायदान पर किसी कोचिंग संस्थान का कोई नामोनिशान नहीं है।

पहली पायदान पर है जेआरएस ट्यूटोरियल्स

जेईई मेन-2018 के परीक्षा परिणामों में पहली पायदान पर जगह बनाने में जेआरएस ट्यूटोरियल्स के सफल विद्यार्थीयों के फेहरिस्त में जनरल कैटेगरी के विद्यार्थियों में एआईआर 104 पार्थ मल्ल (सनबीम स्कूल लहरतारा), एआईआर 254 अंशुमान शुक्ल (ऑक्सफोर्ड पीएस, गोरखपुर), एआईआर 391 ऋषि अग्रवाल (सनबीम भगवानपुर) आदि ने अपना परचम लहराया। जेआरएस ट्यूटोरियल्स के निदेशक एके झां ने बताया कि जेईई मेन के परीक्षा में इस वर्ष सर्वाधिक 621विद्यार्थियों ने सफलता अर्जित किया है। जिनमें सनबीम लहरतारा के पार्थ मल्ल ने सामान्य कैटेगरी में 104 वीं रैंक हासिल कर जेआरएस का परचम लहराया है।

दूसरी पायदान पर है कैटजी कोचिंग

जेईई मेन-2018 के परीक्षा परिणामों में दूसरी पायदान पर अपनी जगह बनाने वाले कैटजी कोचिंग के सफल विद्यार्थीयों में शिवांग आनंद श्रीवास्तव ने 292 अंक प्राप्त कर 339 रैंक अर्जित किया। इसके अतिरिक्त अमृतेश सिंह 1451, प्रज्जवल नागर 2503, स्वप्निल 2889 आदि प्रमुख हैं। कोचिंग के निदेशक एसके अग्रवाल ने दावा किया है आल इंडिया रैंक 15000 के अंतर्गत 22 विद्यार्थीयों ने अपना स्थान बनाया है। फिलहाल सभी जेईई एडवांस की तैयारी में जुटे हैं। सहित कुल 234 विद्यार्थी सफल रहे।

तीसरी पायदान पर है आकाश इंस्टीट्यूट

जेईई मेन 2018 के परीक्षा परिणामों में तीसरी पायदान पर अपनी जगह बनाने वाले आकाश इंस्टीट्यूट के जनरल कैटेगरी के विद्यार्थीयों में अर्थव कुलकर्णी 267, आर्यन सिंह 214, एस कुमार साहू 210, मुदित गोखले 195, ओम सिंह ने 186 अंक अर्जित कर संस्थान का परचम लहराया है। संस्थान के निदेशक विष्णु देवा ने बताया कि हमारे यहां इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के लिए कुल 150 विद्यार्थीयों ने दाखिला लिया था जिनमें 60 ने ही प्रवेश परीक्षा में भाग लिया उनमें से 28 विद्यार्थीयों की अच्छी रैंक रही। जेईई मेन के परीक्षा परिणामों के मद्देनजर वाराणसी के टॉप 5 कोचिंग संस्थानों के सवाल पर कहा कि टॉप 5 तो छोड़िये यहां केवल तीन-चार कोचिंग संस्थान हैं, जिनके परीक्षा परिणाम विश्वसनीय हैं जिनमें नि:संदेह जेआरएस पुराना इंस्टीट्यूट है, सबसे अच्छा परीक्षा परिणाम उन्हीं का है। इस शहर का टॉपर उन्हीं के यहां का है। इसके बाद कैटजी के एक बच्चे ने 292 अंक अर्जित कर अच्छा परफॉमेंस किया है। इसके बाद तीसरे नंबर पर आकाश का बच्चा अर्थव कुलकर्णी 267 अंक अर्जित कर अच्छा परफॉमेंस किया है। ये तीन ही इंस्टीट्यूट हैं  जिनका क्वालिटी बेस रिजल्ट है। बाकी तो बहुत से इंस्टीट्यूट है जिनके परीक्षा परिणाम हिडेन (अदृश्य) में हैं। ऐसे संस्थान न तो छात्र का रोल नंबर देते हैं और न ही उनके नाम का उल्लेख करते हैं, मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता। रविन्द्रपुरी के ओरिगेन्स कोचिंग के परीक्षा परिणामों के सवाल पर विष्णु देवा ने कहा संख्या बल के हिसाब से देखें तो उनके यहां ज्यादा बच्चे पढ़ रहे थे, किन्तु जिस तरह से उनके टॉप रिजल्ट आना चाहिए था वैसा नहीं आया। जबकि कैटजी का बच्चा ज्यादा अच्छा नंबर लाया और हमारे यहां के बच्चा जिसने 267 नंबर लाया है जो उनसे काफी अच्छा है। कहा कि कैटजी का क्वालिटी वाइस रिजल्ट नहीं है।

टॉप 5 के सवाल पर विष्णु देवा ने क्या कहा सुनने के लिये इस वीडिओ देखें

चौथे पायदान पर ओरिगेन्स कोचिंग  को माना जा सकता

जेईई मेन-2018 के परीक्षा परिणामों में चौथी पायदान पर ओरिगेन्स कोचिंग  को माना जा सकता है। बावजूद इसके रविन्द्रपुर स्थित ओरिगेन्स कोचिंग को लोग व्यवहारिक तौर पर डीपीएस स्कूल की कोचिंग मानते हैं, जिसके निदेशक सुनील सिंह मीडिया से बातचीत करने से कतराते हैं क्योंकि अभी कुछ ही वर्षों पहले कैटजी महमूरगंज से अलग होकर डीपीएस स्कूल के सहयोग से इन्होंने रविन्द्रपुरी में काफी ताम-झाम के साथ कोचिंग संस्थान की शुरूआत किया। किन्तु परीक्षा परिणामों में जितनी अपेक्षा है उसमें सर्वश्रेष्ठ साबित नहीं हो पा रहे हैं। फिर भी औरों से बेहतर हैं। इनके जेईई के परीक्षा परिणामों की दावेदारी पर गौर करें तो जनरल कैटेगरी में क्रमश: एआईआर 1629 अभिषेक अवस्थी, एआईआर 4032 जिवेश मिश्रा,  एआरईआर 4783 रिषी रोशन सिंह के अतिरिक्त एआईआर 5229 शैफाली सिंह आदि हैं। ओरिगेन्स कोचिंग ने जेईई मेन में अपने विज्ञापन 500 विद्यार्थीयों में से लगभग 3 दर्जन (36) विद्यार्थीयों के सफलता का दावा किया है।

एल-1, कोटा-टू-कोटा, स्काई ट्यूटोरियल्स, प्राइम क्लासेस के हैं अपने दावे

इन कोचिंग संस्थानों के अतिरिक्त संख्या बल और विज्ञापनों की होड़ में एल-1कोचिंग किसी से कम नहीं है। एल-1 ने भी जेईई मेन-2018 के सफल विद्यार्थियों के फेहरिस्त में एआईआर 443 जनरल तथा एआईआर 972 जनरल दीपक का नाम व फोटो के साथ लाखों रूपये का विज्ञापन विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया है, जिनमें सफल विद्यार्थीयों की संख्या लगभग 40 है, किन्तु किसी भी विद्यार्थी का रोल नंबर, जन्मतिथि तथा विद्यालय के नाम का उल्लेख न होने के चलते यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि इनका परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत सही होगा। क्योंकि पूर्व में भी इनके संदिग्ध परीक्षा परिणामों को लेकर थाना भेलूपुर में कई बार मुकदमा भी कायम हो चुका है। यह बात अलग है कि अपने प्रभाव के चलते बचते रहे। अपने परीक्षा परिणामों के बारे में एल-1 कोचिंग के निदेशक बृजेश सिंह भी मीडिया से बातचीत करने में कतराते हैं।

इन कोचिंग संस्थानों के अलावा जेईई मेन 2018 में सफल विद्यार्थीयों के फेहरिस्त में कोटा-टू-काशी, स्काई ट्यूटोरियल्स, प्राइम क्लासेस आदि के भी  अपने-अपने दावे हैं।

कुल मिलाकर प्रतिवर्ष बनारस की कबीरनगर कोचिंग मंडी में डॉक्टर और इंजीनियर का बनाने का सपना दिखाने वाले दर्जनों कोचिंग संस्थान खुलते हैं जहां पूर्वांचल सहित बिहार तथा आस- पास के सैकड़ों विद्यार्थीयों का लाखों रूपया डकराने के बाद कभी भी भाग खड़े होते हैं। जिसका परिणाम रहता है, दूर-दराज, गांव-देहात के गरीब किसान अपनी जमीन गिरवी रखकर अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य का सपना देखने वाले खुद को ठगा सा महसूस करते हैं।


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

6694


सबरंग